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छतीसगढ़ के आबकारी विभाग को झारखंड की शराब नीति बनाने व बिकवाने के लिए बनाया गया कंसल्टेंट, मंत्री ने बताया...

छतीसगढ़ के आबकारी विभाग को झारखंड की शराब नीति बनाने व बिकवाने के लिए बनाया गया कंसल्टेंट, मंत्री ने बताया...
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By NPG News

रायपुर। छतीसगढ़ के आबकारी विभाग को पड़ोसी राज्य झारखंड की शराब की नीति बनाने व बिकवाने के सुझाव लेने के लिए कंसल्टेंट नियुक्त किया गया हैं। आज विधानसभा में लोरमी विधायक धर्मजीत सिंह के द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब से यह जानकारी सामने आई।

विधायक धर्मजीत सिंह ने वाणिज्य व उद्योग मंत्री से सवाल पूछा कि क्या आयुक्त आबकारी विभाग/ छतीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कारपोरेशन को झारखंड राज्य की आबकारी नीति तैयार करने हेतु कंसल्टेंट नियुक्त किया गया हैं और इसके लिए कितनी कंसल्टेंसी फीस प्रदेश के आबकारी विभाग को सुझाव देने की एवज में मिले हैं।

जवाब में आबकारी मंत्री लखमा ने बताया हैं कि इसके लिए दो समितियां बनाई गई है। जिसमे पहली आरएस ठाकुर महाप्रबंधक छतीसगढ़ स्टेट वेयर हाऊसिंग कारपोरेशन की अध्यक्षता में बनाई गई है। जिसमे आशीष श्रीवास्तव उपायुक्त आबकारी,सौरभ बक्शी सहायक जिला आबकारी अधिकारी आरके मिश्रा जिला प्रबंधक व क्रिस्टोफर ख़लको जिला प्रबंधक सीएसएमसीएल सदस्य हैं। व दूसरी समिति में आशीष श्रीवास्तव उपायुक्त आबकारी की अध्यक्षता में बनाई गई हैं जिसमे अरविंद कुमार पाटले महाप्रबंधक सीएसएमसीएल,राजेन्द्र कुमार वितीय सलाहकार सीएसएमसीएल व सुनील बक्शी उप प्रबन्धक सीएसएमसीएल सदस्य हैं। कंसल्टेंसी फीस के सम्बंध में मंत्री ने रकम के सम्बंध में जानकारी नही दी। और बताया कि वितीय वर्ष 2022-23 की समाप्ति में फीस प्राप्त होगी। हालांकि कितनी फीस प्राप्त होगी यह भी मंत्री ने अपने जवाब में स्प्ष्ट नही किया।

इसके अतिरिक्त विधायक धर्मजीत सिंह ने उच्च शिक्षा मंत्री से प्रदेश के कोचिंग उद्योग पर भी सवाल पूछे हैं। विधायक ने सवाल पूछा हैं कि प्रदेश में निजी कोचिंग सेंटर खोलने व चलाने के क्या कोई मापदंड तय है ? यदि है तो कितने कोचिंगों को मापदण्डो के अनुसार अनुमति प्रदान की गई बतावें। और यदि कोचिंगों पर शुल्क निर्धारित है तो क्या व नही तो क्यो ये भी बतावें

जिसके जवाब में मंत्री ने बताया कि राज्य में कोचिंग संचालन हेतु कोई मापदंड तय नही है। औऱ बाकी दो सवालों के जवाब भी मंत्री ने नही दिए। अर्थात मंत्री के जवाब से स्प्ष्ट हो गया कि प्रदेश के निजी कोचिंगों में कोई भी फीस का निर्धारण राज्य शासन द्वारा नही किया गया हैं। व कोचिंग संचालक फिलहाल मनमर्जी से प्रदेश के बच्चो से फीस वसूल रहे हैं।

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