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डॉक्टरी की पढ़ाई हिंदी में: अमित शाह ने हिंदी में लिखी तीन किताबों का किया विमोचन, 6 माह में इंजीनियरिंग की भी किताब

डॉक्टरी की पढ़ाई हिंदी में: अमित शाह ने हिंदी में लिखी तीन किताबों का किया विमोचन, 6 माह में इंजीनियरिंग की भी किताब
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By NPG News

भोपाल। डॉक्टरी की पढ़ाई अब हिंदी में भी हो सकेगी। इसके लिए तीन हिंदी माध्यम की पुस्तकें तैयार की गई हैं, जिसका केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने विमोचन किया। पीएम नरेंद्र मोदी के आह्वान के बाद मध्यप्रदेश पहला राज्य बन गया है, जहां एमबीबीएस की किताबों का अंग्रेजी से हिंदी में अनुवाद किया गया है। राजधानी भोपाल में आयोजित समारोह में गृहमंत्री शाह ने कहा कि सीएम शिवराज सिंह ने मोदीजी की इच्छा पूरी की है। यह क्षण देश में शिक्षा क्षेत्र के पुनर्निर्माण का क्षण है। देशभर में 8 भाषाओं में पढ़ाई हो रही है। यूजी नीट देश की 22 भाषाओं में हो रही है। 10 राज्य इंजीनियरिंग की पढ़ाई मातृभाषा में करवा रहे हैं।

शाह ने कहा, 'सोचने की प्रक्रिया अपनी मातृभाषा में ही होती है, इसलिए नेल्सन मंडेला ने कहा था कि यदि आप किसी व्यक्ति से उसकी भाषा में बात करते हैं तो वह उसके दिमाग में जाती है। अनुसंधान अपनी भाषा में हो तो भारत के युवा भी किसी से कम नहीं हैं। वे विश्व में भारत का डंका बजाकर आएंगे। मध्यप्रदेश ने मेडिकल की पढ़ाई हिन्दी में कराने संकल्प लिया है। इससे देश में क्रांति आएगी।'


कुछ दिनों बाद इंजीनियरिंग की पढ़ाई भी हिन्दी में शुरू होगी। इसके लिए सिलेबस के अनुवाद का काम शुरू हो गया है। छह माह बाद, पॉलीटेक्निक और इंजीनियरिंग की पढ़ाई हिन्दी में करने का मौका मिलेगा।

बता दें कि पीएम मोदी के आह्वान के बाद सीएम शिवराज सिंह ने चिकित्सा शिक्षा विभाग को हिंदी में किताब तैयार कराने की जिम्मेदारी दी थी। इसके बाद 97 डॉक्टरों की टीम ने चार महीने तक मेहनत कर अंग्रेजी की किताबों का हिंदी में अनुवाद किया। यह ध्यान रखा गया कि हिंदी अनुवाद करने पर मायने न बदल जाएं, जिससे समझने में मुश्किल हो।

अंग्रेजी के मकड़जाल में फंस जाते थे हिंदी माध्यम के बच्चे

सीएम शिवराज सिंह ने कहा कि गरीब परिवारों के बच्चे, जो हिंदी माध्यम में पढ़कर मेडिकल कॉलेज तो पहुंच जाते थे, लेकिन अंग्रेजी के मकड़जाल में फंस जाते हैं। कई ने तो मेडिकल की पढ़ाई छोड़ दी या फिर आत्महत्या तक पहुंच गए। मैंने एक बच्चे से पूछा- डॉक्टरी की पढ़ाई क्यों छोड़ दी, उसने रोते हुए कहा था कि मामा अंग्रेजी समझ नहीं आती। हिंदी में पढ़ाई ऐसे बच्चों के लिए काम आएगी। सीएम ने कहा कि आज का दिन ऐतिहासिक है। यह काम तो आजादी के बाद ही हो जाना था, लेकिन यह अब हो रहा है। अंग्रेज चले गए, लेकिन हमें अंग्रेजी का गुलाम बना गए।

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