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Chhattisgarh Tarkash: पुलिस कमिश्नर की शुरुआत

Chhattisgarh Tarkash: छत्तीसगढ़ की ब्यूरोक्रेसी और राजनीति पर केंद्रित वरिष्ठ पत्रकार संजय के. दीक्षित का निरंतर 14 वर्षों से प्रकाशित लोकप्रिय साप्ताहिक स्तंभ तरकश

Chhattisgarh Tarkash: पुलिस कमिश्नर की शुरुआत
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By Sanjay K Dixit

तरकश, 6 अगस्त 2023

संजय के. दीक्षित

पुलिस कमिश्नर की शुरूआत

छत्तीसगढ़ जैसे राज्य को आठ पुलिस रेंज में विभक्त करने के सरकार के फैसले को पुलिस कमिश्नर सिस्टम से जोड़कर देखा जा रहा है। दरअसल, देश में अब सिर्फ बिहार, झारखंड और छत्तीसगढ़ तीन राज्य ऐसे बच गए हैं, जहां कमिश्नर सिस्टम नहीं है। पड़ोसी राज्य मध्यप्रदेश में भी पिछले साल से कमिश्नर सिस्टम प्रारंभ हो गया है। छत्तीसगढ़ में तीन बड़े शहर है...रायपुर, बिलासपुर और दुर्ग। फिलहाल इन तीन में से दो में पुलिस कमिश्नर पर विचार किया जा रहा है। वैसे भी, रायपुर में तो इसकी नितांत जरूरत महसूस की जा रही है। पुलिस कमिश्नर सिस्टम से पुलिस का सेटअप काफी बढ़ जाएगा। आईजी रैंक के आईपीएस कमिश्नर होंगे वहीं, एसपी लेवल के चार डीसीपी और एडिशनल एसपी रैंक के दर्जन भर एसीपी होंगे। रायपुर का फैलाव अब इतना अधिक हो गया है कि चार एडिशनल एसपी से क्राइम को कंट्रोल नहीं किया जा सकता। हालांकि, आईएएस लॉबी पुलिस कमिश्नर सिस्टम के पक्ष में नहीं होती क्योंकि, शस्त्र लायसेंस और 151 जैसे दंडात्मक कार्रवाइयों का अधिकार पुलिस कमिश्नर को मिल जाता है।

संविदा पोस्टिंग

डीजी जेल से रिटायर हुए पूर्व आईपीएस संजय पिल्ले को सरकार संविदा पोस्टिंग देने जा रही है। गृह विभाग से इसकी फाइल जीएडी को भेजी जा चुकी है। जीएडी के मुखिया खुद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल हैं। उनके अनुमोदन के बाद आदेश जारी हो जाएगा। पता चला है, संजय को जेल विभाग में ही एक साल की संविदा नियुक्ति मिल रही है। वे इसी 31 जुलाई को आईपीएस से रिटायर हुए हैं। बहरहाल, इस सरकार में संविदा नौकरी वाले पिल्ले सूबे के दूसरे आईपीएस होंगे। उनसे पहिले अप्रैल में डीएम अवस्थी को रिटायरमेंट के बाद ईओडब्लू, एसीबी चीफ बनाया गया था। डीजी गिरधारी नायक राज्य मानवाधिकार आयोग के प्रमुख बनाए गए थे, मगर वह पोस्ट रिटायरमेंट पोस्टिंग थी न कि संविदा नियुक्ति।

टूरिज्म में फिर आईएएस

आईएएस जितेंद्र शुक्ला को सरकार ने पर्यटन बोर्ड का नया प्रबंध संचालक नियुक्त किया है। जितेंद्र से पहले आईएफएस अनिल साहू बोर्ड के प्रबंध संचालक थे। वे करीब एक साल इस पद पर रहे। राज्य बनने के बाद चार बार आईएफएस इस बोर्ड के एमडी रहे हैं। राकेश चतुर्वेदी, सुनील मिश्रा, आलोक कटियार, तपेश झा और अनिल साहू। इसके अलावा हमेशा आईएएस अधिकारियों को ही टूरिज्म बोर्ड में पोस्ट किया गया। बहरहाल, बोर्ड के चेयरमैन अटल श्रीवास्तव बिलासपुर से हैं और जितेंद्र शुक्ला भी वहां से जुड़े हुए हैं...। याने टूरिज्म बोर्ड में अब बिलासपुर का दबदबा रहेगा।

पीएससी के नए चेयरमैन

पीएससी चेयरमैन टामन सिंह सोनवानी का कार्यकाल अगले महीने समाप्त हो जाएगा। याने सरकार को 30 सितंबर या इससे पहले नए चेयरमैन का आदेश निकालना पड़ेगा। बता दें, इस पद के लिए पिछले महीने रिटायर हुए आईएएस अमृत खलको का नाम सबसे टॉप पर रहा। मगर पीएससी में उनके दोनों बच्चों का डिप्टी कलेक्टर बनने का मामला गरमाने के बाद पीएससी में उनकी दावेदारी एक तरह से कहें तो खतम हो गई है। यही वजह भी है कि रिटायरमेंट के बाद सरकार ने उन्हें एक साल के लिए संविदा पोस्टिंग देकर समाज कल्याण विभाग का सचिव बना दिया है। बहरहाल, सरकार के पास विकल्प बहुत कम है। आईएएस से अभी कोई रिटायर होने वाला अफसर दिख नहीं रहा है। पीएससी के लिए रायपुर कमिश्नर संजय अलंग एक बेहतर नाम हो सकते हैं। अलंग लिखने-पढ़ने वाले साहित्यिक मिजाज के अफसर हैं। अगले साल जुलाई में उनका रिटायरमेंट है। अक्टूबर में अगर वीआरएस लेकर वे पीएससी की कमान संभालते हैं तो दो साल आठ महीना इस पद पर रहेंगे। पीएससी चेयरमैन का एज 62 साल है। इससे पहले भी केएम पिस्दा और टामन सिंह सोनवानी ने भी वीआरएस लेकर पीएससी चेयरमैन का पद संभाला था।

