रायपुर। छत्तीसगढ़ के एक लाख से ज्यादा संविदा, दैनिक वेतन भोगी और अनियमित कर्मचारी करीब पौने पांच साल से नियमितीकरण की राह देख रहे हैं। उन्हें उम्मीद था कि गुरुवार को हुई कैबिनेट की बैठक में सरकार इस पर कोई फैसला लेगी। कैबिनेट की बैठक से दो दिन पहले डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव ने भी इसको लेकर संकेत दिया था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इस बीच सरकार के उच्च पदस्थ सूत्रों का कहना है कि कैबिनेट की बैठक में इस पर बात हुई है। सरकार नियमितीकरण का वादा पूरा करेगी, लेकिन इसकी घोषणा अभी वक्त लग सकता है।
बताया जा रहा है कि सरकार भी अपने इस वादा को पूरा करने की दिशा में 2019 से ही प्रयास कर रही है, लेकिन विभागों से पूरी जानकारी नहीं मिलने के कारण मामला अटका हुआ है। सामान्य प्रशासन विभाग (जीएडी) 2019 से ही सक्रिय है। बीते चार वर्षों जीएडी ने कई बार विभागों को पत्र लिखकर उनके यहां कार्यरत संविदा, दैवेभो और अनियमित कर्मचारियों की जानकारी मांग चुका है। विभागीय अफसरों के अनुसार अभी तक केवल 24 विभागों ने ही पूरी जानकारी भेजी है। बाकी 23 विभागों से अभी तक जानकारी प्राप्त नहीं हुई है।
जानिए... कब होगी नियमितीकरण की घोषणा
कांग्रेस ने 2018 के अपने जन घोषणा पत्र में नियमितीकरण का वादा किया था। सरकार के उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार ऐसे में सरकार अपना यह वादा पूरा भी करेगी, लेकिन इसकी घोषणा अगले महीने होगी। बताया जा रहा है कि 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के मौके पर सीएम भूपेश बघेल इसकी घोषणा कर सकते हैं।
तीन दिन से हड़ताल पर बैठे हैं संविदा कर्मचारी
राज्य भर के 45 हजार संविदा कर्मी तीन दिन से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे हुए हैं। संविदा कर्मचारियों का कहना है कि वे बीते साढ़े चार साल से नियमितीकरण की मांग कर रहे हैं सरकार के मेनिफेस्टो में भी उनके नियमितीकरण की बात थी पर अब तक सरकार ने इस दिशा में कमेटी बनाने के अलावा कोई भी ठोस कदम नहीं उठाया है उनकी मांगों पर सरकार के ध्यान नहीं देने की वजह से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया गया है।