सहमति से बने सम्बंध रेप की श्रेणी में नही, अदालत ने चार्ज तय होने के समय ही किया प्रेमी को दोषमुक्त
नई दिल्ली 22 फरवरी 2022. " प्रेमी प्रेमिका के बीच सहमति से बने सम्बन्ध रेप की श्रेणी में नही आते" की टिपण्णी के साथ दिल्ली की एक स्थानीय अदालत ने प्रेमी को दोषमुक्त कर दिया है। जज ने अपने फैसले में कहा कि आपसी सहमति से बने सम्बंध रेप की श्रेणी में नही आते। प्रेमी प्रेमिका के बीच सहमति से बने क़ई बार सम्बन्ध को रेप नही मानते हुए अदालत ने प्रेमी को दोषमुक्त कर दिया है।
युवक्ति ने न्यू उस्मानपुर थाने में एफआईआर दर्ज करवाई थी। युवक्ति ने अपनी शिकायत में बताया था कि वह न्यू उस्मानपुर में अपने परिवार के साथ रहती थी। उसके पिता जी अंडों का ठेला लगाते हैं और माँ फैक्ट्री में काम करती हैं। युवक्ति की शिकायत के अनुसार पहली बार आरोपी ने उससे सम्बन्ध 10 अक्टूबर 2020 को बनाये थे। आरोपी मकसूद उसके घर के ही दूसरी मंजिल पर रहता था। 10 अक्टूबर की रात युवक्ति छत पर सोई हुई थी और आधी रात को बाथरूम करने के लिये छत से नीचे उतर रही थी तब आरोपी मकसूद ने उसे जबर्दस्ती खिंच कर अपने कमरे में ले गया और उससे जबर्दस्ती शारीरिक सम्बन्ध बनाये। सम्बंध बनाने के बाद किसी को भी घटना के बारे में बताने से मना करते हुए युवती को आरोपी मकसूद ने झांसा दिया कि कोरोना खत्म होने के बाद वह उससे शादी कर लेगा। वह उससे सच्चा प्यार करता है इसलिये उसने एसा किया। ईस तरह मकसूद ने अपने प्यार का वास्ता देकर युवक्ति से क़ई बार सम्बंध स्थापित किये।
कोरोना के मामलो में कमी आने पर युवक्ति खजूरी खास में रहने वाली अपनी बहन के यहां चली गयी वही मकसूद बिहार के अपने गांव चला गया। युवक्ति और मकसूद तब भी फोन के माध्यम से सम्पर्क में रहे। युवक्ति ने फोन पर मकसूद को जानकरी दी कि वह दो महीने की गर्भवती हैं। जानकारी लगने पर मकसूद वापस दिल्ली तो लौट कर आया पर युवती से शादी करने से साफ मना कर दिया। तब युवक्ति ने बदनामी के डर से गर्भपात की गोलियां खा कर खुद से ही अपना गर्भपात कर लिया। युवक्ति द्वारा परिवार वालो के पूछने पर घटना के सम्बंध में जानकारी दी गयी। जिसके बार युवक्ति के घर वाले उसे लेकर न्यू उस्मानपुर थाने पहुँचे और मकसूद के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवा दी। एफआईआर दर्ज होने के बाद पुलिस ने आरोपी को अरेस्ट कर जेल दाखिल कर दिया और चालान भी पेश कर दिया।
दिल्ली की फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट में मामले का ट्रायल शुरू हुआ। ट्रायल से पहले चार्ज तय करने की प्रक्रिया में आरोपी मकसूद के वकील ने अदालत को बताया कि मकसूद व युवक्ति दोनो दो सालों से एक दूसरे से प्यार करते हैं और दोनो के बीच दो वर्षों में सहमति से ही क़ई बार सम्बन्ध बने हैं। यह सम्भव नही की बार बार लगातार दो वर्षों तक बिना सहमति के रेप होता रहे. जो भी हुआ दोनो के बीच सहमति से ही हुआ। दोनो पक्षो की दलीलें सुनने के बाद फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट के जज ने कहा कि आपसी सहमति से बने सम्बंधो को रेप की श्रेणी में नही रखा जा सकता। इसके साथ ही अदालत ने चार्ज लगने के प्रारम्भिक स्टेज में ही प्रेमी को दोषमुक्त कर दिया।