ED Raid in Chhattisgarh: सीएम के राजनीतिक सलाहकार वर्मा बोले- मेरे घर लूट और डकैती हुई है, बताया ईडी ने छापे में उनके घर से क्या-क्या किया है जब्त
ED Raid in Chhattisgarh: ईडी ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के राजनीतिक सलाहकार विनोद वर्मा और सीएम के दो ओएसडी सहित चार लोगों के यहां छापा मारा था। इसको लेकर विनोद वर्मा ने आज पत्रकार वार्ता लेकर मीडिया को जानकारी दी।
ED Raid in Chhattisgarh: रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के राजनीतिक सलाहकार विनोद वर्मा ने ईडी के छापे को लेकर बड़ा बयान दिया। कांग्रेस के प्रदेश मुख्यालय राजीव भवन में प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए वर्मा ने कहा कि कल मेरे घर पर लूट और डकैती हुई है। छापे के दौरान उनके घर से जब्त गहने और नगद आदि की जानकारी देते हुए वर्मा ने बताया कि कार्यवाही के दौरान हम बार-बार ईडी के अफसरों से छापे का आधार पूछते रहे, लेकिन उन्होंने कुछ नहीं बताया। वर्मा ने कहा कि मेरे घर में जो कुछ भी है मेरी कमाई का है। उन्होंने बताया कि छापे के दौरान ईडी को दिए बयान में भी अपने साफ कहा कि आप ने मेरे घर में लूट और डकैती की है। आप मुझे प्रताडि़त कर रहे हैं। प्रेसवार्ता में कांग्रेस के संचार विभाग के प्रदेश अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला, राष्ट्रीय मीडिया समन्वयक राधिका खेरा सहित अन्य प्रवक्ता मौजूद थे।
जानिए... ईडी ने विनोद वर्मा से क्या-क्या किया जब्त
वर्मा ने बताया कि उनके घर से कुल 2 लाख 55 हजार 300 रुपये नगद मिला। इसमें कुछ पैसे मेरे बेटे की शादी के रिसेप्शन में मिले हुए थे, वो पैसे वैसे ही लिफाफो में बंद थे। वर्मा ने बताया कि लिफाफो में रखे रुपये की पूरी जानकारी हमने ईडी को दी। उन्होंने बताया कि 2005 के पहले तक मेरी स्थिति गहने खरीदने की नहीं थी, उसके बाद से अब तक जिनते भी गहने खरीदे उनमें से एक को छोड़कर बाकी सभी गहनों के बिल हमने ईडी को दिया। 6 ऐसे गहनों का भी बिल दिया जा गहने हमने अपने किसी रिश्तेदार को उपहार में दिए थे। बिल दिखाने के बावजूद ईडी पूरे गहने जब्त कर ले गई।
ईडी ने विनोद वर्मा के यहां क्यों मारा छापा
ईडी ने सीएम भूपेश के राजनीतिक सलाहकार विनोद वर्मा के यहां महादेव सट्टा एप और मनी लॉड्रिंग में शामिल होने के आरोप में छापा मारा है। वर्मा ने बताया कि इस छापे के लिए ईडी के पास केवल दो आधार थे। उन्होंने बताया कि एक पत्रिका में उनके खिलाफ लेख छपा था। वर्मा ने बताया कि मैगजीन छपे लेखक को लेकर उन्होंने दुर्ग पुलिस औश्र डीजीपी को दिसंबर 2022 में पत्र लिखकर जांच करने की मांग की थी। वर्मा ने कहा कि वे इस मामले में मैगजीन की संपादक के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्यवाही करेंगे। दूसरा महादेव एप मामले में पकड़े गए पुलिस एएसआई चंद्रभूषण वर्मा का कथित बयान है। वर्मा ने बताया कि सीबी वर्मा से वे केवल एक बार मिले हैं। उन्होंने बताया कि चंद्रभूषण वर्मा को ढाई साल पहले खुद उन्होंने ऑफिस बुलाया कर आगाह किया था कि मेरे नाम लेकर कुछ भी करोगे तो मैं कार्यवाही करा दुंगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि चंद्रभूषण वर्मा ने उनका कोई रिश्ता नहीं है। बता दें कि तीन अन्य लोगों के साथ ईडी ने एसआई वर्मा गिरफ्तार कर कल ही कोर्ट में पेश किया था।
राजनीतिक रुप से नहीं लड़ सकते इसलिए ईडी और अन्य जांच एजेंसियों का उपयोग कर रहे
वर्मा ने कहा कि भाजपा का प्रदेश और केंद्रीय नेतृत्व ईडी, इनकम टैक्स और सीबीआई जैसी केंद्रीय एजेंसियों के भरोसे चुनाव लड़ना चाह रही है, इसलिए जानबुझ कर कांग्रेस पार्टी के लिए काम करने वाले और मुख्यमंत्री के करीबियों को बदनाम करने की कोशिश कर रहे है। उन्होंने दावा किया कि मैंने आज तक ऐसा कोई काम नहीं किया जिसकी वजह से मेरी पार्टी, सरकार या मुख्यमंत्री की छवि पर दाग लगे।
ईडी ले आए मेरे खिलाफ कोई सबूत
सीएम के राजनीतिक सलाहकार वर्मा ने कहा कि ईडी के पास मेरे खिलाफ कोई सबूत नहीं है। उन्होंने कहा कि मुझे खुशी होगी अगर ईडी मेरे खिलाफ कोई भी सबूत ले आए। वर्मा ने बताया कि मेरे परिवार में मेरी मां सहित 6 लोग हैं सभी के पास आमदनी का जरिया है। मेरी मां को पिता जी के पेंशन मिलता है।
कानूनी नहीं राजनीतिक कार्यवाही करने आए थे
वर्मा ने कहा कि ईडी कल कानूनी नहीं राजनीतिक कार्यवाही करने आई थी। उन्होंने बताया कि छापे के लिए उनके घर पर पहुंचे अफसरों ने एक बार नहीं बल्कि 5-5 बार यह कहा कि आप तो पता है यह सब क्यों हो रहा है।