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Chhattisgarh PSC Scam: सीजी पीएससी घोटाले की सीबीआई करेगी जांच: विष्‍णुदेव साय कैबिनेट का बड़ा फैसला,

Chhattisgarh PSC Scam:

Chhattisgarh PSC Scam: सीजी पीएससी घोटाले की सीबीआई करेगी जांच: विष्‍णुदेव साय कैबिनेट का बड़ा फैसला,
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By Sanjeet Kumar

Chhattisgarh PSC Scam: रायपुर। छत्‍तीसगढ़ में पूर्ववर्ती सरकार के कार्यकाल में लोक सेवा आयोग (पीएससी) की भर्ती में गड़बड़ी के लगे आरोपों की जांच केंद्रीय जांच एजेंसी करेगी। विष्‍णुदेव साय कैबिनेट ने इस मामले की जांच को सीबीआई (cbi ivestigation) को सौंपने का फैसला किया है।

बता दें कि सीजी पीएससी की भर्ती में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी का आरोप लगा है। पीएससी के पूर्व चेयरमैन टामन सिंह सोनवानी सहित अन्‍य आईएएस, आईपीएस अफसरों और नेताओं के रिश्‍तेदाराें के चयन का आरोप लगा है। यह मामला हाईकोर्ट में विचाराधीन है। राज्‍य में विधानसभा चुनाव के दौरान पीएससी की भर्ती में घोटला बड़ा मुद्दा बना था। भाजपा ने सत्‍ता में आने पर इस मामले की जांच कराने और दोषियों पर कड़ी कार्यवाही करने का वादा किया था। भाजपा की सरकार बनने के बाद से युवा जांच की घोषणा का इंतजार कर रहे थे।

अफसर, नेता सबके बेटे-बेटी उपकृत

पीएससी की परीक्षा में अफसर ही नहीं, बल्कि नेताओं के बच्चे भी उपकृत हुए हैं। इनमें पीएससी चेयरमैन टामन सिंह सोनवानी कठघरे में हैं। इस अलावा राजभवन के सचिव अमृत खलखो के बेटे व बेटी शामिल हैं। इसे लेकर छात्रों का कहा है कि पीएससी की परीक्षाओं में खुलकर भ्रष्टाचार हुआ है। इससे पहले भी पीएससी की भूमिका पर सवाल उठ चुके हैं।

ईओडब्ल्यू से बारीकी से जांच की मांग

इस पूरे मामले की ईओडब्ल्यू से जांच कराने की मांग भी चल रही है, जिससे जिन लोगों पर शक है, उनके खिलाफ सभी पहलुओं पर जांच हो जाएगी। आर्थिक रूप से जो लाभ हासिल किया गया, वहां खपाया गया है, यह पता चला जाएगा। सिर्फ पीएससी ही नहीं, बल्कि पहले जो भी परीक्षाएं हुई हैं, उसमें कुछ खास वर्ग के लोगों को लाभ दिलाने की बात भी आई थी।

कलेक्टर के बेटे के चयन पर सवाल

पीएससी-2021 ही नहीं, बल्कि 2022 में कलेक्टर के बेटे के चयन के बाद सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रया आई थी। बड़ी संख्या में ऐसे छात्र हैं, कमजोर आर्थिक स्थिति के बाद भी मेहनत के साथ आगे पहुंचे। ऐसे समय में जब कलेक्टर के बेटे का डिप्टी कलेक्टर की पोस्ट में सलेक्शन होता है तो पूरी आरक्षण की व्यवस्था पर समाज के लोग ही सवाल उठाते हैं।

बता दें कि इस मामले की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने भी सख्‍त टिप्‍पणी की है।

पीएससी घोटाले की सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा की बेंच ने आज कड़े तेवर दिखाए। बहस की वायरल वीडियो में चीफ जस्टिस कहते सुनाई पड़ रहे हैं कि इन 18 की नियुक्ति रोक दी जाए। हालांकि, ये हाई कोर्ट का अधिकारिक आदेश नहीं है। अगली सुनवाई कल सुबह होगी। बता दें, पूर्व मंत्री ननकीराम कंवर की याचिका पर हाई कोर्ट में आज सुनवाई हुई। कंवर की तरफ से अधिवक्ता संजय अग्रवाल खड़े हुए। पता चला है, कोर्ट ने कुछ बिंदुओं पर याचिकाकर्ता से कुछ जानकारी कल तक पेश करने कहा है। कल इस मामले पर फिर सुनवाई होगी।

मगर सुनवाई की जो वीडियो वायरल हो रही है, वह काफी गंभीर है। इसमें चीफ जस्टिक कहते सुनाई पड़ रहे हैं कि ये ठीक है कि बड़े पदों पर बैठे लोगों के बच्चे भी ऐसे पदों पर सलेक्ट हो सकते हैं। मगर ऐसा क्या संयोग कि पीएससी चेयरमैन और सिकरेटी के क्लोज नाते-रिश्तेदारों का चयन हो जाए। चीफ जस्टिस ने बहस के दौरान पीएससी चेयरमैन को पार्टी न बनाने पर सवाल किया तो ननकीराम के वकील ने कहा, सर...पीएससी चेयरमैन आर्टिकल 315 याने संवैधानिक पद है। इस पर सीजे ने कहा, ओके। इसके बाद वे आर्डर लिखाने लगे...जिसमें उन्होंने पूछा कि इन 18 लोगों की नियुक्ति हुई है या नहीं अभी? वकीलों ने बताया कि अभी ट्रेनिंग वगैरह चल रही है। नियुक्ति पर वस्तुस्थिति का पता लगाते तक चीफ जस्टिस ने कल तक के लिए आदेश रोक दिया। कल सुबह सुनवाई के बाद नियुक्ति की जानकारी मिलने के बाद आदेश जारी होगा।