हेड ऑफ फॉरेस्ट

श्रीनिवास राव को राज्य सरकार ने प्रभारी पीसीसीएफ से प्रमोट कर पूर्णकालिक पीसीसीएफ बना दिया है। मगर हेड ऑफ फॉरेस्ट की नियुक्ति अभी बची है। संजय शुक्ला के रिटायर होने के बाद से यह पद खाली है। राव को चूकि सरकार ने सात आईएफएस अधिकारियों को सुपरशीट करके वन विभाग का मुखिया बनाया था, इसलिए अभी हेड ऑफ फॉरेस्ट की नियुक्ति करने में कोई जल्दी नहीं है। हेड ऑफ फॉरेस्ट के लिए पहले सीनियरिटी मापदंड माना जाता था। मगर संजय शुक्ला को योग्यता के आधार पर अतुल शुक्ला के सीनियर होने के बाद भी हेड ऑफ फॉरेस्ट बनाया गया था। हो सकता है कि आचार संहिता प्रभावशील होने से पहले श्रीनिवास राव को भी हेड ऑफ फॉरेस्ट का तोहफा मिल जाए।

इलेक्शन में पोस्टिंग

इलेक्शन में पोस्टिंग का खौफ इतना ज्यादा होता है कि मध्यप्रदेश में एक महिला डिप्टी कलेक्टर को एसडीएम के पद से हटाकर निर्वाचन आयोग में भेजा गया तो उन्होंने नौकरी से इस्तीफा दे दिया। असल में, निर्वाचन में काम करने से लगभग सभी घबराते हैं, उसकी वजह यह है कि यह तलवार की धार पर चलने सरीखा होता है। चुनाव के दौरान किसी सियासी पार्टी के खिलाफ कार्रवाई हो गई और उसकी सरकार बन गई तो फिर उसकी कीमत अफसर को चुकानी पड़ती है। छत्तीसगढ़ में भी ऐसे उदाहरण रहे हैं। बहरहाल, चुनाव आयोग के एप्रूवल पर 2011 बैच के आईएएस नीलेश क्षीरसागर को ज्वाइंट सीईओ बनाया गया है। अभी एडिशनल सीईओ की नियुक्ति बची है। नए मापदंड के अनुसार न्यूली सिकरेट्री को एडिशनल सीईओ बनाया जाएगा। 2007 बैच इस साल नया सिकरेट्री बना है। समझा जाता है, इसी बैच के किसी आईएएस को एडिशनल सीईओ की कमान मिलेगी। मगर कब? बताते हैं एक पेनल को निर्वाचन आयोग लौटा चुका है। इसके बाद सभी जगह रहस्यमयी खामोशी है।

तनाव में कलेक्टर, एक्स कलेक्टर

ईडी ने माइनिंग विभाग से डीएमएफ के बारे में 2016 से लेकर अब तक का डिटेल मांग लिया है। इससे वर्तमान कलेक्टरों के साथ ही पूर्व कलेक्टरों का तनाव बढ़ गया है। 2016 से लेकर 2018 तक पिछली सरकार में जो कलेक्टर रहे वे भी परेशान हैं और अभी वाले भी। क्योंकि, ईडी ने रिपोर्ट मांगी है तो मामला फंसेगा ही। ब्यूरोक्रेसी के लोगों का मानना है कि डीएमएफ में कई कलेक्टरों, पूर्व कलेक्टरों की मुश्किलें बढ़़ जाएंगी।

वीवीआईपी सभास्थल

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी डेढ़ महीने के भीतर दूसर बार 17 अगस्त को रायगढ़ आ रहे हैं। कोंडातराई में उनकी पब्लिक मीटिंग होगी। इससे पहले 2019 में वे इस मैदान पर सभा कर चुके हैं। उनसे पहले अजीत जोगी सरकार के दौरान 2003 में कांग्रेस की शीर्ष नेत्री सोनिया गांधी की भी सभा हो चुकी है। दरअसल, रायगढ़ की हवाई पट्टी के पास ही ये मैदान है। इसके चारों तरफ घनी बस्तियां हैं। मैदान की क्षमता भी 40 से 50 हजार भीड़ की है। सो, रायगढ़ में अगर सभा करनी हो तो कोंडातराई प्रायरिटी पर रहता है।

अंत में दो सवाल आपसे

1. आईएएस भीम सिंह ने डेढ़ महीने में ही बिलासपुर कमिश्नर से धमाकेदार वापसी कैसे की?

2. इन चर्चाओं में कितनी सचाई है कि महाराष्ट्र के गवर्नर रमेश बैस अगले चुनाव में बीजेपी के चेहरा होंगे...दिल्ली के निर्देश पर उन्होंने जन्मदिन समारोह के जरिये इसका मैसेज दिया?

Sanjay K Dixit

संजय के. दीक्षित: रायपुर इंजीनियरिंग कॉलेज से एमटेक करने के बाद पत्रकारिता को पेशा बनाया। भोपाल से एमजे। पिछले 30 साल में विभिन्न नेशनल और रीजनल पत्र पत्रिकाओं, न्यूज चैनल में रिपोर्टिंग के बाद पिछले 10 साल से NPG.News का संपादन, संचालन।

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