IAS पूजा सिंघल भ्रष्टगाथा: पूजा के वर्तमान पति के साथ पूर्व आईएएस पति भी ईडी के रडार पर
IAS पूजा सिंघल भ्रष्टगाथा...
रांची, 10 मई 2022। ईडी के छापे से चर्चा में आई आईएएस पूजा सिंघल के पूर्व पति का भी विवादों से अक्सर नाता रहा है। सिंघल के पूर्व पति राहुल पुरवार झारखंड कैडर के आईएएस अफसर है। 12 वर्ष पहले पूजा सिंघल ने उनसे तलाक लेकर अभिषेक झा से शादी रचाई थी। सरकार की वरिष्ठ आइएएस अफसर पूजा सिंघल के खिलाफ चल रही प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की कार्रवाई की आंच अब उनके पूर्व पति राहुल पुरवार तक पहुंचने वाली है। राहुल पुरवार भी झारखंड के वरिष्ठ आइएएस अफसर हैं। करीब 12 वर्ष पहले घरेलू विवाद के बाद भले ही दोनों तलाक लेकर अलग हो गए थे, लेकिन पूजा सिंघल की संपत्ति में वह पार्टनर भी रहे हैं। इसलिए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) अब उनकी भी जांच-पड़ताल करने की तैयारी में है। ऐसा दावा किया जा रहा कि जांच का दायरा बढ़ते ही ईडी की टीम राहुल पुरवार से भी पूछताछ कर सकती है। शुक्रवार को ही ईडी ने साफ संकेत दे दिया था कि पूजा सिंघल के संपर्क में रहनेवाले सभी लोगों की छानबीन की जाएगी। हालांकि अभी ईडी की नजर पूजा सिंघल के दूसरे पति अभिषेक झा की संपत्ति पर केंद्रित है। सीए सुमन कुमार के घर से 19 करोड़ रुपये नकद मिलने के बाद ईडी इस समय अभिषेक झा के अस्पताल और पूंजी निवेश की पड़ताल कर रही है। सीए की गिरफ्तारी के बाद अभिषेक झा पर भी गिरफ्तारी की तलवार लटकी है। जैसे जैसे संपत्ति का खुलासा होता जाएगा, पूजा सिंघल के तमाम करीबियों पर ईडी का शिकंजा कसता जाएगा।
42 करोड़ रुपये भुगतान के एवज में कमीशन मांगने का आरोप:- राहुल पुरवार झारखंड कैडर के भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी हैं। लंबे समय से झारखंड में रहे हैं। इस समय भी अच्छे ओहदे पर हैं। झारखंड में इनका भी विवादों से गहरा नाता रहा है। पूजा सिंघल से तलाक के कारण सुर्खियों में रह चुके राहुल पुरवार पर वर्ष 2020 में अनियमितता का आरोप लगा था। तब वह बिजली वितरण निगम के प्रबंध निदेशक हुआ करते थे। झारखंड सरकार ने तब उनसे मामले में जवाब तलब किया था। उनको मेमो इश्यू किया था। बाद में वह बिजली वितरण निगम के प्रबंध निदेशक पद से हटा दिए गए थे। सरकार ने उनको झारखंड राज्य निर्वाचन आयोग का मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी बना दिया था।राहुल पुरवार पर आरोप लगा था कि उन्होंने टाटा प्रोजेक्ट्स का 42 करोड़ का भुगतान इसलिए रोक रखा है, क्योंकि उन्हें इसके बदले ढाई प्रतिशत कमीशन चाहिए। विभाग ने जब आरोपों की जांच की तो पता चला कि राहुल पुरवार ने भुगतान संबंधित फाइल रोक रखी है। तब झारखंड विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रहे हेमंत सोरेन ने इस मामले को उजागर किया था।
पुरवार पर लेखा महापरीक्षक ने भी उठाई थी अंगुली:- आइएएस राहुल पुरवार पर आरोप यह भी लग चुका है कि उन्होंने अपने कार्यकाल में ज्यादा दर पर ठेका कंपनियों को काम दिया था। नियमों को ताक पर रखकर टेंडर में ठेका कंपनियों को लाभ पहुंचाया था। उनके कई काम पर लेखा महापरीक्षक ने भी अंगुली उठाई थी। उन पर सरकारी राजस्व को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया गया था। लेखा महापरीक्षक ने कहा था कि राहुल पुरवार ने बिजली खपत के मुकाबले बेहद कम राशि वसूली की। इस कारण सरकार को काफी घाटा सहन कर भरपाई करनी पड़ी। राहुल पुरवार की जांच एंटी करप्शन ब्यूरो यानी एसीबी के जिम्मे चला गया। तब एसीबी ने कई संचिकाएं जब्त कर ली थी। यह मामला स्काडा के प्रोजेक्ट मैनेजमेंट कंसल्टेंट की बहाली से संबंधित था। इसके तहत झारखंड के सभी 24 जिलों में प्रोजेक्ट कंसल्टेंट की बहाली होनी थी।
जानिए आइएएस राहुल पुरवार के बारे में राहुल पुरवार 1999 बैच के (झारखंड कैडर) के भारतीय प्रशासनिक सेवा (आइएएस) अधिकारी हैं। सामान्य प्रशासन, प्रबंधन, वित्त, नियामक कार्यों और न्यायिक जिम्मेदारियों सहित शासन के जटिल क्षेत्रों में कार्य करने का लंबा अनुभव है। झारखंड सरकार में वह विभिन्न भूमिकाओं में नेतृत्व कर चुके हैं। आइएएस अफसर राहुल पुरवार ने झारखंड की राजधानी रांची स्थित आइआइएम से एमबीए की पढ़ाई पूरी की है। इसके अलावा उन्होंने आइआइटी बीएचयू से बीटेक किया है।