नशे में डॉक्टर: डॉक्टरों से मारपीट करने वाले 2 के खिलाफ अपराध दर्ज, संसदीय सचिव ने पल्ला झाड़ा, डॉक्टरों पर लगाए गंभीर आरोप
जशपुर 26 मई 2022। डॉक्टरों से मारपीट करने के मामले में पुलिस ने दो आरोपियों पर अपराध दर्ज कर लिया है। दूसरी तरफ संसदीय सचिव यूडी मिंज ने कहा है कि उनके लौटने के बाद मारपीट की घटना हुई थी। और जिनके खिलाफ एफआईआर हुई वह उनके कार्यकर्ता नही है। पुलिस जांच करने हेतु स्वतंत्र है।
दुलदुला सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में बीती रात कलेक्टर रितेश अग्रवाल व संसदीय सचिव यूडी मिंज निरीक्षण करने पहुँचे थे। उनके वापस लौटने के बाद दो लोगो ने वहां पदस्थ दो डाक्टरो से मारपीट की थी। घटना से से क्षुब्ध दोनो डाक्टरो ने बीएमओ को इस्तीफा सौप दिया था। व आज डाक्टरो व स्टाफ ने काम बंद कर दुलदुला थाने में मारपीट करने वाले दो व्यक्तियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई है। कलेक्टर ने भी मामले में चार सदस्यीय जांच कमेटी बनाई है। भाजपा ने भी मुद्दे को भुनाते हुए दुलदुला थाने के सामने संसदीय सचिव यूडी मिंज का पुतला दहन किया।
मामले में एनपीजी से चर्चा करते हुए संसदीय सचिव यूडी मिंज ने कहा कि वे रात्रि में निरीक्षण हेतु नही गए थे। बल्कि उन्हें फोन आया कि कुछ लोग डिलवरी के लिए वहां पहुँचे हैं डॉक्टर उपलब्ध नही है। गर्भवती के परिजनों का फोन आने पर वें जनता का जनप्रतिनिधि होने के नाते मदद के उद्देश्य से अस्पताल पहुँचे। संसदीय सचिव के अनुसार पूर्व में भी वहां स्टाफ के अनुपस्थित रहने व परिसर में शराब खोरी की शिकायतें उन्हें मिली थी। लिहाजा उन्होंने एसडीएम को फोन किया और साथ मे अस्पताल चलने को कहा। एसडीएम के साथ तहसीलदार भी आये फिर वे लोग सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुँचे। वहां पहुँच कर उन्होंने देखा कि कलेक्टर रितेश अग्रवाल उनसे पहले से वहां पहुँचे हैं। उन्हें भी किसी ने डिलवरी के लिए डॉक्टर उपलब्ध न होने की सूचना दी थी। जिसके बाद वे पहुँचे थे। संसदीय सचिव ने बताया कि जब वे पहुँचे तो डॉक्टर नदारद थे। रात्रि लगभग साढ़े ग्यारह बजे उनके पहुँचने के बाद बुलवाने पर डॉक्टर पहुँचे। पूछने पर उन्होंने डिनर पर जाने की बात कही तब उनसे पूछा गया कि इतने देर तक कैसे डिनर कर रहे थे। संसदीय सचिव ने बताया कि डॉक्टर खुद नशे में थे इसलिए उन्हें कलेक्टर व मेरे द्वारा फटकार लगाई गई। उनका कैरियर खराब न हो इसलिए उनका एमएलसी नही करवाया गया। उनके लौटने के बाद मारपीट हुई होगी जिसकी जानकारी उन्हें बाद में मीडिया के माध्यम से ही मिली।
संसदीय सचिव ने प्रश्न उठाते हुए कहा कि यदि डॉक्टरों के साथ रात में मारपीट हुई तो उन्होंने रात को ही एफआईआर क्यो नही करवाई। संसदीय सचिव के अनुसार यदि डॉक्टर रात को एफआईआर करवाने जाते तो उनका भी एमएलसी होता जिसमे सारी सच्चाई सामने आ जाती लिहाजा डॉक्टर सुबह एफआईआर दर्ज करवाने पहुँचे। संसदीय सचिव के अनुसार एफआईआर में आरोपी बनाए गए दोनो व्यक्ति उनके कार्यकर्ता नही है।