उटपटांग पाकिस्तान: बिजली कटौती से बचने के लिए रात 8.30 तक दुकानें और 10 के बाद शादियों पर रोक, कम चाय पीने पर जोर...
श्रीलंका के बाद भारत के एक और पड़ोसी देश पाकिस्तान के आर्थिक हालात तेजी से बिगड़ रहे हैं।
NPG डेस्क, 20 जून 2022। बिजली कटौती की समस्या से बचना है तो रात 8.30 के बाद दुकानें बंद कर दें। रात 10 के बाद शादियां नहीं होनी चाहिए। आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है तो शादियों में सिर्फ ही एक व्यंजन रखें। चाय पीना बंद कर दें। ये उटपटांग फैसले पाकिस्तान सरकार के हैं। दरअसल, श्रीलंका के बाद अब पाकिस्तान भी गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहा है। पाकिस्तान में बिजली की समस्या भी है। लाहौर और कराची में भी 14-14 घंटे बिजली कटौती जा रही है। इस समस्या के मद्देनजर सरकार कई अजीबोगरीब फैसले ले रही है। सरकार के मंत्री ऐसे-ऐसे सुझाव दे रहे हैं कि पाकिस्तान के लोग ही सोशल मीडिया पर मजाक बना रहे हैं।
दरअसल, पाकिस्तान में आर्थिक हालात बिगड़ने के कारण ही इमरान खान के हाथ से सत्ता चली गई। इसके बाद शाहबाज शरीफ पाकिस्तान के नए वजीरे-आला बने। लोगों को उम्मीद थी कि नई सरकार देश को संकट की स्थिति से उबारने के लिए कुछ बड़े फैसले करेगी, लेकिन शाहबाज सरकार के मंत्रियों के उटपटांग सुझावों से सरकार की किरकिरी हो रही है। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने बिजली की समस्या से बचने के लिए दुकानों की समय-सीमा बदलने का सुझाव दिया। आसिफ ने ट्वीट किया, 'हमारे बाजार दोपहर 1 से रात 1 बजे तक खुलते हैं। खुदा ने जब हमें सूरज की रौशनी दी है, फिर हम कारोबार के लिए बिजली क्यों खर्चते हैं।' सरकार को यह आइडिया भा गया और बाजार बंद होने का वक्त रात 8.30 मुकर्रर कर दिया गया।
इसी कड़ी में प्लानिंग एंड डेवलपमेंट मिनिस्टर अहसान शाह ने चाय कम पीने का फरमान सुना दिया। अहसान ने कहा कि ज्यादा चाय पीने से सरकार पर बोझ पड़ता है। पाकिस्तान दुनिया का सबसे बड़ा आयातक है। पाकिस्तान ने बीते साल 6000 करोड़ की आय का आयात किया था।
इसी तरह का एक फैसला शादियों में सिर्फ एक डिश परोसने का है। सरकार ने आदेश जारी किया है कि शादियों में एक से ज्यादा डिश न परोसी जाए।
पहले छुट्टी रद्द की, फिर बहाल की
बिजली और पेट्रोलियम की समस्या के मद्देनजर इमरान खान सरकार ने सरकारी दफ्तरों में फाइव डे वीक वर्किंग का फैसला किया था। शाहबाज शरीफ ने इस फैसले को रद्द करते हुए फिर से शनिवार को दफ्तर खोलने का निर्णय लिया। हालांकि बाद में उन्हें यह समझ आया कि इमरान खान सरकार का ही फैसला सही था। इसके बाद इसे फिर से लागू कर दिया गया। यही नहीं, खैबरपख्तूनख्वाह प्रांत में तो शुक्रवार को वर्क फ्रॉम होम का कान्सेप्ट लाया गया है।