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Chhattisgarh News: CG मेधावी छात्र प्रोत्‍साहन योजना के नाम पर रार: पंडित दीनदयाल का नाम हटाकर जोड़ा गया था स्‍वामी आत्‍मानंद का नाम, देखें 2019 का वह आदेश

Chhattisgarh News: 10वीं-12वीं के मेधावी छात्र-छात्राओं की प्रोत्‍साहन योजना के नाम को लेकर प्रदेश की सियासत गरमाई हुई है। कांग्रेस का आरोप है कि राज्‍य सरकार योजना का नाम बदल रही है, लेकिन सच्‍चाई कांग्रेसों के आरोपों के विपरीत है। पढ़ें योजना के नाम की पूरी कहानी बताती एनपीजी न्‍यूज की यह रिपोर्ट

Chhattisgarh News: CG मेधावी छात्र प्रोत्‍साहन योजना के नाम पर रार: पंडित दीनदयाल का नाम हटाकर जोड़ा गया था स्‍वामी आत्‍मानंद का नाम, देखें 2019 का वह आदेश
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By Sanjeet Kumar

Chhattisgarh News: रायपुर। छत्तीसगढ़ में इन दिनों नाम बदलने को लेकर राजनीति खूब गरमायी हुई है। स्वामी आत्मानंद स्कूल के नाम परिवर्तन को लेकर लग रही अटकलों के बीच, कांग्रेस लगातार सरकार पर हमलावर है। वो धर्म, संस्कार व सिद्धांतों का काकटेल बनाकर भाजपा पर लगातार निशाना लगा रही है। बेशक नाम बदलने को लेकर कांग्रेस मौजूदा वक्त में विपक्षी तेवर दिखा रही हो, लेकिन हकीकत तो यही है कि पिछले 5 सालों में कांग्रेस सरकार ने ही नाम बदलने का काम सबसे ज्यादा किया है। फिर चाहे बात स्कूल शिक्षा से जुड़ी योजनाओं की कर लें या फिर नगरीय निकाय से जुड़ी योजनाओं की लिस्ट देख लें। हैरानी की बात तो यही है कि जिस स्वामी आत्मानंद पर सबसे ज्यादा राजनीति मौजूदा वक्त में गरमायी हुई है, खुद कांग्रेस सरकार ने वो नाम पंडित दीनदयाल के नाम से बदलकर योजना में शामिल किया है।

छत्‍तीसगढ़ बोर्ड की 10वीं और 12वीं की परीक्षा में टॉप करने वाले विद्यार्थियों को राज्‍य की विष्‍णुदेव साय सरकार ने पुरस्‍कृत करने का ऐलान किया है। इसके तहत राज्‍य सरकार प्रत्‍येक टापर को एक लाख से एक लाख 30 हजार रुपये तक नगद पुरस्‍कार देने की तैयारी में है। लोकसभा चुनाव की आचार संहिता के खत्‍म होते ही साय सरकार इसका ऐलान कर सकती है। इस बीच मेधावी छात्रों के प्रोत्‍साहन की इस योजना के नाम बदलने को लेकर बयानबाजी शुरू हो गई है।

दरअसल फिलहाल इस योजना का नाम स्‍वामी आत्‍मानंद मेधावी छात्र प्रोत्‍साहन योजना है। इस योजना को यह नाम 2019 में तत्‍काली कांग्रेस सरकार ने दिया था, जबकि उससे पहले योजना पंडित दीनदयाल उपाध्‍याय के नाम पर थी। 2017 में डॉ. रमन सिंह की सरकार ने इस योजना को शुरू किया था। इसके तहत दसवीं और बारहवीं की बोर्ड की परीक्षाओं में मेरिट (प्रथम दस स्थान) में स्थान प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं को लैपटॉप दिया जाता था। इसके साथ ही कक्षा दसवीं के मेधावी विद्यार्थियों को दो वर्ष के लिए प्रतिमाह रूपये 5000/- (प्रतिवर्ष 10 माह ) और कक्षा बारहवीं के मेधावी विद्यार्थियों को दो वर्ष के लिए प्रतिमाह रूपये 10000/- (प्रतिवर्ष 10 माह) छात्रवृत्ति प्रदान किया जाता था।

दिसंबर 2018 में सत्‍ता में आई कांग्रेस की सरकार ने 11 सितंबर 2019 को एक आदेश जारी कर इस योजना का नाम बदल दिया। स्‍कूल शिक्षा विभाग के अवर सचिव के हस्‍ताक्षर से जारी इस आदेश में नाम बदलने का स्‍पष्‍ट उल्‍लेख किया गया है। आदेश में लिखा है कि मुख्‍यमंत्री ने वर्ष 2017 में पंडित दीनदयाल उपाध्याय मेधावी छात्र / प्रोत्साहन योजना" के क्रियान्वयन के निर्देश दिए गए थे। उक्त योजना का नाम संशोधित करते हुए "स्वामी आत्मानंद मेधावी छात्र प्रोत्साहन योजना" किया जाता है। योजना के अन्तर्गत दसवी एवं बारहवीं की बोर्ड की परीक्षाओं में मेरिट (प्रथम दस स्थान) में स्थान प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं को लेपटॉप प्रदान किया जाएगा। इसके अतिरिक्त कक्षा दसवीं एवं बारहवीं के मेधावी विद्यार्थियों राशि रूपये 1.25 लाख प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाएगी।

