रायपुर 31 दिसम्बर 2021। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल आज गांधी मैदान में आयोजित गांधी हमारे अभियान कार्यक्रम में शामिल हुए। इस दौरान वो मौन प्रदर्शन सबको संमति दे भगवान भजन के साथ मौन प्रदर्शन में शामिल हुए। साथ ही कार्यक्रम में शपथ लेते हुए कहा कि, हम सब शपथ लेते हैं गांधीजी के मुंह से निकले अंतिम शब्द हे राम की वेदना तथा उनके द्वारा प्रतिपादित शाश्वत मूल्यों को आत्मसात करेंगे तथा जन-जन तक उन्हें पहुँचाने, उनको सदा जीवंत रखने हेतु निरन्तर प्रयत्नशील होंगे.... देखें ये वीडियो....
कार्यक्रम में अपने संबोधन में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, हमारी परंपरा में सभी शामिल होते हैं, दो दिन का धर्म संसद था जिसमें धार्मिक बातें होती हैं, हम किसी की आलोचना नहीं करते, सुधार की बात करते हैं.
सुभाष चंद्र बोस के विचार महात्मा गांधी से अलग थे, वैचारिक मतभेद थे लेकिन रंगून से रेडियो के जरिए उन्होंने महात्मा गांधी को राष्ट्रपिता कहा. आपत्तिजनक भाषा का विरोध किया गया, कालीचरण के पीछे क्या उद्देश्य था ये हमें नहीं पता...महापुरूषों ने महात्मा गांधी के बारे में क्या कहा वो महत्वपूर्ण है, टैगोर जी के खिलाफ बोलने वाले ये कौन होते हैं. विवेकानंद ने शिकागो में धर्म संसद में कहा था कि हम विश्व के सभी धर्मों को स्वीकार किया है, हमने सताए हुओं को अपने यहां स्थान दिया है. विवेकानंद को विवेकानंद बनाने में छत्तीसगढ़ की माटी का भी अहम योगदान है.
सीएम ने आगे कहा- आइंस्टीन ने गांधी जी को लेकर कहा था कि भविष्य की पीढ़ियों को यह बात यकीन करने में मुश्किल होगी कि हाड़ मांस का बना ऐसा व्यक्ति भी कोई था. नफरत फैलाने वालों से सावधान रहने की जरूरत है, ऐसे लोग समाज के लिए कोढ़ हैं. कोरोना के संकट के दौर में आर्थिक मदद करने की जरूरत है न कि धर्म को लेकर लड़ाई करने की. ईश्वर से अछूता कोई नहीं, हम सब उसी के अंश हैं, हम अहिंसा के राह पर चलते हैं, गांधी जी ने छत्तीसगढ़ के सुंदरलाल शर्मा को अपना गुरू कहा.. गांधी जी ने सबसे बड़ा जो काम किया है वो है श्रम का सम्मान. मेहनत का सम्मान.गांधी किसान और बुनकर तक ही सीमित नहीं रहे, उन्होंने हाथ से मैला ढोने वालों का भी सम्मान किया, जबकि कांग्रेस के अलावा बाकि सभी लोग मेहनतकश लोगों का शोषण करते हैं.