केंद्रीय कर्मियों के लिए अच्छी खबर: कर्मचारियों के वेतन में होगी वृर्द्धि, होगा इतना फायदा
रांची 20 फरवरी 2022. कोयलाकर्मियों के वेतन व अन्य सुविधाओं के लिए गठित ज्वाइंट बाइपरटाइट कमेटी (जेबीसीसीआइ)-11 की तीन बैठक हो चुकी है. लेकिन, अब तक वेतन और सुविधाओं पर बात शुरू नहीं हो पायी है. तीसरी बैठक में कोल इंडिया ने मजदूर यूनियनों को वेतन वृद्धि से कंपनी पर पड़ने वाले आर्थिक प्रभाव की जानकारी दी है. बताया है कि अगर वर्तमान व्यवस्था के तहत पांच से 25 फीसदी तक वेतन वृद्धि की जाये, तो हर साल कंपनी पर क्या असर पड़ेगा.
कंपनी की ओर से बताया गया है कि अगर पांच फीसदी की वेतन वृद्धि की जायेगी, तो हर साल कंपनी के 2365 करोड़ रुपये खर्च होंगे. इसमें सबसे अधिक खर्च एसइसीएल का होगा. एसइसीएल को करीब 460 करोड़ रुपये हर साल खर्च करने होंगे. इसी तरह अगर सात फीसदी की वेतन वृद्धि हुई, तो कोल इंडिया पर 2988 करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा. 10 फीसदी वृद्धि करने पर 3916, 15 फीसदी करने पर 5464, 20 फीसदी करने पर 7011 करोड़ व 25 फीसदी वृद्धि करने पर सालाना 8558 करोड़ रुपये का आर्थिक बोझ कंपनी पर पड़ेगा. इसमें सबसे अधिक खर्च करीब 1640 करोड़ रुपये हर साल एसइसीएल को करना होगा.
मजदूर यूनियनों की मांग मानने पर पहले साल खर्च होंगे 56925 करोड़ : मजदूर संगठनों ने एक मांग पत्र दिया है. इस मांग पत्र को पूरा करने पर कोल इंडिया को पहले साल करीब 56925 करोड़ रुपये खर्च करने होंगे. दूसरे साल 53324, तीसरे साल 54147, चौथे साल 54871 तथा पांचवें साल 55524 करोड़ रुपये खर्च करने होंगे. औसतन 54858 करोड़ रुपये खर्च करने होंगे.
बीते समझौते में (जेबीसीसीआइ-10) कोयला कर्मियों का करीब 24 फीसदी वेतन बढ़ा था. 20 फीसदी वेतन वृद्धि व चार फीसदी का विशेष भत्ता मिला था. इस बार यूनियन कुल 50 फीसदी वेतन और भत्ता मद में मांग रही हैं. इस वर्ष का वेतन समझौता एक जुलाई 2020 से बकाया है.