Chhattisgarh News : जानिए क्या है एस्मा जिसकी प्रतियां जला रहे पटवारी, और इसके लगने के बाद पटवारियों को कैसे जेल भेज सकती हैं सरकार...
Chhattisgarh News : रायपुर। अपनी 8 सूत्रीय मांगों को पूरा करने के लिए पटवारी 15 मई से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर है। पटवारियों के हड़ताल के चलते लोगों के नक्शा, बटांकन,खसरा,नामांतरण जैसे कार्य प्रभावित हुए हैं। साथ ही आय,जाति, निवास जैसे सामान्य कार्य भी नहीं हो रहा है। जिससे कॉलेजों में एडमिशन प्रक्रिया प्रभावित हो गई है। जिसके चलते सरकार ने पटवारियों की हड़ताल पर एस्मा लगा दिया है। पर पटवारी भी हड़ताल से पीछे हटने को तैयार नहीं है। आज उन्होंने एस्मा आदेश की प्रतियां जलाई है। आइए जानते हैं कि क्या होता है एस्मा:-
एस्मा (ESMA) यानी एसेंशियल सर्विसेज मैनेजमेंट एक्ट। इसे हिंदी में अत्यावश्यक सेवा अनुरक्षण कानून के नाम से भी जाना जाता है। यह केंद्रीय कानून है जो 1968 में लागू किया गया था। हालांकि इस कानून को लागू करने के लिए राज्य सरकारों को भी छूट दी गई थी। इस एक्ट में 9 धाराएं हैं। जब कर्मचारी हड़ताल पर चले जाते हैं और हड़ताल लंबी चलने की वजह से आवश्यक सेवाओं एवं वस्तुओं की आपूर्ति यदि बाधित हो जाती है। तब सरकारे एस्मा का सहारा लेती है।
एस्मा लागू करने से पहले इससे प्रभावित होने वाले कर्मचारियों को समाचार पत्र या दूसरे माध्यमों से सूचित किया जाता है। इसके अलावा एस्मा लागू होने के बाद भी यदि कर्मचारी हड़ताल पर होते हैं तो उसे अवैध मानकर सरकार एस्मा एक्ट के तहत कार्यवाही कर सकती है। इसके लगने के बाद भी हड़ताल करने वाले कर्मचारियों को 6 माह कारावास या 200 रुपये अर्थदंड या दोनों से दंडित किया जा सकता है। हड़ताली कर्मियों को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस को किसी भी तरह की वारंट की जरूरत नहीं पड़ती। इसके अलावा हड़ताल के लिए उकसाने वाले कर्मचारी नेताओं को इससे दोगुनी सजा अर्थात 1 साल की सजा व 1 हजार रुपये अर्थदंड से दंडित किया जा सकता है। और हड़ताल को वित्त पोषित करने वालों को 1 साल के कारावास के अलावा 10 हजार रुपये जुर्माना या दोनों से दंडित किया जा सकता है। इस एक्ट के लागू होने के बाद औद्योगिक विवाद अधिनियम, कंपनी कानून, कर्मचारी हितैषी कानून स्वमेव निरस्त हो जाते हैं। ऐसा कानून सारे कानूनों से ऊपर है। सरकार यह एक्ट जब चाहे तब वापस ले सकती है। किस अवधि तक के लिए एस्मा लगाया जाए यह सरकार तय करती हैं। फिलहाल पटवारियों के हड़ताल के चलते 3 माह के लिए एस्मा लगाया गया है।