Chhattisgarh: वन के रक्षक बने, वन भक्षक: फर्जी वन समिति बना निकाला लाखों रुपए, दो रेंजर,एक डिप्टी रेंजर व एक फारेस्ट गॉर्ड हुए निलंबित
जीपीएम। गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले के मरवाही वनमंडल के बहुचर्चित नेचर कैम्प घोटाले के मामले में जांच के बाद दो रेंजर,एक डिप्टी रेंजर व एक वनरक्षक को निलंबित किया गया है। पूरा मामला गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले के मरवाही वन मंडल मरवाही के नेचर कैंप और साल्हेकोटा वन प्रबंधन समिति से जुड़ा हुआ है। जहां मरवाही रेंज के साल्हेकोटा वनप्रबंधन समिति अंतर्गत आने वाले नेचर कैम्प गगनई में नेचर कैम्प प्रबंधन समिति जामवंत माड़ा गगनई के नाम से फर्जी वनसमिति गठित कर लाखों की राशि निकाल ली गई थी। जिसकी शिकायत वनप्रबंधन समिति साल्हेकोटा के अध्यक्ष द्वारा डीएफओ कार्यालय समेत पुलिस अधीक्षक से की गई थी। वहीं मरवाही वन मंडल के वन मंडल अधिकारी सत्यदेव शर्मा ने आदेश जारी करते हुए पत्र में कहा गया है कि सुनील चौधरी वनरक्षक के द्वारा मरवाही वन परिक्षेत्र अंतर्गत रोपणी प्रबंधन समिति चिचगोहना एवं नेचर कैम्प प्रबंधन समिति जामवंत माड़ा गगनई (साल्हेकोटा परिसर) में विभिन्न योजनाओं की शासकीय राशि का फर्जी समिति का गठन कर इन समिति के खाते में जमा राशि का हेरा-फेरी करने एवं गंभीर वित्तीय अनियमितता किये जाने संबंधित शिकायत की जांच में वृत्त स्तरीय जांच समिति द्वारा शिकायत सत्य पाये जाने पर छत्तीसगढ़ सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के नियम 3 एवं छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (वर्गीकरण नियंत्रण एवं अपील) नियम 1966 के नियम 10 का उल्लंघन के फलस्वरूप सुनील चौधरी, वनरक्षक को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाता है। वहीं निलंबन अवधि में मुख्यालय वन परिक्षेत्र पेण्ड्रा निर्धारित किया जाता है। वहीं निलंबन अवधि में नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ता की पात्रता होगी।
2 रेंजर,एक डिप्टी रेंजर व एक वन रक्षक को किया निलंबित:-
सीसीएफ के निर्देश पर बिलासपुर डीएफओ कुमार निशांत समेत त्रिस्तरीय जांच समिति गठित की गई थी। इसके साथ ही मरवाही डीएफओ ने घोटाले के आरोपी बीटगार्ड सुनील चौधरी को डीएफओ कार्यालय में अटैच किया था, अब जांच के बाद सुनील चौधरी को डीएफओ सत्य देव शर्मा ने निलंबित कर दिया है। इसके अलावा रेंजर द्वारिका प्रसाद रजक,मरवाही वन परिक्षेत्र, रेंजर अश्वनी दुबे परिक्षेत्र सहायक मरवाही, इंद्रजीत सिंह कंवर डिप्टी रेंजर मरवाही वन मंडल।