जमीन का खेला, जांच का आदेश, तरकश की खबर पर पंजीयन विभाग हरकत में, देखिए DIG का जांच आदेश...
सबसे तेज और विश्वसनीय न्यूज वेबसाइट npg.news के सबसे पॉपुलर वीकली कॉलम तरकश में प्रकाशित 'जमीन का खेला' खबर को संज्ञान में लेते हुए न केवल जांच का आदेश दिया है।
रायपुर। प्रदेश के सबसे तेज और विश्वसनीय न्यूज वेबसाइट npg.news के सबसे पॉपुलर वीकली कॉलम तरकश में प्रकाशित 'जमीन का खेला' खबर को संज्ञान में लेते हुए न केवल जांच का आदेश दिया है बल्कि इस खेल में संलिप्त भू माफियाओं और अधिकारियों से वसूली करने भी कहा है। बता दें, npg.news के संपादक संजय के. दीक्षित का यह साप्ताहिक स्तंभ प्रदेश में काफी लोकप्रिय है। हर रविवार को तरकश स्तंभ प्रकाशित होता है। देखिए तरकश में छपी खबर और पंजीयन विभाग के डीआईजी के जांच का आदेश...
ऐसा भी खेला:-
रजिस्ट्री विभाग के जरिये राजधानी में बड़ा खेला चल रहा है। दरअसल, 25 डिसमिल से कम कृषि जमीन को प्लॉट माना जाता है और उसका मूल्यांकन प्लॉट के गाइडलाइन रेट से किया जाता है। प्लॉट के रेट और कृषि भूमि के रेट में पांच से दस गुना का फर्क रहता है। लेकिन शहरो में खेती-किसानी को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने ये नियम निकाला कि अगर क्रेता अपना खेती का रकबा बढ़ाने के लिए अपने कृषि भूमि के सीमा से लगे भूमि को खरीदे, तब 25 डिसमिल से कम बिना लगी भूमि को भी कृषि भूमि मानी जाएगी। लेकिन, नौकरशाहों से लेकर भूमाफिया, इसका खूब फायदा उठा रहे हैं। आलम यह है कि रजिस्ट्री अधिकारियों के जरिये 25 डिसमिल से कम किसी भी जमीन को कृषि भूमि के रेट में धड़ल्ले से रजिस्ट्री किया जा रहा है। कुछ आईएएस अधिकारियों के यहां मारे गए छापे में इसका खुलासा हुआ। अलबत्ता, अधिकारियों, भूमाफियाओं और रजिस्ट्री अधिकारियों के इस मिली-जुली कुश्ती से सरकार को ना केवल स्टांप और रजिस्ट्री खर्चे का नुकसान हो रहा है, बल्कि इनकम टैक्स, कैपिटल गेन टैक्स, कच्चे के रकम में अदायगी के फलस्वरूप मनी लांड्रिंग को बढ़ावा मिल रहा है।