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नवरात्रि के तीसरे दिन होती है देवी चंद्रघंटा की आराधना, ऐसे बनाती हैं माता धनवान... जानें विधि-मंत्र और आरती...

नवरात्रि के तीसरे दिन होती है देवी चंद्रघंटा की आराधना, ऐसे बनाती हैं माता धनवान... जानें विधि-मंत्र और आरती...
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By NPG News

रायपुर 4 अप्रैल 2022. आज यानी की 4 अप्रैल को चैत्र नवरात्रि का तीसरा दिन है. यह दिन मां दुर्गा के चंद्रघंटा स्वरूप को समर्पित है. इस दिन देवी चंद्रघंटा की उपासना की जाती है. देवी की उपासना लाल पुष्प, लाल चुनर और लाल आसन के साथ करना अनिवार्य है. इस दिन भक्तों को देवी चंद्रघंटा को दूध का भोग लगाकर उनकी उपासना करने से बहुत लाभ मिलेगा.

देवी मां के मस्तक पर घंटे के आकार का आधा चंद्र है इसीलिए इन्हें चंद्रघंटा कहा जाता है। इनके शरीर का रंग सोने के समान होने के साथ ही इनके दस हाथ हैं। इन हाथों में खड्ग, अस्त्र-शस्त्र और कमंडल विद्यमान हैं।

तृतीया तिथि दोपहर 1 बजकर 54 मिनट तक रहेगी। चैत्र शुक्ल पक्ष की उदया तिथि तृतीया और सोमवार 4 अप्रैल को है। तृतीया तिथि दोपहर 1 बजकर 54 मिनट तक रहेगी। उसके बाद चतुर्थी तिथि लग जाएगी। आज चैत्र नवरात्रि का तीसरा दिन है, यानि मां दुर्गा की तीसरी शक्ति की उपासना का दिन । आज मां दुर्गा के तीसरे स्वरूप मां चंद्रघंटा की उपासना की जायेगी । देवी मां के माथे पर घंटे के आकार का अर्धचंद्र सुशोभित होने के कारण ही इन्हें चंद्रघंटा के नाम से जाना जाता है ।

माता की चौकी पर माता चंद्रघंटा की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें। इसके बाद गंगा जल या गौमूत्र से शुद्धिकरण करें। चौकी पर चांदी, तांबे या मिट्टीके घड़े में जल भरकर उस पर नारियल रखकर कलश स्थापना करें। इसके बाद पूजन का संकल्प लें और वैदिक एवं सप्तशती मंत्रों द्वारामां चंद्रघंटा सहित समस्त स्थापित देवताओं की षोडशोपचार पूजा करें। इसमें आवाहन, आसन, पाद्य, अध्र्य, आचमन, स्नान, वस्त्र, सौभाग्य सूत्र, चंदन, रोली, हल्दी, सिंदूर, दुर्वा, बिल्वपत्र, आभूषण, पुष्प-हार, सुगंधितद्रव्य, धूप-दीप, नैवेद्य, फल, पान, दक्षिणा, आरती, प्रदक्षिणा, मंत्रपुष्पांजलि आदि करें। तत्पश्चात प्रसाद वितरण कर पूजन संपन्न करें।

मां चंद्रघंटा की पूजा विधि:-

सर्वप्रथम ब्रह्ममुहूर्त में उठकर स्नानादि करने के पश्चात पूजा स्थान पर गंगाजल छिड़कें।

