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हड़ताल पर सरकार का मास्टरस्ट्रोक...बेमुद्दत हड़ताल से पहले ही बन गई 6 फीसदी DA पर सहमति, अब बड़ा सवाल...

हड़ताल पर सरकार का मास्टरस्ट्रोक...बेमुद्दत हड़ताल से पहले ही बन गई 6 फीसदी DA पर सहमति, अब बड़ा सवाल...
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By NPG News

Chhattisgarh News: रायपुर। जब पूरे प्रदेश की निगाहें 22 अगस्त से होने वाली अनिश्चितकालीन हड़ताल पर टिकी थी, उससे ठीक पहले सरकार ने राजनीति की ऐसी बिसात बिछाई है कि कई संगठन और नेताओ के मंसूबे पर पानी फिर गया। जिन नेताओं ने हड़ताल का बिगुल फूंका था उन्हें मुख्यमंत्री से मिलने तक मौका नहीं मिला और जो हड़ताल से दूर थे वह सरकार के पास बैठकर DA की सौगात ले आए। अब सौगात को कर्मचारी जगत स्वीकार करता है या नहीं यह अलग बात है लेकिन सरकार ने तो अपना मास्टर स्ट्रोक मार ही दिया है। छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी महासंघ गुट की आज मुख्यमंत्री से मुलाकात हुई और उन्होंने प्रेस विज्ञप्ति जारी करके पूरे प्रदेश को यह जानकारी दी कि छह फीसदी DA पर सहमति बन चुकी है। साथ ही गृह भाड़ा भत्ता में भी संशोधन होगा। यह हर कोई मान रहा था पूरे 12 प्रतिशत डीए नही मिलेगा और सरकार अपने हिसाब से ही घोषणा करेगी। लेकिन सबसे बड़ी बात यह है कि सरकार ने उन दोनों धड़ों से जिन्होंने हड़ताल किया था दूरी बनाई और मुलाकात किया एक ऐसे संगठन से जो हड़ताल में सड़क पर उतरा ही नहीं था। इसके माध्यम से यह भी संकेत दे दिया गया की हड़ताल का सरकार पर कोई प्रभाव नहीं होने वाला साथ ही इस बात का भी इशारा कर दिया गया है कि यदि भविष्य में इसके बाद भी आंदोलन हुए तो सरकार का रुख काफी कड़ा हो सकता है। क्योंकि, एक धड़ा सरकार के साथ सुर में सुर मिलाते हुए नजर आ रहा है। ऐसे भी वेतन कटने और सही समय पर हड़ताल को समाप्त कर देने से शिक्षक संवर्ग विशेष तौर पर कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन से नाराज है। और उनकी यह नाराजगी सोशल मीडिया पर नजर भी आती है। रही सही कसर वेतन कटौती के बाद फेडरेशन की चुप्पी ने पूरी कर दी है और अब सरकार ने यह मास्टर स्ट्रोक भी खेल दिया है ।

बड़ा सवाल क्या 22 से हो पाएगा अनिश्चितकालीन हड़ताल ??

आज जो घटनाक्रम निकल कर सामने आया है उससे यह तय है कि आने वाले दो-चार दिनों में डीए की विधिवत घोषणा हो जाएगी।इसके बाद हड़ताल होने पर संशय नजर आ रहा है। क्योंकि, शिक्षक संवर्ग इस हड़ताल से दूरी बना सकते हैं। जिस प्रकार से उनके वेतन में कटौती हुई है इससे उनके मन में डर भी है और फेडरेशन के प्रति नाराजगी भी। क्योंकि जिसके बलबूते हड़ताल किया था उन्होंने विरोध तक करना उचित नहीं समझा। यही नहीं आज पर्यंत तक हड़ताल के अवकाश समायोजन तक का आदेश जारी नहीं हुआ है। और यदि शिक्षक संवर्ग ने हड़ताल से पैर पीछे खींच लिए तो फिर यह मानकर चलिए की आधी संख्या आंदोलन से दूर हो जाएगी और ऐसी स्थिति में सरकार द्वारा की जाने वाली कार्रवाई भी काफी सख्त होगी। अब देखना होगा कि कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन की तरफ से आज हुई मुलाकात पर क्या प्रतिक्रिया आती है और उनके द्वारा होने वाली घोषणा को कैसे लिया जाता है ।

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