Demonetisation Breaking News: नोटबंदी पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला...केंद्र को क्लीन चीट, जस्टिस नागरत्न ने जताई फैसले से असहमति
Demonetisation Breaking News: Supreme Court's big decision on demonetisation...Clean cheat to the Centre, Justice Nagaratna expressed disagreement with the decision
Demonetisation Verdict नई दिल्ली। नोटबंदी पर आज सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला आया है। देश की शीर्ष अदालत ने नोटबंदी को सही करार दिया है। कोर्ट ने कहा है कि नोटबंदी से पहले सारी प्रक्रियाओं का पालन किया गया। रिजर्व बैंक से बात की गई। पांच जजों की बेंच ने यह अहम फैसला सुनाया।
जस्टिस एस अब्दुल नजीर ने इस बेंच की अध्यक्षता की। इस बेंच में जस्टिस नजीर के अलावा जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस एएस बोपन्ना, जस्टिस वी रामासुब्रमण्यन और जस्टिस बीवी नागरत्ना शामिल रहे। भारत सरकार ने 2016 में आठ नवंबर की रात 500 और 1000 रुपए के नोटों को बंद कर दिया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वयं देश के नाम संबोधन में इसका ऐलान किया था। प्रधानमंत्री के इस एलान के बाद देश भर के बैंकों, एटीएम पर लंबी-लंबी लाइनें लगी हुई दिखी थीं। लोगों ने पुराने नोट बदलकर नए नोट हासिल करने के लिए बैंकों में टूट पड़े थे।
आज 5 जजों की बेंच ने नोटबंदी पर फैसला सुनाया। हालांकि, इस दौरान जस्टिस बीवी नागरत्न फैसले से असमत नजर आईं। उन्होंने कहा कि नोटबंदी का फैसला कानून के जरिए किया जाना था। कोर्ट ने केंद्र सरकार, रिजर्व बैंक और याचिकाकर्ताओं की दलीलों को विस्तार से सुनने के बाद पिछले सात दिसंबर को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। भारत सरकार ने इसे अकादमिक मुद्दा बताया था। केंद्र ने कहा था कि अदालत ऐसे मामले का फैसला नहीं कर सकती है, जब 'बीते वक्त में लौट कर' कोई ठोस राहत नहीं दी जा सकती है। अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणि ने नोटबंदी की वजहों के बारे में कोर्ट को विस्तार से बताते हुए कहा था कि नोटबंदी कोई अकेला कदम नहीं था बल्कि एक व्यापक आर्थिक नीति का अहम कदम था।