Diwali 2022: इस बार मां लक्ष्मी जरूर आएंगी आपके द्वार, बस दिवाली के दिन रखें इन बातों का ध्यान, बरसेगा धन अपार
Diwali 2022 : खुशियों और रोशनी का त्यौहार दिवाली। इस त्योहार के दिन आपको कुछ बेहद ही जरूरी बातों का ध्यान रखना होता है, ताकि आपके घर में सुख-समृद्धि का वास हो सके। ऐसा माना जाता है कि दिवाली के दिन घर में देवी लक्ष्मी का वास होता है। ऐसे में इस दिन घर को साफ-सुथरा व सजाकर रखना चाहिए। दीपावली कई दिन का त्योहार है जो धनतेरस से शुरू हो कर भैया दूज तक चलता है। दीपोत्सव के इन पांच दिनों के दौरान व्यक्ति को सुबह ज्यादा देर तक सोने से परहेज करना चाहिए। दीपावली के दिनों में व्यक्ति को ब्रह्म मुहूर्त में ही उठकर घर की साफ-सफाई कर लेनी चाहिए। जो लोग सूर्योदय के बाद तक सोते रहते हैं, उन्हें देवी लक्ष्मी की कृपा नहीं मिल पाती।
दिवाली रखें इन बातों का ध्यान
त्योहारों के समय, तो पकवान बनाने और बाजार से लाने का सिलसिला भी खूब चलता है। ऐसे में अगर बाजार से मिठाइयां ला रहे हैं, तो खोये या दूध की मिठाईयों को खरीदने और खाने से बचें, क्योंकि त्योहारी मौसम में इन चीजों में मिलावट अपने चरम पर होती है।
त्योहारों के समय की लापरवाही आपकी त्वचा को नुकसान पहुंचा सकती है, क्योंकि यह साफ-सफाई का समय होता है। समय-समय पर त्वचा की सफाई, स्क्रबिंग और बालों का ध्यान रखें, ताकि त्योहार पर आप सही मायने में खूबसूरत दिखाई दें। समय निकालकर घर पर ही मसाज एवं फेसपैक का प्रयोग करें।
पटाखों से सावधान रहें। इस बार कोरोना के संकट के बीच दिवाली पड़ी है। ऐसे में पटाखों से बच कर रहें, खुद को और खासकर वृद्ध लोगों को धुएं से बचा कर रखें। सर्दी का मौसम और धुआं सेहत पर विपरीत असर डाल सकता है।
दिवाली पर दीये जलाने की परम्परा
दीपावली पर दीये जलाने का बहुत महत्व है। पूजा में कितने दीये जलाएं जाएँ और उनको कहां कहां पर रखा जाए इसका भी विधान है। दीपावली के दिन उत्तर दिशा में नीले और पीले बल्व लगाने से घर में लक्ष्मी का आगमन होता है। दीयों का भी विशेष महत्व है। दीये की संख्या का ध्यान देना बहुत जरूरी है। इसके लिए 11, 21, 51 यह शुभ संख्या मानी जाती है। इस संख्या में दिये जलायें और लक्ष्मी माँ का पूजन करते समय 11 घी के दीये अवश्य जलाने चाहिये। इससे घर हमेशा धन धान्य से भरपूर रहता है।
दिवाली पर ऐसे होंगी मां लक्ष्मी प्रसन्न
पहला दीपक मां लक्ष्मी का समक्ष जलाया जाता है। लक्ष्मी जी के सामने पीतल या किसी अन्य धातु का जलाया जा सकता है। उसके बाद पांच मिट्टी के दीपकों में गाय का घी डालकर उसे पूजा स्थान पर घर के कुलदेवी-देवताओं के लिए रखना चाहिए। यह कार्य आप अपने घर की परंपरा के अनुसार कर सकते हैं।
मां लक्ष्मी के सामने दीपक जलाने के बाद दूसरा दीपक मंदिर में जलाकर रख दें। तीसरा दीपक तुलसी के पौधे में जलाने से आरंभ करें और एक दीपक तुलसी में जलाएं। तुलसी में दीपक जलाने के बाद दरवाजे को दोनों ओर दीपक जलाकर रखें। एक दिया दरवाजे पर बनी रंगोली के बीचो-बीच रखें। दरवाजे पर दीपक जलाने के बाद पांचवा दीपक पीपल के वृक्ष के नीचे रखें। छठा दीपक पास के किसी देवस्थान पर प्रज्वलित करें। एक दीपक जहां आपका कूड़ा रखा जाता है, वहां पर रखें।
आठवें दीपक को बाथरुम में रखें। नौंवे दीपक को घर की मुंडेर पर रखें। दस नंबर के दीपक को घर की गैलरी या बाहरी दीवार पर रखें। ग्याहरवें दीपक को खिड़की पर जलाएं। बारहवें दीपक को छत पर रख दें। तेरहवें दीपक को किसी चौराहे पर रख आएं। चौंदहवे दीपक को अपने पितरों के लिए रखना चाहिए। अगर आपने गाय आदि पाल रखी है तो पंद्रहवें दीपक को गौशाला में जलाकर रखें।
दिवाली पर जरूर करें ये काम
उत्तर दिशा कुबेर दिशा मानी जाती है। इस दिशा को साफ सुथरा कर यहां पानी से भरा कटोरा या फव्वारा आदि रखें।
मां लक्ष्मी को आमंत्रित करने के लिये घर के द्वार को तोरण से सजायें। आम के पत्तों या अशोक के पत्तों से बनी तोरण शुभ मानी जाती है।
मुख्य द्वार पर चावल और सिंदूर के मिश्रण से तैयार किये माँ लक्ष्मी के पैरों के चिन्ह जरूर अंकित करें। इनकी दिशा घर के अन्दर की तरफ होनी चाहिये।
दरवाजे पर हल्दी से ॐ या स्वास्तिक का चिन्ह जरूर बनाएं।
कुछ चीजें घर में रखने से माँ लक्ष्मी की असीम कृपा मिलती है। पूजा में इस्तेमाल किये गये सिक्कों को लाल कपड़े में सुनहरे धागे के साथ तिजोरी या अलमारी में रखना चाहिये।
घर में सम्पत्ति धन हमेशा बना रहे इसलिये लक्ष्मी गणेश के पूजन में कौड़ियां अवश्य रखनी चाहिए।
इस दिन नई झाड़ू से घर की सफाई करें।