मुंबई 22 मार्च 2022. महाराष्ट्र सरकार ने मंगलवार को वसूली मामले में वांछित आरोपी पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) सौरभ त्रिपाठी को निलंबित कर दिया. महाराष्ट्र सरकार के गृह मंत्रालय द्वारा भेजे गए सौरभ त्रिपाठी के निलंबन प्रस्ताव को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने हस्ताक्षर करने के बाद उसे मंजूरी दे दी है. लाखो की वसूली के मामले में सौरभ त्रिपाठी 19 फरवरी से फरार चल रहे हैं और मुम्बई क्राइम ब्रांच की टीमें लगातार उनकी तलाश में जुटी हुई है.
यह मामला मुंबई की आंगड़िया एसोसिएशन से जुड़ा हुआ है. पिछले साल दिसंबर में अंगडिया एसोसिएशन ने मुंबई के तत्कालीन पुलिस आयुक्त हेमंत नागराले से संपर्क किया था. एसोसिएशन ने जोन-2 के तत्कालीन डीसीपी सौरभ त्रिपाठी पर उगाही का आरोप लगाया गया था. आरोप में कहा गया कि त्रिपाठी उनसे बिजनेस चलाने देने के बदले 10 लाख रुपये हर महीने देने की मांग की जा रही है. आंगडिया एसोसिएशन ने दावा किया था कि दिसंबर में एसोसिएशन के कुछ कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया गया और आयकर विभाग से शिकायत करने की धमकी देकर उनसे 1,820 लाख रुपये से ज्यादा की उगाही की गई.
आंगड़िया एसोसिएशन की शिकायत पर हेमंत नागराले ने आरोपों की जांच के लिए दक्षिण क्षेत्र के अतिरिक्त आयुक्त दिलीप सावंत को नियुक्त किया था. सावंत की शिकायत पर 18 फरवरी को एलटी मार्ग पुलिस थाने में जबरन उगाही का मामला दर्ज किया गया था. इसके बाद इंस्पेक्टर ओम वांगटे, API नितिन कदम और PSI समाधान जामदादे को गिरफ्तार किया गया. पुलिस के मुताबिक जांच आगे बढ़ने के बाद DCP को आरोपी बनाया गया.
केस दर्ज होने के बाद से त्रिपाठी लापता हैं. उनका तबादला DCP जोन से DCP ऑपरेशन के पद पर कर दिया गया था, लेकिन उन्होंने अभी तक कार्यभार नहीं संभाला है. मामले की जांच मुंबई क्राइम ब्रांच की क्राइम इंटेलिजेंस यूनिट (CIU) कर रही है. सौरभ त्रिपाठी ने अग्रिम जमानत के लिए सेशन कोर्ट में याचिका लगाई है. इस पर 23 मार्च को सुनवाई होनी है.