CG टीम इलेक्शन: 28 में 19 जिलों के कलेक्टर बदले; प्रियंका लौटीं ट्रैक पर...संजीव, चंदन, पुष्पेंद्र की बड़ी छलांग
चुनाव आचार संहिता को अब सालभर ही बचे हैं, यानी कोई गड़बड़ नहीं हुई तो इन अफसरों के निर्देशन में ही होंगे विधानसभा चुनाव।
रायपुर। छत्तीसगढ़ में आईएएस अफसरों खासकर कलेक्टरों के तबादले की बहु प्रतीक्षित सूची में कई नामों ने सबको चौंकाया है। 28 जिलों में से 19 के कलेक्टर सरकार ने बदल दिए हैं। इनमें एक जिले की कलेक्टरी के बाद डिरेल हुईं डॉ. प्रियंका शुक्ला की ट्रैक पर वापसी हुई है तो कोंडागांव कलेक्टर पुष्पेंद्र मीणा को बड़ी छलांग लगाते हुए दुर्ग जैसे वीवीआईपी जिले की कमान मिली है। दुर्ग कलेक्टर सर्वेश्वर नरेंद्र भूरे को भी राजधानी की प्रतिष्ठा पूर्ण पोस्टिंग मिली है। हालांकि, दंतेवाड़ा जैसे हाई प्रोफाइल जिले से दीपक सोनी का कोंडागांव तबादला थोड़ा चौंकाया है। वैसे, कोंडागांव पीसीसी अध्यक्ष मोहन मरकाम का गृह जिला है।
सीएम भूपेश बघेल के भेंट मुलाकात के बाद बड़े स्तर पर तबादले होने थे। सीएम बघेल आज सुबह जब कोरिया के लिए रवाना हुए तो उन्होंने मीडिया के इस सवाल पर सिर्फ इतना कहा कि यह सामान्य प्रक्रिया है और कुछ घंटे बाद ही लंबी-चौड़ी सूची आ गई। भेंट मुलाकात से चर्चा शुरू तो आपको बता दें कि सीएम ने बलरामपुर रामानुजगंज जिले से भेंट मुलाकात की शुरुआत की थी। बलरामपुर रामानुजगंज के कलेक्टर कुंदन कुमार ओपनिंग बैट्समेन थे। सीएम के कार्यक्रम को बेहतर ढंग से मैनेज करने का परिणाम रहा कि उन्हें सरगुजा जैसा बड़ा जिला मिला। यह संभागीय मुख्यालय भी है।
सरगुजा के कलेक्टर संजीव झा के बेहतर परफॉर्मेंस को देखते हुए उन्हें कोरबा जैसे औद्योगिक जिले की कमान दी गई है। कोरबा से रानू साहू औद्योगिक दृष्टि से दूसरे महत्वपूर्ण जिले रायगढ़ भेजी गई हैं। कलेक्टरों में सबसे सीनियर रहे 2008 बैच के भीम सिंह को सरकार ने एनआरडीए के सीईओ के साथ वाणिज्यिक कर आयुक्त भी बनाया है। 2008 बैच के महादेव कावरे और श्यामलाल धावड़े संभाग कमिश्नर हैं। इस तरह कलेक्टरी के लिए यह बैच अब क्लोज कहा जा सकता है।
बस्तर संभाग से पांच जिलों के कलेक्टर बदले गए हैं। इनमें बस्तर कलेक्टर रजत बंसल का नाम रायपुर कलेक्टर के लिए चल रहा था, लेकिन वे पड़ोसी जिले बलौदाबाजार भाटापारा भेजे गए हैं। उनके स्थान पर कांकेर से चंदन कुमार को बस्तर की जिम्मेदारी दी गई है। चंदन का भी एक तरह से कहें तो प्रमोशन हुआ है। डोमन सिंह लगातार क्रिज पर टिके हुए हैं। उन्हें बलौदाबाजार भाटापारा के बाद राजनांदगांव भेजा गया है। मुंगेली कलेक्टर गौरव सिंह को दो महीने बाद ही बालोद की जिम्मेदारी दे दी गई है।
सीएम बघेल के गृह जिले दुर्ग के साथ-साथ पूरे संभाग के सभी कलेक्टर बदल दिए गए हैं। दुर्ग कलेक्टर भूरे राजधानी आए हैं तो तारणप्रकाश सिन्हा राजनांदगांव से जांजगीर-चांपा भेजे गए हैं। जांजगीर चांपा के कलेक्टर जितेंद्र शुक्ला को बेमेतरा की जिम्मेदारी दी गई है। जितेंद्र का जिला भी छोटा हो गया है। जांजगीर के सामने बेमेतरा काफी छोटा है। बालोद कलेक्टर रहे जन्मेजय महोबे बालोद के बाद कवर्धा कलेक्टर बनाए गए हैं। यह उनका दूसरा जिला है, लेकिन कवर्धा कलेक्टर रमेश शर्मा को फिर से राजधानी बुला लिया गया है। उन्हें भू अभिलेख के साथ-साथ संचालक समाज कल्याण बनाया गया है। कलेक्टरी के लिहाज से भले ही शर्मा के लिए अच्छा नहीं रहा, लेकिन जमीन से जुड़े विवादों के निपटारे के संबंध में सरकार की गंभीरता को देखें तो इसे उनकी विशेषज्ञता के आधार पर पोस्टिंग के रूप में देखा जा रहा है। इस बार उन्हें दो विभागों का संचालक बनाया गया है।