गौमूत्र के सेवन से दीर्घायु होता है आदमी, कैंसर से लेकर सर्दी जुखाम तक के लिए राम वाण, फायदे जान रह जायेंगे दंग...

रायपुर। भारत में गाय का दर्जा मां के समान है। इसे कामधेनु के नाम से भी जाना जाता है। यही कारण है कि गाय के दूध से लेकर गौ मूत्र व गोबर तक को पवित्र माना गया है। गौ-मूत्र के फायदे आयुर्वेद में कई बताए गये हैं। गाय के पेशाब (Cow Urine) से कई बिमारियों का इलाज किया जा सकता है। जानिए गौ-मूत्र या गाय के पेशाब के क्या-क्या फायदे हैं...
गौमूत्र महत्वपूर्ण क्यों
गोमूत्र इतना महत्वपूर्ण क्यों है?गौ मूत्र इसलिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसमें कई औषधीय गुण होते हैं। एनसीबीआई (नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन) की वेबसाइट पर प्रकाशित शोध के मुताबिक, गोमूत्र आयरन, कैल्शियम, फास्फोरस, कार्बोनिक एसिड, पोटाश, नाइट्रोजन, अमोनिया, मैंगनीज, सल्फर, फोस्फेट, पोटेशियम, यूरिक एसिड, अमीनो एसिड आदि से समृद्ध होता है।
इसके अलावा, इसमें 95% पानी, 2.5% यूरिया, 24 प्रकार के नमक और 2.5% एंजाइम पाए जाते हैं। यही नहीं, गोमुत्र के लाभ कैंसर, एडिमा, एनीमिया और मधुमेह जैसे रोगों के लक्षणों को कम करने में देखे जा सकते हैं। साथ ही गौ मूत्र एंटीऑक्सीडेंट गुण से भी समृद्ध होता है, जो मुक्त कणों से होने वाले नुकसान से बचाने में मदद कर सकता है।
गौमूत्र के फायदे
कैंसर से बचाव
गौमूत्र में कैसर को रोकने वाली 'करक्यूमिन' पायी जाती है।कैंसर की चिकित्सा में रेडियो एक्टिव एलिमेन्ट प्रयोग में लाए जाते है। गौमूत्र में विद्यमान सोडियम, पोटेशियम, मैग्नेशियम, फास्फोरस, सल्फर आदि में से कुछ लवण विघटित होकर रेडियो एलिमेन्ट की तरह कार्य करने लगते है और कैंसर की अनियन्त्रित वृद्धि पर तुरन्त नियंत्रण करते है। कैंसर कोशिकाओं को नष्ट करते है। अर्क आँपरेशन के बाद बची कैंसर कोशिकाओं को भी नष्ट करता है। यानी गौमूत्र में कैसर बीमारी को दूर करने की शक्ति समाहित है। कैंसर के मरीज के लिए काली रंग की गाय का गौमूत्र लेना चाहिए, और ध्यान रखना चाहिए गाय गर्भवती ना हो, इसके लिए बेस्ट है गाय की बछड़ी या बछड़े का गौ मूत्र लिया जाए।
दांत की तकलीफ
आधे कप गुनगुने पानी में 2 चम्मच गौमूत्र मिलाकर कुल्ला करने से दांत दर्द और पायरिया में फायदा होता है।
इंफेक्शन में फायदेमंद
शरीर को इंफेक्शन से बचाने के लिए भी गौ-मूत्र का उपयोग किया जा सकता है। गाय के पेशाब में बैक्टीरिया से लड़ने वाले गुण पाये जाते हैं। गले की खराश और अन्य तरह के गले के इंफेक्शन के इलाज में गौ-मूत्र का उपयोग किया जाता है।
रोग प्रतिरोधक क्षमता बढाने
रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए गाय के मूत्र उपयोग फायदेमंद होता है। गाय के मूत्र में एंटी-ऑक्सीडेंट गुण पाया जाता है। जो शारीर के रोग को नष्ट कर रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ता है।
जख्म भरने के लिए
गाय का मूत्र जख्मों को भरने के लिए भी उपयोगी साबित हो सकता है। दरअसल, इसमें एलांटोइन नामक कंपाउंड मौजूद होता है, जो घाव भरने की प्रक्रिया को तेज कर सकता है। साथ ही गोमूत्र शरीर को नुकसान पहुंचाने वाले रसायनों के उत्पादन को रोक सकता है। इसके अलावा, यह कोलेजन जो एक तरह के प्रोटीन का समूह होता है और टिशू के निर्माण में भी मदद कर सकता है, जिससे जख्मों को भरने में मदद मिल सकती है ।
