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Chhattisgarhiya Olympics: गिल्ली-डंडा, कबड्डी, खो-खो, फुगड़ी सहित 14 तरह के खेल...1900 प्रतिभागियों में 65 वर्षीय बुजुर्ग भी शामिल...

Chhattisgarhiya Olympics

Chhattisgarhiya Olympics: गिल्ली-डंडा, कबड्डी, खो-खो, फुगड़ी सहित 14 तरह के खेल...1900 प्रतिभागियों में 65 वर्षीय बुजुर्ग भी शामिल...
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By NPG News

Chhattisgarhiya Olympics रायपुर। प्रदेश में पहली बार आयोजित हो रहे ऐतिहासिक छत्तीसगढ़िया ओलंपिक की राज्य स्तरीय स्पर्धाओं का शुभारंभ हुआ। मुख्यमंत्री ने दीप प्रज्वलित कर छत्तीसगढ़ महतारी की पूजा अर्चना कर राज्य स्तरीय प्रतियोगिताओं का शुभारंभ किया।

कार्यक्रम में खेल एवं युवा कल्याण मंत्री उमेश पटेल, छत्तीसगढ़ राज्य गृह निर्माण मंडल के अध्यक्ष कुलदीप जुनेजा, नगर निगम रायपुर के महापौर एजाज ढेबर, छत्तीसगढ़ राज्य पर्यटन मंडल के अध्यक्ष अटल श्रीवास्तव भी उपस्थित रहे।

इस आयोजन में 14 तरह की खेल विधाओं को शामिल किया गया है। इनमें गिल्ली-डंडा, पिट्ठूल, संखली, लंगड़ी-दौड़, कबड्डी, खो-खो, रस्साकशी, बांटी, बिल्लस, फुगड़ी, गेड़ी दौड़, भंवरा, 100 मीटर दौड़ और लंबी कूद आदि खेल शामिल हैं। ये सब हमारे ग्रामीण खेल हैं। ये सारे खेल समय के साथ-साथ पीछे छूटते जा रहे थे, लोग इन्हें भूलते जा रहे थे।

इस राज्य स्तरीय आयोजन में प्रदेश के सभी जिलों के लगभग 1900 प्रतिभागी शामिल हो रहे हैं। ये स्पर्धाएं 10 जनवरी 2023 तक चलेगी।

बलबीर सिंह जुनेजा इनडोर स्टेडियम में फुगड़ी, बिल्लस, भंवरा, बाटी और कबड्डी, छत्रपति शिवाजी महाराज आउटडोर स्टेडियम में 100 मीटर दौड़, लंबी कूद, संखली, रस्साकशी, लंगडी, पिट्ठुल, गेंडी दौड़, माधव राव सप्रे उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में खो-खो और गिल्ली डंडा खेलों की प्रतिस्पर्धाएं आयोजित की जाएंगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि क्लस्टर, ब्लॉक, जिला, सम्भाग और राज्य स्तर की स्पर्धाओं में प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले खिलाड़ियों को नगद पुरस्कार दिए जाएंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़िया ओलंपिक में ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों ने बड़े ही उत्साह के साथ भागीदारी निभाई है। राज्य स्तरीय स्पर्धा में 6 वर्ष की बेटी फुगड़ी में और 65 वर्ष के बुजुर्ग गेंडी दौड़ में हिस्सा ले रहे है।

छत्तीसगढ़िया ओलंपिक में बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक सभी आयु के लोगों ने अपने-अपने वर्गों में भाग लिया। प्रदेश में खेलों के लिए उत्साहजनक वातावरण बना, खेलों के प्रति जागरूकता बढ़ी।

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