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देश में पहली बार पिता के बाद पुत्र भी सीजेआई: जस्टिस चंद्रचूड़ थे 16वें चीफ जस्टिस और पुत्र 50वें, पढ़िए विस्तृत...

देश में पहली बार पिता के बाद पुत्र भी सीजेआई: जस्टिस चंद्रचूड़ थे 16वें चीफ जस्टिस और पुत्र 50वें, पढ़िए विस्तृत...
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DY Chandrachud, YV Chandrachud

By NPG News

NPG DESK

जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ देश के अगले चीफ जस्टिस होंगे। मौजूदा चीफ जस्टिस यू.यू. ललित ने अपने उत्तराधिकारी के तौर पर केंद्र सरकार से जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ के नाम की सिफारिश की है।चंद्रचूड़ 9 नवंबर को चीफ जस्टिस का पदभार ग्रहण करेंगे। उनका कार्यकाल 10 नवंबर 2024 तक रहने की संभावना है। इससे पहले उनके पिता वाईवी चंद्रचूड़ भी देश के 16वें चीफ जस्टिस रह चुके हैं। इस तरह यह पहला मौका होगा जब पिता के बाद बेटा भी देश के मुख्य न्यायाधीश का पद ग्रहण करेगा।

धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ (डीवाई चंद्रचूड़) देश के 50वें मुख्य न्यायाधीश होने जा रहे हैं। वे जस्टिस यू. यू. ललित का स्थान लेंगे। 11 नवंबर 1959 को जन्‍मे न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ सुप्रीम कोर्ट के मौजूदा सिटिंग जज हैं।इनके पिता वीवाई चंद्रचूड़ भारत के 16वें चीफ जस्टिस थे। उनका कार्यकाल 22 फरवरी, 1978 से 11 जुलाई, 1985 तक लगभग 7 साल तक रहा, जोकि अब तक का सबसे लंबा समय है।अब पिता के रिटायर होने के 37 साल बाद जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ को भी वही जिम्मेदारी मिलने जा रही है।

* शिक्षा

डीवाई चंद्रचूड़ ने सेंट स्टीफंस कॉलेज, नई दिल्ली से अर्थशास्त्र में ऑनर्स के साथ बीए किया है और दिल्ली विश्वविद्यालय के कैंपस लॉ सेंटर से एलएलबी की है। इसके बाद उन्होंने प्रतिष्ठित हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में पढ़ाई की।हार्वर्ड में, उन्होंने लॉ में मास्‍टर्स और न्यायिक विज्ञान में डॉक्टरेट पूरी की।उन्‍होंने ऑस्‍ट्रेलियन नेशनल यूनिवर्सिटी, हार्वर्ड लॉ स्‍कूल, येल लॉ स्‍कूल और दक्षिण अफ्रीका में लेक्‍चर्स भी दिए हैं।

*पूर्व में दी गई सेवाएं

जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने पहले गुजरात, कलकत्ता, इलाहाबाद, मध्य प्रदेश और दिल्ली के उच्च न्यायालयों में एक वकील के तौर पर प्रैक्टिस की है। उन्हें 1998 में बॉम्बे हाईकोर्ट द्वारा सीनियर एडवोकेट के रूप में नामित किया गया था।वर्ष 1998 से 2000 तक उन्‍होंने भारत के एडिशनल सॉलिसिटर जनरल के रूप में भी कार्य किया है। 29 मार्च 2000 को वे बॉम्बे हाईकोर्ट के जज बनाए गए थे। वे 31 अक्टूबर 2013 से इलाहाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रहे। वे 13 मई 2016 को सुप्रीम कोर्ट के जज नियुक्त किए गए थे।

*महत्वपूर्ण निर्णय

जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कुछ बेहद महत्वपूर्ण फैसले दिए और कुछ महत्वपूर्ण मामलों पर दिए गए फैसलों में वे पीठ के सदस्य रहे। उनके प्रमुख निर्णय-

1. हाल ही में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग, सरकार राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली और अन्य के निर्णय में न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा कि सभी महिलाएं सुरक्षित और कानूनी गर्भपात की हकदार हैं।निर्णय में कहा गया कि मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी एक्ट के तहत 22 से 24 हफ्ते तक गर्भपात का हक सभी महिलाओं को है। इस बेंच की अगुआई भी जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ कर रहे थे।

2. जस्टिस चंद्रचूड़ अयोध्या विवाद का फैसला करने वाली 5 जजों की बेंच का भी हिस्सा थे।न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने एक अलग सहमति वाला निर्णय दिया।

3. इन्होंने इंडियन यंग लॉयर्स एसोसिएशन बनाम केरल राज्य में फैसला सुनाया कि सबरीमाला मंदिर से 10 से 50 वर्ष की आयु की महिलाओं को बाहर करना संवैधानिक नैतिकता का उल्लंघन है।

4. नोएडा के ट्विन टावर को गिराने के लिए दिए गए फैसले में भी जस्टिस चंद्रचूड़ का हाथ था।

इसके अलावा भीमा कोरेगांव, समलैंगिकता, आधार और केरल हाई कोर्ट द्वारा दिए गए अखिला अशोकन उर्फ हादिया और शफीन की शादी को रद्द करने के फैसले को भी उन्होंने खारिज कर दिया था।

*जस्टिस पिता के दो आदेशों को पलटा भी था

जस्टिस चंद्रचूड़ ने 2017-18 में पिता के दिए गए दो फैसलों को ही पलट दिया था। इसमें एडल्टरी लॉ और शिवकांत शुक्ला वर्सेज एडीएम जबलपुर के फैसले को पलटा था। 2018 में इस फैसले को पलटते हुए जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की बेंच ने कहा- एडल्टरी लॉ पितृसत्ता का संहिताबद्ध नियम है।सेक्सवल ऑटोनोमी को महत्व दिया जाना चाहिए।

जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ का सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्यकाल दो साल का होगा। चंद्रचूड़ के 10 नवंबर 2024 को सेवानिवृत्ति होने की संभावना है। क्योंकि सुप्रीम कोर्ट के जज 65 वर्ष की आयु में और उच्च न्यायालय के न्यायाधीश 62 वर्ष की आयु में सेवानिवृत्त होते हैं।

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