यह भी पढ़ें- पीएससी का एक और गोलमाल: 719 अंक वाले को बुलावा, 771 वाले का लिया ही नहीं इंटरव्‍यू

रायपुर। छत्‍तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (CGPSC) की 2022 की भर्ती परीक्षा पूरी तरह विवादों में आ गई है। अभी तक अफसरों और नेताओं के रिश्‍तेदारों को नौकरी देने का मामला सामने आया था। अब एक नया मामला उजागार हुआ है। अब पीएससी पर इंटरव्‍यू में भेदभाव का आरोप लगा है। पीडि़त अभ्‍यर्थी ने इसकी लिखित शिकायतक की है। ओबीसी कैटेगरी में आने वाले वाले शिवम कुमार देवांगन ने पीएससी के सचिव और परीक्षा नियंत्रक को पत्र लिखकर यह शिकायत की है। सीजी पीएससी 2022 की भर्ती के दौरान ओबीसी श्रेणी में लिखित परीक्षा में 710 से 715 नंबर पाने अभ्‍यर्थियों को इंटरव्‍यू के लिए कॉल किया गया। शिवम कुमार देवांगन का आरोप है कि उन्‍हें लिखित परीक्षा में 771.5 अंक प्राप्‍त हुए थे, इसके बावजूद उन्‍हें साक्षात्‍कार के लिए बुलाया नहीं गया। शिवम ने इस पूरे मामले की जांच करने का आग्रह किया है।

यह भी पढ़ें- CG PSC Scam: कौन है नितेश, पीएससी के पूर्व चेयरमैन का बेटा है या किसी सरपंच का..? यह भी संयोग नाम ही नहीं DOB भी एक

CG PSC Scam: रायपुर। छत्‍तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (CG PSC) रिजल्‍ट और चयन को लेकर फिर विवादों में है। आयोग ने 2021 की भर्ती का फाइनल रिजल्‍ट इसी वर्ष मई में जारी किया था। अफसर और नेताओं के रिश्‍तेदार के चयन को लेकर तभी से यह रिजल्‍ट विवादों में है। रामपुर विधानसभा सीट से भाजपा विधायक ननकीराम कंवर ने इस मामले में हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की है। कंवर की तरफ से कोर्ट को 18 नामों की सूची सौंपी गई है। ऐसी ही एक सूची सोशल मीडिया में भी वायर हो रही है। इस सूची में चयनितों का अफसरों और नेताओं से रिश्‍ता भी बताया गया है। इसमें पीएससी के पूर्व चेयरमैन टामन सिंह सोनवानी के कई रिश्‍तोदारों के भी नाम हैं। इनमें सबसे ज्‍यादा चर्चा नितेश के नाम की हो रही है।

सोशल मीडिया में वायरल हो रही सूची में बताया गया है कि नितेश पीएससी के चेयरमैन सोनवानी के पुत्र हैं। मामला हाईकोर्ट में पहुंचने के बाद यह बात सामने आई कि नितेश पीएससी के पूर्व चेयरमैन सोनवानी का नहीं पूर्व सरपंच राकेश सिंह का बेटा है। सूत्रों के अनुसार यह बात बुधवार को हाईकोर्ट में मामले की सुनवाई के दौरान नितेश की तरफ से पेश हुए वकील ने कोर्ट को बताई है। लेकिन राकेश सिंह कहां के पूर्व सरपंच है, यह बात स्‍पष्‍ट नहीं हो पाई है। इस बीच भाजपा के अकलरा विधायक सौरभ सिंह का दावा है कि नितेश पीएससी के पूर्व चेयरमैन सोनवानी का दत्‍तक पुत्र है। उन्‍होंने आरोप लगाया है कि चयन सूची में नितेश का सरनेम छिपा दिया गया है। उन्‍होंने इसको लेकर एक ट्वीट भी किया है।

नितेश सोनवानी और नितेश का DOB एक

इधर, पीएससी की भर्ती में गड़बड़ी का आरोप लगाने वाले की तरफ से चयन सूची में शामिल नितेश के नितेश सोनवानी यानी टामन सिंह सोनवानी के पुत्र होने के पक्ष में एक और तथ्‍य पेश किया जा रहा है। इसके अनुसार 2018 की भर्ती परीक्षा में भी एक नितेश शामिल हुए थे, तब पूरा नाम नितेश सोनवानी लिखा गया था। 2021 की भर्ती में चयनित नितेश के नाम के आगे सरनेम नहीं लिखा गया है, लेकिन दोनों नितेश में एक समानता है। वह यह कि दोनों की जन्‍म तिथि (DOB) 12 जून 1992 है। इसके आधार पर नितेश की तरफ से कोर्ट को गुमराह करने की कोशिश करने का आरोप लगाया जा रहा है।


Sanjeet Kumar

संजीत कुमार: छत्‍तीसगढ़ में 23 वर्षों से पत्रकारिता में सक्रिय। उत्‍कृष्‍ट संसदीय रिपोर्टिंग के लिए 2018 में छत्‍तीसगढ़ विधानसभा से पुरस्‍कृत। सांध्‍य दैनिक अग्रदूत से पत्रकारिता की शुरुआत करने के बाद हरिभूमि, पत्रिका और नईदुनिया में सिटी चीफ और स्‍टेट ब्‍यूरो चीफ के पद पर काम किया। वर्तमान में NPG.News में कार्यरत। पंड़‍ित रविशंकर विवि से लोक प्रशासन में एमए और पत्रकारिता (बीजेएमसी) की डिग्री।

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