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Election Commission: NPG Exclusive: 126 वोट की लीड 16 पर...भड़के मनसुख मांडविया ने खड़का दिया चुनाव आयोग को फोन, कई अफसर नपते-नपते बचे

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Election Commission: NPG Exclusive: 126 वोट की लीड 16 पर...भड़के मनसुख मांडविया ने खड़का दिया चुनाव आयोग को फोन, कई अफसर नपते-नपते बचे
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By Sanjeet Kumar

Election Commission: रायपुर। कल शाम एक नाटकीय घटनाक्रम के बाद कांकेर के रिटर्निंग आफिसर ने भाजपा के आशाराम नेताम को 16 वोटों से जीत घोषित कर दिया। छत्तीसगढ़ में यह सबसे छोटी जीत रही। इससे पहले सूबे में इतनी छोटी जीत किसी की भी नहीं रही है। 2018 के विधानसभा चुनाव में धमतरी से बीजेपी की रंजना साहू ने 646मतों से सबसे छोटी जीत दर्ज की थी।

बहरहाल, आशाराम की जीत को लेकर कल शाम बड़ा बवाल हुआ। रायपुर से लेकर चुनाव आयोग तक हिल गया। दरअसल, कांकेर सीट से बीजेपी के आशाराम नेताम ने कांग्रेस के शंकर ध्रुवा से 126 मतों से बढ़त बना ली थी। कम लीड वाले केस में निर्वाचन आयोग का डाकमतों की मेंडेटरी रीवेरिफिकेशन का प्रोटोकॉल है। मेंडेटरी रीवेरिफिकेशन में आश्चर्यजनक तौर पर बीजेपी प्रत्याशी का जीत का मार्जिन 126 से घटकर 16 पर आ गया। इतना होने के बावजूद कांकेर का रिटर्निंग आफिसर आशाराम का रिजल्ट रोक दिया। बीजेपी नेताओं के बार-बार अनुरोध के बाद भी जीत घोषित नहीं की जा रही थी। बात रायपुर में प्रदेश भाजपा मुख्‍यालय कुशाभाऊ ठाकरे भवन तक पहुंची। यहां से सीनियर नेताओं ने कांकेर जिला प्रशासन के अधिकारियों को फोन लगाया। फिर भी बात नहीं बनी। फिर चुनाव प्रभारी मनसुख मांडविया को फोन किया गया। मनसुख उस समय दिल्ली में थे। उन्होंने चुनाव आयोग में फोन लगाकर इसकी शिकायत करते हस्तक्षेप की मांग की। मनसुख ने इस पर भी हैरानी जताई कि 126 की लीड डाक मत पत्रों की मेंडेटरी रीवेरिफिकेशन में 16 पर कैसे आ सकती है। इस पर हंगामा मच गया। सूत्रों का कहना है कि चुनाव आयोग से लगातार छत्तीसगढ़ की मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी रीना बाबा कंगाले को फोन आने लगा। हालांकि, बताते हैं रीना ने चार बजे ही रिजल्ट घोषित करने का निर्देश दे दिया था। मगर उस पर अमल नहीं हुआ। आयोग का जब फोन आने लगा तो रीना बाबा ने तेवर दिखाते हुए कहा कि 10 मिनट के भीतर अगर रिजल्ट घोषित नहीं हुआ तो उपर से लेकर नीचे सभी को सस्पेंड कर दूंगी। इसके बाद शाम साढ़े छह बजे कांकेर का रिजल्ट घोषित हो पाया।

हालांकि, इसी तरह का एपीसोड अंबिकापुर में भी हुआ। डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव 157 मतों से पिछड़ गए थे। इसके बाद डाक मतपत्रों की मेंडेटरी रीवेरिफिकेशन किया गया। उनका मार्जिन भी घटकर 94 पर आ गया। मगर रिजल्ट घोषित नहीं किया जा रहा था। सीईओ ने आरओ को फोन लगाया तो फौरन नतीजे जारी हो गए। सत्ता और ब्यूरोक्रसी के गलियारों में इन दोनों घटनाओं की बड़ी चर्चा है।

नो कमेंट्स...इस खबर की पुष्टि के लिए एनपीजी न्यूज ने सीईओ रीना बाबा से संपर्क किया। उन्होंने न इसकी पुष्टि की और न ही खंडन किया। उन्होंने कहा...नो कमेंट्स।

Sanjeet Kumar

संजीत कुमार: छत्‍तीसगढ़ में 23 वर्षों से पत्रकारिता में सक्रिय। उत्‍कृष्‍ट संसदीय रिपोर्टिंग के लिए 2018 में छत्‍तीसगढ़ विधानसभा से पुरस्‍कृत। सांध्‍य दैनिक अग्रदूत से पत्रकारिता की शुरुआत करने के बाद हरिभूमि, पत्रिका और नईदुनिया में सिटी चीफ और स्‍टेट ब्‍यूरो चीफ के पद पर काम किया। वर्तमान में NPG.News में कार्यरत। पंड़‍ित रविशंकर विवि से लोक प्रशासन में एमए और पत्रकारिता (बीजेएमसी) की डिग्री।

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