ईडी डायरेक्टर संजय मिश्रा का कार्यकाल बढ़ा, सर्वोच्च न्यायालय ने कहा देश हित के लिए दे रहे अनुमति
नई दिल्ली। ईडी डायरेक्टर संजय मिश्रा का कार्यकाल बढ़ाने वाली केंद्र सरकार की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कार्यकाल बढ़ाने हेतु अनुमति दे दी। हल्ला किया सिर्फ 15 सितंबर तक के लिए है जबकि केंद्र सरकार 15 अक्टूबर तक के समय मांग रही थी सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि व्यापक जनहित व देशहित के लिए इसकी अनुमति दी जा रही है। इससे पहले भी ईडी डायरेक्टर को हटाने के निर्देश सुप्रीम कोर्ट 11 जुलाई को जारी कर चुकी थी।
ईडी डायरेक्टर संजय मिश्रा को 2018 में ईडी का डायरेक्टर बनाया गया था। उनका कार्यकाल नवंबर 2020 नियत किया गया था। पर केंद्र सरकार ने लगातार तीसरी बार सेवा विस्तार देते हुए मिश्रा का कार्यकाल नवंबर 23 तक निर्धारित कर दिया था। जिसके खिलाफ मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस समेत 6 पार्टियों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई थी और संजय मिश्रा का कार्यकाल बढ़ाने के आदेश को निरस्त करने की मांग की थी। जिस पर 11 जुलाई को दिए गए फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने 2021 में शीर्ष अदालत के फैसले के आदेश का उल्लघंन करने के लिए ईडी प्रमुख मिश्रा के कार्यकाल विस्तार को अवैध करार दिया था। और 31 जुलाई तक ही कार्यकाल सीमित करने के निर्देश दिए थे।
जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार ने एक नई याचिका लगा संजय मिश्रा के कार्यकाल बढ़ाने की जरूरत बताई। सुनवाई जस्टिस बीआर गवई,विक्रम नाथ और संजय करोल की बेंच में हुई। जिसमें सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि वित्तीय कार्यबल को लेकर दौरा नवंबर में है,और संजय मिश्रा पिछले पांच साल से इस मामले की तैयारी में जुड़े है। भारत को जो रेटिंग मिलेगी उसका व्यापक फायदा मिलेगा। वर्ल्ड बैंक की क्रेडिट रेटिंग पर भी सकारात्मक असर पड़ेगा। विरोध करते हुए अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि या लोग ऐसे ही बना रहे हैं जैसे देश का भार एक ही व्यक्ति के कंधों पर है। इस व्यक्ति को 2 साल पहले पद से हटा देना चाहिए था कार्यबल का मूल्यांकन 1 साल चलेगा इस तरह तो यह 2024 तक कार्यकाल की मांग करेंगे इनकी दलीलों को स्वीकार नहीं किया जा सकता।
बेंच ने भी इस पर कड़ी टिप्पणी करते हुए पूछा कि क्या सभी बाकी अधिकारी अयोग्य है? केंद्र को फटकार लगाते हुए अदालत ने सवाल किया कि क्या निर्वतमान प्रमुख के अलावा पूरा विभाग अयोग्य लोगो से भरा पड़ा है? जिस पर सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि परिस्थितियां असामान्य है 3 नवंबर से एफएटीएफ भारत का दौरा करेगा। यह पिछले पांच वर्षो की समीक्षा है। यह कोई वार्षिक अभ्यास नही है। निरंतरता से देश को मदद मिलेगी। कई देश ग्रे लिस्ट में है। जैसे कि कुछ समय पहले तक पाकिस्तान था। कई देश इस कोशिश में है कि भारत की रेटिंग गिरे। पर भारत अभी अच्छी रेटिंग में है और उसे और भी बेहतर करना है।
अदालत ने कहा कि सामान्य परिस्थितियों में हम इस तरह के आवेदन को स्वीकार नहीं करेंगे। व्यापक जनहित व देशहित को ध्यान में रखते हुए हम ईडी के निदेशक को 15 सितंबर 2023 तक पद पर बने रहने की अनुमति देते हैं। इसके बाद ईडी निदेशक के कार्यकाल के विस्तार की मांग करने वाले केंद्र के किसी भी अन्य आवेदन पर विचार नहीं किया जाएगा और मिश्रा 15 सितंबर 2030 की मध्य रात्रि से पद पर नहीं रहेंगे।