Chhattisgarh News: सीजी पीएससी, व्यापमं, निर्वाचन आयुक्त, मुख्य सूचना आयुक्त, सहित कई संवैधानिक आयोगों में खाली पड़ी है कुर्सी
Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ में कई महत्वपूर्ण संस्थानों में अध्यक्ष और सदस्य के पद खाली पड़े हैं। पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार चाहती तो इन पदों पर अपने पसंद के लोगों की नियुक्ति कर सकती थी, लेकिन कांग्रेस सरकार ने ऐसा नहीं किया। अब नई सरकार के लिए इन पदों पर नियुक्ति चुनौती साबित हो सकती है।
Chhattisgarh News: रायपुर। छत्तीसगढ़ में करीब आधा दर्जन से ज्यादा संवैधानिक और आर्द्ध न्यायिक संस्थाओं में उच्च स्तर के पद खाली हैं। इनमें से कुछ पद तो लंबे समय से खाली पड़े हैं, जबकि कुछ पद चुनाव परिणाम के बाद इस्तीफों की वजह से खाली हुए हैं। एक तरह से देखा जाए तो यह नई सरकार के लिए अच्छी खबर है, क्योंकि इस संवैधानिक पदों पर यदि पूर्ववर्ती सरकार अपने पसंद के लोगों की नियुक्ति कर देती तो मौजूद सरकार भी कार्यकाल खत्म हुए बिना उन्हें पद से हटा नहीं पाती। वहीं, उच्च स्तर के इन पदों में कुछ पर मुख्य सचिव (सीएस) और हाईकोर्ट के न्यायाधीश के स्तर के हैं। जानकार कह रहे हैं कि इन पदों के लिए योग्य व्यक्तियों की तलाश नई सरकार के लिए चुनौती साबित हो सकती है।
ये कुछ महत्वपूर्ण कुर्सियां जो खाली हैं
सीजी पीएससी: प्रदेश में खाली कुर्सियों में छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (सीजी पीएससी) के अध्यक्ष की कुर्सी भी शामिल हैं। कांग्रेस सरकार के दौरान नियुक्तियों में गड़बड़ी को लेकर जीसी पीएससी खासा विवादों में रहा। कांग्रेस के सत्ता से बाहर होने में सीजी पीएससी की भर्ती में हुई कथित गड़बड़ी भी प्रमुख कारणों में शामिल हैं। सीजी पीएससी के अध्यक्ष रहे टामन सिंह सोनवानी का कार्यकाल चुनाव की अधिसूचना जारी होने के करीब महीनेभर पहले ही खत्म हुआ। तत्कालीन सरकार चाहती तो नए अध्यक्ष की नियुक्ति कर देती, लेकिन सरकार ने सदस्य को प्रभार सौंप दिया। जानकार कर रहे हें कि सोनवानी जिस तरह विवादों के लिए बीच विदा हुए ऐसे समय में कोई भी पीएससी अध्यक्ष की कुर्सी संभालने को राजी नहीं होता।
राज्य निर्वाचन आयोग: राज्य निर्वाचन आयोग में निर्वाचन आयुक्त की कुर्सी खाली है। इस पद पर पूर्व आईएएस ठाकुर राम सिंह काम कर रहे थे। रामसिंह की 23 अगस्त 2016 को राज्य निर्वाचन आयुक्त बनाया गया था। राम सिंह का कार्यकाल काफी पहले खत्म हो गया था, लेकिन विकल्प नहीं मिलने के कारण कांग्रेस सरकार भी लगातार उनका कार्याकल बढ़ाती रही। मई 2023 में रामसिंह का कार्यकाल 6 महीने के लिए बढ़ाया गया था जो नवंबर में समाप्त हो गया। राम सिंह का कार्यकाल जब खत्म हुआ तब राज्य में आचार संहिता लागू थी और विधानसभा चुनाव की प्रक्रिया चल रही थी ऐसे में रामसिंह विदा हो गए। अब यह पद भी खाली है।
राज्य चुनाव आयोग: चुनाव आयोग में दो पद खाली हैं। इनमें मुख्य सूचना आयुक्त और एक सूचना आयुक्त का पद शामिल है। राज्य के मुख्य सूचना आयुक्त रहे एमके राउत (आईएएस) और सूचना आयुक्त अशोक अग्रवाल (आईएएस) का कार्यकाल नवंबर 2022 में समाप्त हो गया था। तब से इन पदों पर नई नियुक्ति नहीं की गई है। आयोग में फिलहाल दो सूचना आयुक्त ही हैं।
राज्य मानव अधिकार आयोग: मानव अधिकार आयोग में अध्यक्ष की कुर्सी लंबे समय से खाली है। आयोग में हाई कोर्ट के रिटायर जज को अध्यक्ष बनाया जाता है। प्रदेश में अंतिम पूर्वकालीन आयोग राजीव गुप्ता थे, जिनका कार्यकाल नवंबर 2017 में समाप्त हो गया था। गुप्ता हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त जज थे, उनके बाद आयोग में किसी अध्यक्ष की नियुक्ति नहीं हुई। गुप्ता का कार्यकाल समाप्त होने के बाद एमपी सिंघल को सरकार ने कार्यवाह अध्यक्ष बना दिया। सिंघल का कार्यकाल 2020 में समाप्त हो गया। इसके बाद सरकार ने रिटायर आईपीएस गिरधारी लाल नायक को आयोग का सदस्य और कार्यवाहक अध्यक्ष नियुक्त कर दिया। अभी नायक ही वहां काम कर रहे हैं।
व्यापमं और माशिमं: सीजी पीएससी की तरह सरकार भर्ती वाली दूसरी संस्था छत्तीसगढ़ व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) के अध्यक्ष की कुर्सी खाली है। कांग्रेस के संविदा पर काम कर रहे आईएएस आलोक शुक्ला को व्यापमं का अध्यक्ष बनाया था। छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल (माशिमं) के अध्यक्ष की जिम्मेदारी भी शुक्ला ही संभाल रहे थे। 3 दिसंबर को विधानसभा चुनाव का परिणाम जारी होने के बाद शुक्ला ने त्याग पत्र दे दिया। इस तरह दोनों ही संस्थाओं में अध्यक्ष की कुर्सी खाली है।
महाधिवक्ता: छत्तीसगढ़ में महाधिवक्ता की कुर्सी भी खाली पड़ी है। कांग्रेस सरकार में माधिवक्ता रहे सतीश चंद्र वर्मा ने भी राज्य में सत्ता परिवर्तन के तुरंत बाद अपने पद से इस्तीफ दे दिया था। फिलहाल एजी का यह पद भी खाली है।