पांच दिन हड़ताल: 34% डीए की मांग पर सफल आंदोलन के बाद भी सरकार की चुप्पी, अगली रणनीति बनाने 3 को बैठेंगे कर्मचारी नेता
रायपुर। केंद्र के समान 34 प्रतिशत महंगाई भत्ता और गृह भाड़ा भत्ते की मांग को लेकर प्रदेशभर के सरकारी कर्मचारी अधिकारियों ने 29 जून को जंगी प्रदर्शन किया। एक दिन की हड़ताल में ही सरकारी कामकाज का पूरा सिस्टम ठप पड़ गया। दफ्तरों में काम नहीं होने से लोग परेशान हो गए। इसके बाद भी राज्य सरकार की ओर से कर्मचारियों की मांगों को लेकर कोई सकारात्मक रुख सामने नहीं आया है। इससे नाराज छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन ने इस महीने 5 दिनों के हड़ताल की रणनीति बनाने के लिए 3 जुलाई को बैठक बुलाई है।
राज्य सरकार के कर्मचारी अधिकारियों को केंद्र के कर्मचारियों के समान 34 प्रतिशत महंगाई भत्ते का लाभ नहीं मिल रहा है। हर महीने पांच हजार रुपए का नुकसान हो रहा है। इसे लेकर कर्मचारी आंदोलित हैं। राज्य सरकार के समक्ष अब तक दो चरणों में आंदोलन कर चुके हैं। पहले चरण में सभी जिलों व ब्लॉक स्तर पर सीएम के नाम ज्ञापन देकर 29 जून को कलम बंद काम बंद हड़ताल की चेतावनी दी थी। इसके बाद सरकार की ओर से जब महंगाई भत्ते को लेकर कोई जवाब नहीं आया, तब 29 जून को प्रदेशभर में स्कूल, कॉलेज, यूनिवर्सिटी, तहसील, कलेक्ट्रेट, मंत्रालय, विभागाध्यक्ष भवन और सभी सरकारी दफ्तर बंद रहे।
छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के संयोजक कमल वर्मा ने 3 जुलाई को शंकरनगर स्थित प्रदेश राजपत्रित अधिकारी संघ के कार्यालय में बैठक बुलाई है। इसमें फेडरेशन द्वारा आयोजित चरणबद्ध आंदोलन की समीक्षा की जाएगी। शासन द्वारा 14 सूत्रीय मांगों के संबंध में की गई कार्यवाही और अन्य विषयों पर विस्तृत चर्चा कर तीसरे चरण के आंदोलन की रूपरेखा तैयार करने के संबंध में निर्णय लिया जाएगा। बैठक में सभी संगठनों के प्रांतीय अध्यक्ष, महामंत्री, संभाग प्रभारी, संभाग संयोजक और जिला संयोजकों को बुलाया गया है।