अब मां चंद्रघंटा का ध्यान करें और उनके समक्ष दीपक प्रज्वलित करें।

अब माता रानी को अक्षत, सिंदूर, पुष्प आदि चीजें अर्पित करें।

इसके बाद मां को प्रसाद के रूप में फल और मखाने की खीर अर्पित करें।

अब मां चंद्रघंटा की आरती करें।

पूजा के पश्चात क्षमा याचना करें।

मां का यह स्वरूप परम शांतिदायक और कल्याणकारी है। इनके मस्तक में घंटे का आकार का अर्धचंद्र है, इसी कारण से इन्हें चंद्रघंटा देवी कहा जाता है। इनके शरीर का रंग स्वर्ण के समान चमकीला है। इनके दस हाथ हैं। मां चंद्रघंटा के दस भुजाएं हैं और दसों हाथों में खड्ग, बाण सुशोभित हैं। इन्हें शक्ति और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। माता चन्द्रघंटा देवी का शरीर शरीर सोने की तरह चमकता हुआ प्रतीत होता है। ऐसी मान्यता है कि माता के घंटे की तेज व भयानक ध्वनि से दानव, और अत्याचारी राक्षस सभी बहुत डरते है । देवी चंद्रघंटा अपने भक्तों को अलौकिक सुख देने वाली है। माता चंद्रघंटा का वाहन सिंह है। यह हमेशा युद्ध के लिए तैयार रहने वाली मुद्रा में होती है। मां चंद्रघंटा के गले में सफेद फूलों की माला रहती है।

मां चंद्रघंटा को दूध और उससे बनी चीजों का भोग लगाएं और और इसी का दान भी करें। ऐसा करने से मां प्रसन्न होती हैं और सभी दुखों का नाश करती हैं। भोग के रूप में यदि मां चंद्रघंटा को मखाने की खीर का भोग लगाया जाए तो यह उत्तम रहेगा।

अगर आज के दिन मां चंद्रघंटा के मंत्र का जप किया जाये तो अभी बतायी सभी परेशानियों के साथ ही साधक को शुक्र ग्रह से संबंधी परेशानियों से भी छुटकारा मिलता है। क्योंकि शुक्र ग्रह पर मां चंद्रघंटा का आधिपत्य रहता है। लिहाजा आज आपको मां चंद्रघंटा के मंत्र का जप अवश्य करना चाहिए । मंत्र है-

पिण्डज प्रवरारूढा चण्डकोपास्त्रकैर्युता।

प्रसादं तनुते मह्यम् चन्द्रघण्टेति विश्रुता॥

आज इस मंत्र का 11 बार जप करने से आपको शुक्र संबंधी परेशानियों के साथ ही जीवन में अन्य परेशानियों से भी छुटकारा मिलेगा।

ऋण मुक्ति मंत्र

आज माता चन्द्रघंटा के इस मन्त्र का 51 बार जप करने से आपको जल्द ही ऋण यानि कर्ज से मुक्ति मिलेगी। यह है मंत्र-

दारिद्रय दुःख भय हरिणी का त्वदन्या

सर्वोपकार करणाय सदार्द चित्ता।

ऋण मुक्ति उपाय

आज पीली कौड़ी और हर सिंगार की जड़ को रोली, अक्षत, पुष्प, धूप, दीप से पूजन करके धारण करें, या अपने पास रखें तो ऋण से मुक्ति प्राप्त होगी।

आज सफ़ेद कपड़े में पांच गुलाब के फूल, चांदी का टुकड़ा, चावल और गुड, सफ़ेद कपड़े में रखकर 21 बार गायत्री मन्त्र का पाठ करें। ''मेरी परेशानी उतर जाये मेरा, कर्ज उतर जाये'' मन में ऐसा विचार करते हुये जल में प्रवाहित करें।

आज कमल की पंखुड़ियों में माता को मक्खन मिसरी का भोग लगाकर 48 लौंग और 6 कपूर की आहुति दीजिये। आज केले के पेड़ की जड़ में रोली, चावल, फूल और जल अर्पित करें और नवमी वाले दिन केले के पेड़ की थोड़ी सी जड़ तिजोरी में रखें कर्ज से मुक्ति होगी।

धन प्राप्ति के उपाय

माता महालक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए मन्त्र है-

ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद

श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नमः

आज इस मन्त्र का 108 बार जप करने से आपको अथाह धन की प्राप्ति होगी। आज पान के पत्ते में गुलाब की सात पंखुड़िया रखें और महालक्ष्मी मन्त्र पढ़ते हुये पान को देवी मां को चढ़ा दें।

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