Former IAS OP Chaudhary: ओपी चौधरी को लेकर अमित शाह का बड़ा संकेत: केंद्रीय गृह मंत्री के बयान के बाद बढ़ी सियासी हलचल, देखें वीडियो
Former IAS OP Chaudhary: भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) से राजनीति के मैदान में आए ओपी चौधरी के राजनीतिक भविष्य को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बड़ी बात कही है। इस बार के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने चौधरी को रायगढ़ विधानसभा सीट से प्रत्याशी बनाया है।
Former IAS OP Chaudhary: रायपुर। रायगढ़ विधानसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी ओपी चौधरी के राजनीतिक भविष्य को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बड़ा संकेत दिया है। ओपी को लेकर शाह के बयान से प्रदेश में सियास हलचल बढ़ गई है। भाजपा की भी अंदरुनी राजनीति में इसको लेकर चर्चा शुरू हो गई है। दरअसल शाह ने ओपी को लेकर बात ही ऐसी कह दी है। शाह के इस बयान को ओपी के राजनीतिक कद और भविष्य को लेकर बड़ा संकेत माना जा रहा है।
भाजपा में शाह का कद क्या है यह किसी से छिपा हुआ नहीं है। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रह चुके शाह को पार्टी ही नहीं देश की राजनीति का चाणक्य कहा जाता है। पार्टी में पीएम मोदी के बाद शाह का ही नंबर आता है। इसी वजह से शाह के किसी भी बयान को पार्टी ही नहीं पार्टी के बाहर भी कोई हल्के में नहीं लेता है। शाह किसी दूसरी पार्टी के नेता के बारे में कुछ कह दें तो मामला गंभीर हो जाता है, इस बार तो उन्होंने अपनी ही पार्टी के नेता के बारे में बड़ी बात कह दी है। इस वजह से बात ज्यादा ही गंभीर हो गया है।
दरअसल कल (9 नवंबर) को शाह ओपी के पक्ष में चुनाव प्रचार करने रायगढ़ पहुंचे थे। जहां उन्होंने रोड शो किया। करीब डेढ़ किलो मीटर की यह यात्रा के दौरान शाह बीच-बीच में रथ के मंच से ही जनता को संबोधित भी करते रहे। रथ पर शाह के बगल में ओपी मौजूद थे। शाम ढ़लने के बाद शुरू हुए इस रोड शो में उमड़ी भीड़ और नारों से शाह का बढ़ा हुआ एनर्जी लेबल साफ नजर आ रहा था। शाह ने ओपी की कई बार तारीफ की।
जानिए... भाजपा प्रत्याशी और पूर्व आईएएस ओपी को लेकर क्या कहा शााह ने...
केंद्रीय मंत्री शाह ने रोड शो के रथ से जनता को संबोधित करते हुए कहा कि जनता ओपी को विधायक बनाए, इसके बाद ओपी को बड़ा आदमी बनाने की जिम्मेदारी मेरी है। इसके बाद शाह ने वहां उमड़ी भीड़ से पूछा- ओपी को विधायक बनाएंगे…उन्होंने यह सवाल दो-तीन बार पूछा। हर बार लोगों की तरफ से जवाब हां आया। शाह ने कहा कि जब ओपी ने नौकरी (आईएएस) छोडक़र राजनीति में आने का फैसला किया था तो उन्होंने रोका था, लेकिन ओपी ने छत्तीसगढ़ की जनता के लिए काम करने का संकल्प दिखाया।
तलाशे जा रहे हैं शाह के बयान के मायने
ओपी को बड़ा आदमी बनाए जाने वाले बयान को राजनीतिक विश्लेषक बहुत बड़ा मान रहे हैं। आपको बताते चलें कि ओपी ने दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने भाजपा प्रवेश किया था। पीएम मोदी और शाह व्यक्तिगत रुप से उन्हें जानते हैं। दंतेवाड़ा कलेक्टर रहते ओपी ने वहां एजुकेशन सिटी बनाया था। पार्टी नेताओं के अनुसार पीएम मोदी ने उसकी चर्चा काफी सुनी थी। 09 मई 2015 को जब वे पहली बार दंतेवाड़ा पहुंचे तो वे विशेष रुप से एजुकेशन सिटी देखने गए थे। इसके तीन साल बाद 28 अगस्त 2018 ओपी ने भाजपा प्रवेश किया था।
पूरा समीकरण ओपी के पक्ष में
राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार पूरा समीकरण राजनीति में ओपी के बड़ा आदमी बनने के पक्ष में है। भाजपा की मौजूदा राजनीतिक सोच पूरी तरह ओपी के पक्ष में है। केंद्र सरकार में कई मंत्री और नेता पूर्व ब्यूरोक्रेट्स हैं। ओपी भी ब्यूरोक्रेसी से राजनीति में है। इसके साथ ही वे अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) से आते हैं। यानी सब कुछ उनके अनुकूल है। शाह के इस बयान के बाद कई तरह की अटकले लगाई जा रही हैं। ओपी के राज्य में सरकार बनने पर मंत्री से लेकर सीएम पद का दावेदार बताने के साथ उनके केंद्रीय राजनीति में जाने तक की चर्चा होने लगी है।
गरीबी से संघर्ष करके पहुंचे ऊंचाई तक
ओपी बेहद गरीब परिवार से तालुक रखते हैं। रायगढ़ जिला के बायांग में हुआ था। ओपी महज 8 साल के थे, तभी पिता का साया सिर से उठ गया। संघर्ष के बीच उन्होंने यूपीएससी क्रेक किया और आईएएस बने। महज 23 साल की उम्र में वे आईएएस बने। 2005 बैच के आईएएस रहे चौधरी ने सर्विस के दौरान अपने कामों की वजह से चर्चा में रहे। 13 साल की सेवा के दौरान वे 3 जिलों दंतेवाड़ा, जाजंगीर-चांपा और रायपुर के कलेक्टर रहे। जनसपंर्क विभाग के आयुक्त की भी जिम्मेदारी संभाली। सेवा के दौरान उन्होंने राज्य में ऐसी कई योजनाओं पर काम किया जिससे उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर भी सम्मानित किया गया। धुर नक्सल प्रभावित दंतेवाड़ा जिला की पहचान एजुकेशन सिटी के रुप में स्थापित की। दंतेवाड़ा का एजुकेशन सिटी और प्रयास विद्यालय चौधरी की ही देन मानी जाती है। प्रयास विद्यालयों में नक्सल प्रभावित इलाकों के बच्चों को उच्च प्रतियोगी परीक्षाओं की पढ़ाई के साथ ही रहने के लिए भी सुविधाएं दी जाती है। एजुकेशन सिटी के लिए 2011-12 में तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने उन्हें प्रधानमंत्री एक्सीलेंस अवॉर्ड से सम्मानित किया था।