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Chhattisgarh Mahila Aayog- 1 अफसर और 23 महिलाएं: महिलाओं ने प्रताड़ित करने लगाई अर्जी तो महिला आयोग ने की निलंबित करने की अनुशंसा, पढ़िए और कई दिलचस्प मामले

Chhattisgarh Mahila Aayog- 1 अफसर और 23 महिलाएं: महिलाओं ने प्रताड़ित करने लगाई अर्जी तो महिला आयोग ने की निलंबित करने की अनुशंसा, पढ़िए और कई दिलचस्प मामले
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By NPG News

Chhattisgarh Mahila Aayog रायपुर। राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक, सदस्य डॉ. अनिता रावटे एवं अर्चना उपाध्याय ने आज (शास्त्री चौक) मुख्य निर्वाचन के बगल रायपुर मे महिला उत्पीड़न से संबंधित प्रस्तुत प्रकरणों पर जनसुनवाई की । छत्तीसगढ़ महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ किरणमयी नायक की अध्यक्षता में आज 166 वीं जन सुनवाई हुई। रायपुर की आज की जनसुनवाई में कुल 30 प्रकरण सुनवाई हेतु रखे गये थे।

एक प्रकरण में आवेदिका और अनावेदक दोनों नगर सैनिक के पद पर कार्यरत है और दोनों का 2015 में विवाह किया था और 30 जुलाई 2022 से अलग रह रहे हैं। आवेदिका ने आईजी अंबिकापुर के पास शिकायत की है जिस पर आई. जी. अंबिकापुर द्वारा जांच किया जा रहा है। दोनों पक्ष आयोग के सामने एक दूसरे की दूसरी विवाह की शिकायत कर रहे हैं और आवेदिका अपने पैसों की मांग कर रही है। जिस पर अनावेदक का कथन है कि दोनों ने पांच-पांच डिसमिल जमीन खरीदा था उस बाबत आवेदिका ने अपने हिस्से की जमीन के लिए पैसा दिया था। दोनों ही पढ़े लिखे और शासकीय सेवा में कार्यरत है। आपसी मनमुटाव के बाद एक दूसरे के विरुद्ध शिकायत कर रहे हैं। प्रकरण की सुनवाई करते हुए डॉ किरणमयी नायक ने कहा कि वर्तमान में शिकायत विभागीय जांच प्रक्रिया होने के कारण प्रकरण आयोग से नस्तीबद्ध किया जाता है।

अन्य प्रकरण में आवेदिका ने अपने वरिष्ठ अधिकारी के खिलाफ प्रकरण प्रस्तुत किया है अनावेदक के द्वारा दस्तावेज दिखाए जाने पर यह स्पष्ट है कि आंतरिक परिवाद समिति की अध्यक्ष आवेदिका ही है और अब तक आवेदिका ने अपने विभागीय आंतरिक परिवाद समिति में शिकायत नहीं किया है। और ना ही इसके लिए प्रयास किया है। अनावेदक पक्ष ने बताया कि आवेदिका द्वारा अपने कार्य समय में विलंब से आना और पहले से चले जाती है। इसको लेकर कार्यालय में शिकायत होने के कारण ही उन पर कार्रवाई की गई है। उनका सी. आर. खराब नहीं किया गया है। इस प्रकरण में आयोग की अध्यक्ष डॉ किरणमयी नायक ने सुनवाई करते हुए कहा कि ऐसी दशा में इस प्रकरण पर सबसे बेहतर विकल्प यह होगा कि कलेक्टर बेमेतरा के अंतर्गत इस परिवाद समिति के समक्ष उभय पक्ष के शिकायतों और आवेदनों की जांच कराया जाए और आवश्यकता पड़ने पर उनकी रिपोर्ट के आधार पर पुनः प्रकरण सुना जाए कलेक्टर बेमेतरा को एक पत्र प्रेषित किया जाए जिसमें जिला परिवाद समिति गठित कर उसकी रिपोर्ट टीम 3 माह के भीतर आयोग में प्रस्तुत करें।