कांग्रेस राज में बदले गए थे कई योजनाओं के नाम

2018 में प्रदेश की सत्‍ता में आने के बाद कांग्रेस सरकार ने पूर्ववर्ती बीजेपी सरकार के कार्यकाल में शुरू हुई कई योजना के नाम बदल दिए थे। इसमें पंडित दीनदयाल उपाध्याय स्वावलंबन योजना का नाम बदलकर राजीव गांधी स्वावलंबन योजना किया गया। पंडित दीनदयाल उपाध्याय सर्वसमाज मांगलिक भवन योजना का नाम डॉ. बीआर आंबेडकर सर्वसमाज मांगलिक भवन योजना किया। पंडित दीनदयाल उपाध्याय एलईडी पथ प्रकाश योजना का नाम इंदिरा प्रियदर्शिनी एलईडी पथ प्रकाश योजना किया गया। पंडित दीनदयाल उपाध्याय आजीविका केंद्र योजना का नाम राजीव गांधी आजीविका केंद्र किया गया। पंडित दीनदयाल उपाध्याय शुद्ध पेयजल योजना का नाम इंदिरा प्रियदर्शिनी शुद्ध पेयजल किया गया। पंडित दीनदयाल उपाध्याय अन्न श्रम सहायता योजना का नाम शहीद वीर नारायण सिंह श्रम सहायता योजना किया गया। राजमाता विजयाराजे कन्या विवाह योजना का नाम बदलकर मिनीमाता कन्या विवाह योजना किया गया।

देखें मेधावी छात्र प्रोत्‍साहन योजना को लेकर 2017 और 2019 में जारी आदेश...




आत्‍मानंद स्‍कूलों का नाम बदलने का भी कांग्रेस लगा रही है आरोप

इससे पहले कांग्रेस स्‍वामी आत्‍मानंद स्‍कूलों का नाम बदलने का भी आरोप लगा चुकी है। कांग्रेस का आरोप है कि स्‍वामी आत्‍मानंद स्‍कूलों का नाम बदलकर पीएम श्री स्‍कूल किया जा रहा है, जबकि सरकार स्‍पष्‍ट कर चुकी है कि स्‍कूलों का नाम नहीं बदला जाएगा बल्कि नाम के आगे केवल पीएम श्री जोड़ा जाएगा।

राज्‍य सरकार के आला अफसरों ने कहा कि पीएम श्री योजना में शामिल होने से किसी भी स्‍कूल के नाम पर कोई असर नहीं पड़ेगा। स्‍कूल का नाम नहीं बदला जाएगा, केवल उसके नाम के आगे पीएम श्री जोड़ जाएगा। जैसे पीएम श्री स्‍वामी आत्‍मानंद अंग्रेजी माध्‍यम स्‍कूल। अफसरों के अनुसार स्‍कूल के नाम के आगे पीएम श्री जोड़ने के साथ ही इस योजना का लोगो भी लगाया जाएगा

अफसरों के अनुसार प्रथम चरण में छत्तीसगढ़ में पीएमश्री योजना अंतर्गत चयनित 211 शालाओं में 193 एलीमेन्ट्री स्तर की और 18 सेकेंडरी / हायर सेकेंडरी स्तर की शाला शामिल हो सकी। स्वामी आत्मानंद विद्यालयों को इस योजना से पृथक कर दिए जाने से सेकेंडरी / हायर सेकेंडरी स्तर की शालाएं इस योजना के लाभ से वंचित रही। पीएमश्री योजना अंतर्गत चयनित किसी भी शाला का नाम परिवर्तित नहीं होगा, अपितु शाला के नाम के पूर्व में पीएमश्री जोड़ा जाएगा और शाला में पीएमश्री का लोगो लगाया जाएगा।

चयनित शालाओं में कार्यरत अधिकारी, कर्मचारी पूर्ववत ही रहेंगे, विद्यार्थियों की प्रवेश प्रक्रिया यथावत रहेगी। पढ़ाई का माध्यम एवं पाठ्यक्रम भी पूर्ववत ही रहेगा। सेजस विद्यालयों को इस योजना में शामिल हो जाने से केन्द्र सरकार से अतिरिक्त आर्थिक एवं भौतिक सुविधाएं प्राप्त होगी। इस योजना का लाभ भारत सरकार द्वारा निर्धारित मापदंड अनुरूप संचालित सभी शासकीय शालाएं जैसे-एकलव्य विद्यालय, जवाहर नवोदय विद्यालय, कस्तुरबा विद्यालय, पोर्टाकेबिन विद्यालय आदि प्राप्त कर सकती है।

Sanjeet Kumar

संजीत कुमार: छत्‍तीसगढ़ में 23 वर्षों से पत्रकारिता में सक्रिय। उत्‍कृष्‍ट संसदीय रिपोर्टिंग के लिए 2018 में छत्‍तीसगढ़ विधानसभा से पुरस्‍कृत। सांध्‍य दैनिक अग्रदूत से पत्रकारिता की शुरुआत करने के बाद हरिभूमि, पत्रिका और नईदुनिया में सिटी चीफ और स्‍टेट ब्‍यूरो चीफ के पद पर काम किया। वर्तमान में NPG.News में कार्यरत। पंड़‍ित रविशंकर विवि से लोक प्रशासन में एमए और पत्रकारिता (बीजेएमसी) की डिग्री।

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