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IPS का डर...बदमाशों के छक्के छुड़ाने वाले आईपीएस को UPSC इंटरव्यू में क्यों शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा...एसीबी चीफ ने किया खुलासा, पढ़ें क्या थी वजह

आईपीएस आरिफ शेख ने आठवीं कक्षा की कविता के साथ बयां किया अपना डर, डर के आगे जीत की कहानी भी बताई

IPS का डर...बदमाशों के छक्के छुड़ाने वाले आईपीएस को UPSC इंटरव्यू में क्यों शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा...एसीबी चीफ ने किया खुलासा, पढ़ें क्या थी वजह
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By NPG News

रायपुर, 28 मई 2022। क्या आईपीएस अफसर को भी डर लगता है...एसीबी-ईओडब्ल्यू के चीफ IPS आरिफ शेख ने बचपन में स्कूल में पढ़ी एक कविता के साथ अपने डर की कहानी बयां की है। साथ ही, डर के आगे जीत की कहानी भी बताई है। यहां पढ़ें, आरिफ के ही शब्दों में...

"जब मैं आठवी में था तो अंग्रेजी विषय में एक कविता थी "Confession of a born Spectator" जिसके कवि Fredrik Ogden Nash थे। इस कविता में कवि यह कहता है कि जीवन में उसे कोई खेल खेलने में बिलकुल रुचि नहीं है। खिलाड़ी का त्याग, सम्मान, उसका struggle, उसकी चोट, इन सब से दूर इनको देखने में ही परमानंद आता है और वो बड़ी बेबाकी से इसको स्वीकार भी करता है।

मेरा भी हाल कुछ ऐसा ही है..खेल के बारे में कहा जाए तो मैं हमेशा से इसमें medicocre ही रहा हूं...चाहे फिर वो कोई भी खेल हो। UPSC interview के लिए भी biodata में सिर्फ भरना था इसलिए cricket लिख तो दिया था...लेकिन इसके बारे में जब सवाल पूछा गया की "किस श्रेणी में क्रिकेट खेलते हो?" तो gully cricket से भी नीचे के स्तर पे ( box cricket) खेलता हूं, इसको बड़ी शर्मिंदगी के साथ स्वीकार कर उत्तर देना पड़ा🙈

National Police Academy में भी मुझमें कोई खास फर्क नहीं पड़ा। वहां तो हर एक संसाधन भरपूर थे, हमको तराशने...लेकिन कहते हैं ना कि कुछ व्यक्तियों में जोश भरपूर होता है पर कौशल नहीं होता.. यहाँ तो दोनों ही नहीं थे 😅। जिले में जब एसपी पदस्थ रहते हैं तो मातहत लोग ये expect करते रहते हैं कि उनका एसपी हर फील्ड में कैप्टन हो..चाहे काम हो या क्रिकेट। इसीलिए जिले में क्रिकेट बड़े cautiously खेलना होता था..सभी को पहले बैटिंग पे जाओ कहते हुए ये जताने की कोशिश करनी होती है कि मैं team man हूं... और अंत में बैटिंग के लिए उतर कर अगर out भी हुए तो कोई प्राब्लम नही , लेकिन कहीं opener उतर के ही zero पे out हुए तो भारी मजाक बनने का डर और किरकिरी होती है..इसीलिए हमेशा से अपना नारा रहा है " Ogden Nash" जिंदाबाद!

लेकिन आज शायद सूरज कहीं दूसरी ओर से उग आया या फिर सुबह की नरम धूप में मुझे कोई मिल गया के " जादू" की शक्तियां प्राप्त हुई ये तो पता नही लेकिन " yours truly" ने आज तक के 40 साल के जीवन में पहली बार 50 का आंकड़ा पार किया है..इससे पहले fix score तो duck ही होता था...लेकिन आज 32 गेंद में 58 not out score किए जिसमे 8 चौके और एक छक्का शामिल है।

आज पहली बार लग रहा है की Nash कही ना कही गलत है..हो सकता है अपने आपके बारे में जो आपकी संकल्पना या धारणा है वो गलत हो ....जीवन में भाग जाने से अच्छा है भाग लो......you will never regret in life 😎

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