INDIA का V फॉर VIKRANT: देश के समुद्री इतिहास के सबसे बड़े स्वदेशी विमानवाहक पोत का किया जलावतरण...जानें क्या है खूबियां
पीएम नरेंद्र मोदी ने करीब डेढ़ घंटे चली कमिशनिंग सेरेमनी में आईएनएस विक्रांत को नौसेना को सौंपा। नौसेना के ध्वज से अंग्रेज जमाने का निशान मिटाया।
NPG ब्यूरो। पीएम नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को देश के समुद्री इतिहास के सबसे बड़े स्वदेशी विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत को नौसेना को सौंपा। कोच्चि शिपयार्ड में करीब डेढ़ घंटे कमिशनिंग सेरेमनी हुई। इसमें पीएम नरेंद्र मोदी के साथ रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, केरल के सीएम पिनराई विजय और नौसेना के अधिकारी उपस्थित थे। इस दौरान पीएम मोदी ने नौसेना को नया ध्वज भी सौंपा। इसमें अंग्रेज जमाने का लाल क्रॉस निशान हटा दिया गया है। अब नौसेना ध्वज में बाईं ओर तिरंगा, दाईं ओर अशोक चक्र है। इसके नीचे शं नो वरुण: यानी वरुण हमारे लिए शुभ हों लिखा है। पीएम ने कहा कि नौसेना का नया ध्वज छत्रपति शिवाजी महाराज को समर्पित करता हूं। अब तक नौसेना के झंडे पर गुलामी की तस्वीर थी। इसे हटा दिया दिया गया है। शिवाजी की समुद्री ताकत से दुश्मन कांपते थे।
रक्षा क्षेत्र के आत्मनिर्भर बनने का उदाहरण
पीएम मोदी ने कहा कि आईएनएस विक्रांत भारत सरकार के रक्षा क्षेत्र को आत्मनिर्भर बनाने की कोशिशों का उदाहरण है। आज भारत उन देशों की सूची में शामिल हो गया है, जो अपनी तकनीक से ऐसे बड़े जहाज बना सकते हैं। नौसेना के पास एक ऐसा युद्धपोत है, जो अपने आप में एक तैरता एयरफील्ड और शहर है। इस पर बनने वाली बिजली से 5 हजार घर रोशन हो सकते हैं। इसमें लगे केबल तार अगर कोच्चि से शुरू हों तो कन्याकुमारी तक जाएं। पीएम ने कहा कि भारतीयों के लिए यह गर्व का समय है। यह भारत की प्रतिभा का उदाहरण है। सशक्त भारत की तस्वीर है।
दो फुटबॉल मैदान जितना बड़ा तैरता शहर
आईएनएस विक्रांत देश के समुद्री इतिहास का सबसे बड़ा पोत है। यह दो फुटबॉल मैदानों के बरार है। 18 मंजिल लंबा है। विक्रांत 262 मीटर लंबा और 62 मीटर चौड़ा है। आईएनएस विक्रमादित्य के बाद यह दूसरा विमानवाहक पोत है, जिसे रूसी प्लेटफॉर्म पर बनाया गया है। इसमें 16 बेड वाला अस्पताल है। विक्रांत पर 1600 चालक दल के सदस्य और 30 विमान बोर्ड कर सकते हैं। यह ऐसी मशीनों से लैस है जो एक घंटे में 3000 चपातियां बना सकती हैं। एयरक्राफ्ट कैरियर का हैंगर दो ओलंपिक आकार के पूल जितना बड़ा है। प्रारंभ में, युद्धपोत मिग लड़ाकू जेट और कुछ हेलीकॉप्टर ले जाएग।. युद्धपोत की कमान मिलने के बाद नौसेना विमानन परीक्षण करेगी।
पीएम नरेंद्र मोदी ने नौसेना के नए ध्वज को छत्रपति शिवाजी महाराज को समर्पित किया।