Farmer Suicide: CG हर महीने 12 किसान कर रहे हैं आत्महत्या: 22 महीने में 264 ने दी जान, 51 ने नशा और 54 ने बीमारी के कारण की खुदकुशी
Farmer Suicide: सरकार किसानों की आय बढ़ाने से लेकर उन्हें समृद्ध बनाने का दावा करती है। इसके बावजूद किसानों की आत्महत्या के मामले कम नहीं हो रहे हैं। राज्य में हर महीने करीब 12 किसान आत्महत्या कर रहे हैं।
Farmer Suicide: रायपुर। छत्तीसगढ़ में किसानों की खुदकुशी के आंकड़े चौकाने वाले हैं। राज्य में 1 अप्रैल 2020 से 1 जनवरी 2022 तक 22 महीने में 264 किसानों ने आत्महत्या की है। यानी हर महीने 12 किसान आत्महत्या कर रहे हैं। यह आंकड़े प्रदेश में कांग्रेस सरकार के दौर के हैं। जब राज्य सरकार किसानों को उपज की सबसे ज्यादा कीमत मिलने, कृषि का रकबा बढ़ने के साथ ही किसानों के खुशहाल होने का दावा कर रही थी। छत्तीसगढ़ की प्रमुख फसल धान है। राज्य के 80 प्रतिशत से ज्यादा किसान धान की खेती करते हैं। इस साल प्रदेश में धान की खरीदी 3100 रुपये प्रति क्विंटल की दर पर की गई है, जो देश में सर्वाधिक है। इसके बावजूद हर महीने 12 किसानों के आत्महत्या करने की खबर चौकाने वाली है।
किसानों के आत्महत्या के आंकड़े सरकारी हैं। दरअसल विधानसभा के मौजूदा बजट सत्र में राज्य में किसानों के आत्महत्या को लेकर कांग्रेस के जैजैपुर विधायक बालेश्वर साहू ने प्रश्न किया था। इसके लिखित उत्तर में प्रदेश के डिप्टी सीएम और गृह मंत्री विजय शर्मा ने सदन को यह जानकारी दी है। सदन में दी गई जानकारी के अनुसार आत्महत्या करने वाले 51 किसानों के मौत की वजह नशा है, जबकि 54 ने बीमारी के कारण जान दी है। पारिवारिक समस्या के कारण 27, आज्ञत कारणों से 43 और 87 मामलों में आत्महत्या की वजह से अन्य कारण बताया गया है। सरकरी दावों के विपरती आत्महत्या करने वाले 2 किसानों की मौत की वजह कृषिगत बताया गया है।
जाने...किस जिला में सबसे ज्यादा किसानों ने की खुदकुशी
प्रदेश के 33 जिलों में सबसे ज्यादा सरगुजा में किसानों ने आत्महत्या की है। विधानसभा में दिए गए लिखित उत्तर में डिप्टी सीएम शर्मा ने बताया कि 1 अप्रैल 2020 से 1 जनवरी 2022 के बीच सरगुजा में 69 किसानों ने आत्महत्या की। सारंगढ़ में 65, बलौदाबाजार में 58 और बिलासपुर में किसानों की खुदकुशी का आंकड़ा 44 है। कोरबा और कबीरधाम में 6-6 किसानों ने आत्महत्या की है।
छत्तीसगढ़ में किसानों की संख्या
प्रदेश सरकार की रिपोर्ट के अनुसार राज्य में करीब 37 लाख 46 हजार किसान परिवार हैं। वर्ष 2000 में छत्तीसगढ़ राज्य बना तब प्रदेश में कुल आबादी का 44.54 प्रतिशत किसान और 31.91 प्रतिशत मजूदर थे। 2011 की जनगणना में यह आंकड़ा उल्टा हो गया। किसानों की संख्या घटकर 32.88 रह गई और मजदूरों का प्रतिशत बढ़कर 41.80 पहुंच गया। विधानसभा के मौजूदा बजट सत्र में सरकार की तरफ से पेश किए गए सामाजिक आर्थिक सर्वेक्षण 2023 की रिपोर्ट के अनुसार राज्य में 21 लाख 41 हजार 660 किसान परिवार हैं। वहीं, मजदूरों में लगे परिवारों की संख्या 25 लाख 28 हजार 625 है।