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चाइल्ड पोर्नोग्राफी: छत्तीसगढ़ सहित 21 राज्यों में सीबीआई की छापेमारी...59 स्थानों में 50 से ज्यादा संदिग्धों के पास से मोबाइल, कम्प्यूटर सहित कई अन्य उपकरण ज़ब्त...

चाइल्ड पोर्नोग्राफी: छत्तीसगढ़ सहित 21 राज्यों में सीबीआई की छापेमारी...59 स्थानों में 50 से ज्यादा संदिग्धों के पास से मोबाइल, कम्प्यूटर सहित कई अन्य उपकरण ज़ब्त...
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By NPG News

रायपुर। चाइल्ड पोर्नोग्राफी के मामले में सीबीआई ने छत्तीसगढ़ सहित देश के कई राज्यों में छापेमार कार्रवाई की। सीबीआई की टीम ने दिल्ली में रजिस्टर्ड अपराधो के चलते रायपुर के सरस्वती नगर औऱ कोटा क्षेत्र से दो आरोपियों क़ो गिरफ्तार किया।

इस मामले में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो ने प्रेस विज्ञप्ति जारी की जो इस प्रकार है। नीचे पढ़ें...

ऑपरेशन मेघ चक्र की कार्रवाई में बाल यौन शोषण सामग्री(CSAM) को डाउनलोड करने/प्रसारण करने से संबंधित दो मामलों में 21 राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों के लगभग 59 स्थानों पर छापेमरी की गई।

इस छापेमारी में 50 से ज्यादा संदिग्धों के पास से लेपटॉप, मोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण सहित औऱ भी कई सामान बरामद किये गए।

एक श्रमसाध्य(painstaking) एवं सावधानीपूर्वक (meticulous) आपरेशन मेघचक्र नाम से कार्यवाई करते हुए, सीबीआई ने सीएसएएम (बाल यौन शोषण सामग्री) को डाउनलोड करने/प्रसारण करने से संबंधित दो मामलों में 21 राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों में लगभग 59 स्थानों पर आज राष्ट्रीय स्तर पर व्यापक तलाशी ली जिनमे फतेहाबाद (हरियाणा); देहरादून (उत्तराखंड); कच्छ (गुजरात); गाजियाबाद (उत्तर प्रदेश); मुर्शीदाबाद (पश्चिम बंगाल); मुंबई, पुणे, नासिक, ठाणे, नांदेड़, सोलापुर, कोल्हापुर और नागपुर (महाराष्ट्र); रांची (झारखंड); चित्तूर (आंध्र प्रदेश); कृष्णा (आंध्र प्रदेश); राम नगर (कर्नाटक); कोलार (कर्नाटक); फरीदाबाद (हरियाणा); हाथरस (उत्तर प्रदेश); बेंगलुरु; कोडगु; रायपुर (छ.ग.); नई दिल्ली; चेलक्कारा (केरल); डिंडीगुल (मदुरै); गुरदासपुर और होशियारपुर (पंजाब); चेन्नई; धनबाद; राजकोट; गोवा; हैदराबाद; अजमेर; जयपुर; कुड्डालोर (तमिलनाडु); मल्लापुरम (केरल); लुनवाड़ा (गुजरात); गोधरा (गुजरात); गुवाहाटी; धीमाजी (असम); ईटानगर (अरुणाचल प्रदेश); बर्धमान (पश्चिम बंगाल); महाराजगंज (उत्तर प्रदेश); सारण (बिहार); भागलपुर (बिहार); अगरतला (त्रिपुरा); मंडी (हिमाचल प्रदेश) आदि शामिल हैं ।

सीबीआई ने इंटरपोल की बच्चों के विरुद्ध अपराध इकाई (Crime Against Children Unit - CAC), सिंगापुर से प्राप्त सूचना, जो कि न्यूजीलैंड पुलिस से संबंधित देश के साथ साझा करने के लिए प्राप्त हुई थी, के आधार पर सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के प्रासंगिक प्रावधानों के तहत दो मामले दर्ज किए। यह आरोप है कि क्लाउड बेस्ड स्टोरेज(cloud-based storage) का उपयोग कर कई भारतीय नागरिक, बाल यौन शोषण सामग्री (सीएसएएम) के प्रसारण/ डाउनलोड / भेजने में शामिल थे। न्यूजीलैंड के कानून प्रवर्तन प्राधिकारियों (Law Enforcement Authorities) से इंटरपोल में प्राप्त उक्त सूचना को सीबीआई द्वारा विश्लेषित एवं व्यवस्थित किया गया और संदिग्ध व्यक्तियों की पहचान की गई तथा आगे के प्रसारण को बाधित करने हेतु पहचाना गया। आज की कार्रवाई ऑनलाइन बाल यौन शोषण सामग्री के विरुद्ध पिछले वर्ष सीबीआई द्वारा किए गए बड़े पैमाने पर ऑपरेशन (ऑपरेशन कार्बन) के बाद की गई है।

तलाशी के दौरान 50 से अधिक संदिग्धों के मोबाइल, लैपटॉप सहित इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बरामद किए गए। साइबर फोरेंसिक उपकरणों का उपयोग कर इन इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की प्रारंभिक जांच में कथित तौर पर कई इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में बड़ी मात्रा में सीएसएएम (बाल यौन शोषण सामग्री) होने की सूचना मिली।

संदिग्धों से उनके इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में मिले सीएसएएम (बाल यौन शोषण सामग्री) के संबंध में पूछताछ की जा रही है ताकि बाल पीड़ितों और शोषण करने वालों की पहचान की जा सके।

ऑपरेशन मेघचक्र हाल के दिनों में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जुड़े ऑनलाइन बाल यौन शोषण के मामलों की त्वरित प्रतिक्रिया के लिए सीबीआई के नेतृत्व वाले वैश्विक अभियानों में से एक है जिनमे पीड़ितों, आरोपियों, संदिग्धों, अंतरराष्ट्रीय क्षेत्रराधिकारों में स्थित साजिशकर्ताओं के साथ साइबर सक्षम वित्तीय अपराधों के लिए वैश्विक स्तर पर समन्वित कानून प्रवर्तन प्रतिक्रिया की आवश्यकता है।

ऑपरेशन मेघचक्र भारत के भीतर विभिन्न कानून प्रवर्तन एजेंसियों से जानकारी एकत्र करने, वैश्विक स्तर पर प्रासंगिक कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ जुड़ने एवं ऑनलाइन बाल यौन शोषण तथा इस तरह की संगठित साइबर आपराधिक गतिविधियों का मुकाबला करने के लिए इंटरपोल चैनलों के माध्यम से निकटता से समन्वय करने का प्रयास करता है। इस तरह के साइबर क्राइम नेटवर्क को खत्म करने के लिए महत्वपूर्ण जानकारी साझा करने हेतु इंटरपोल और विदेशी कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ समन्वय बैठकें आयोजित की गईं।


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