पीलिया रोग में फायदेमंद
पीलिया के रोगियों के लिए गोमूत्र अमृत के सामान माना जाता है और इसे पीने से ये रोग जल्द ही हीक हो जाता है। पीलिया के रोगी को 15 दिनों तक गोमूत्र में फिटकरी डालकर सेवन करें।
सर्दी-जुकाम
आधे कप गुनगुने पानी में 2 चम्मच गौमूत्र और चुटकी भर आग पर फूली हुई फिटकरी डालकर लेने से फायदा होता है।
बुढ़ापा रखे दूर
गौमूत्र का सेवन छानकर किया जाना चाहिए। यह वैसा रसायन है, जो वृद्धावस्था को रोकता है और शरीर को स्वस्थ्यकर बनाए रखता है।
गौ-मूत्र से पाचन तंत्र का इलाज
गाय के पेशाब से पाचन तंत्र की परेशानियों का इलाज भी किया जाता है। गौ-मूत्र में नींबू का रस मिलाकर सुबह पीने से पाचन तंत्र की सारी समस्याएं ठीक होने लगती है। कब्ज-गैस व एसिडिटी जैसी समस्या से छुटकारा पाने के लिए भी गौ-मूत्र लाभदायक होता है।
कब्ज़
आधे कप गुनगुने पानी में दो चम्मच गौमूत्र और एक चम्मच सोंठ मिलाकर पीने से कब्ज़ दूर होती है।
जॉइंट पेन
जोड़ों के दर्द में दर्द वाले स्थान पर गौमूत्र से सेकाई करने से आराम मिलता है। सर्दियों के मौषम में इस परेशानी में सोंठ के साथ गौ मूत्र पीना फायदेमंद बताया गया है।
गैस
गैस की शिकायत में प्रातःकाल आधे कप पानी में गौ मूत्र के साथ नमक और नींबू का रस मिलाकर पीना चाहिए।
हार्ट डिज़ीज़
आधे कप पानी में 2 चम्मच गौमूत्र के साथ 1-1 चम्मच आंवला, अर्जुन और शतावरी का पाउडर मिलाकर पीने से हार्ट संबंधित बीमारी में राहत मिलती है।
किडनी प्रॉब्लम
आधे कप पानी में 2 चम्मच गौमूत्र के साथ 1-1 चम्मच आंवला, कुलथी और शतावरी का पाउडर मिलाकर पीने से किडनी की तकलीफ में राहत मिलेगी।
लिवर प्रॉब्लम
3 चम्मच गौमूत्र में 1-1 चम्मच आंवला, कालमेघ और सोंठ मिलाकर सुबह-शाम लेने से लिवर हेल्दी रहता है।
स्किन प्रॉब्लम
कई बार शरीर पर सफेद दाग या कुष्ठ हो जाता है। ऐसी स्थिति में, बावची/बाकुची को गोमूत्र में मिलाकर पीस लें और इसे सफेद दागों पर रात्रि के समय लगाएं और सुबह इसे गौमूत्र से ही धोएं। ऐसा प्रतिदिन करने से कुछ दिनों में दाग बिल्कुल ठीक हो जाएँगे। अगर शरीर में अत्यधिक खुजली होती हो तो जीरा में गौमूत्र मिलाकर इसके लेप को शरीर पर लगाना चाहिए। इससे भी खाज-खुजली दूर होती है। गौमूत्र अन्य त्वचा की बीमारियों जैसे एक्जिमा, सोरायसिस आदि में भी फायदेमंद है।
वज़न कम करने में सहायक
गौमूत्र मोटापा कम करने में भी सहायक है। एक ग्लास ताजे पानी में चार बूंद गौ मूत्र के साथ दो चम्मच शहद और एक चम्मच नींबू का रस मिलाकर नियमित पीने से लाभ मिलता है।
गले के लिए फायदेमंद
गौ मुत्र को गले में खराश के इलाज के लिए कुल्ला करने के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। कुल्ला करने के लिए, गौमूत्र अर्क उपयोग करने की बजाए ताजा गौ मुत्र का प्रयोग करें। एक चम्मच गौमूत्र लेकर हल्का सा गर्म करें। अब इसमें एक चम्मच शहद, एक चुटकी हल्दी पाउडर की अच्छी तरह मिलाएं। अब इस मिश्रण से 1-2 मिनट के लिए कुल्ला करें।