अन्य प्रकरण में आवेदिका ने अनावेदक गणों के विरुद्ध शिकायत किया है कि आवेदिका को 16 फरवरी 2023 के बाद एम्स में कार्यरत सफाई कर्मी के नौकरी से निकाल दिया गया है। आवेदिका के पास रोजी-रोटी के लिए कोई साधन नहीं है। आवेदिका को 7 मार्च 2023 तक नौकरी पर रखने के लिए लेबर कोर्ट के द्वारा आदेश भी दिया गया है। परंतु आवेदिका को एम्स द्वारा अभी तक कार्य पर नहीं रखा गया है। अनावेदक गणों को आयोग के द्वारा समझाइश दिए जाने के बाद अनावेदक गण आवेदिका को 11 अप्रैल 2023 से जनरल शिफ्ट में कार्य में रखने के लिए तैयार हुए हैं। डॉ किरणमयी नायक ने कहा कि इस प्रकरण को 18 अप्रैल 2023 को पुनः सुना जाएगा उसके बाद दोनों पक्षों के संबंध में अंतिम निर्णय लिया जाएगा।

अन्य प्रकरण में आवेदिका के नाम पर पट्टे की जगह पर अनावेदक रहता है। दोनों पक्ष आपस में सगे भाई हैं। आयोग द्वारा संपत्ति विवाद के इस मामले को आपस में तय कराने का बहुत प्रयास किया गया किंतु दोनों पक्ष मानने को तैयार नहीं है। ऐसी दशा में आयोग की अध्यक्ष डॉ किरणमयी नायक ने सुनवाई करते हुए कहा कि आवेदिका को यह अधिकार दिया जाता है कि वह अनावेदक के विरुद्ध आपराधिक मामला व दीवानी न्यायालय में आवश्यकता अनुसार अनावेदक के विरुद्ध आवेदन प्रस्तुत कर अपने पट्टा शुदा मकान का कब्जा और संपत्ति वापस प्राप्त कर सकती है। इस निर्देश के साथ यह प्रकरण आयोग से नस्तीबद्ध किया जाता है।

अन्य प्रकरण में दोनों पक्षों को सुना गया पिछली सुनाई में दोनों पक्षों को स्टाम्प पेपर में लिखित एग्रीमेंट कराने का निर्देश दिया गया था। अनावेदक 1 का कहना है कि उसके दिमाग से उतर गया था। और अब स्टाम्प पेपर पर लिखा -पढ़ी करने को तैयार है। आवेदिका का कथन है कि अनावेदिका आज अपने घर पर उपस्थित है और जानबूझकर नहीं आई है। आवेदिका की बेटी जो कि 18 वर्षीय है और 12 वीं की परीक्षा दी है। उसने बताया गया कि आयोग की पिछली सुनवाई के बाद सब कुछ ठीक हो गया था। उसके बाद अनावेदिका महिला आयोग में एक आवेदन प्रस्तुत की है उसके बाद फिर से परिवार में कलह चालू हो गई है। आयोग की अध्यक्ष डॉ किरणमयी नायक द्वारा सुनवाई करते हुए कहा कि थाना प्रभारी को कड़ा पत्र भेजा जाए और अनावेदक क्रमांक 2 को अगली सुनवाई में आवश्यक रूप से उपस्थित किया जाए।

अन्य प्रकरण में आ वेदिका दिनांक 15 मार्च 2023 को अपना संशोधित आवेदन प्रस्तुत की थी और अनावेदक सूचना के बाद भी आज अनुपस्थित है इस अनावेदक के विरुद्ध महिला आयोग में कई शिकायत आवेदन प्रस्तुत है जिसमें सभी की शिकायत समान है अतः समस्त प्रकरणों को एक साथ सभी प्रकरणों को सुना जा सके। सुनवाई करते हुए डॉ किरणमयी नायक ने कहा कि अनावेदक के विरुद्ध इतनी सारी महिलाओं की शिकायत से स्पष्ट होता है कि यह अनावेदक अपने पद का दुरुपयोग कर रहा है, एवं आज की सुनवाई में जानबूझकर अनुपस्थित है। इस प्रकरण में जो कि 23 प्रकरण अब तक अनावेदक के विरुद्ध पंजीबद्ध हो चुके हैं। सभी प्रकरणों को एक दिन सुनवाई हेतु रखा जाता है। इस अनावेदक के द्वारा समस्त महिलाओं को प्रताड़ित किया जा रहा है। अतः प्रकरण की सुनवाई शीघ्र और नियमित किए जाने तक उसके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की अनुशंसा भेजी जाएगी एवं वह शासकीय नियमों और न्यायालय की अवमानना करते हुए समस्त महिलाओं को प्रताड़ित कर रहा है। आयोग की सुनवाई में अनुपस्थित है। विभागीय प्रमुख सचिव को पत्र भेजा जाए कि अनावेदक के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई की अनुशंसा होने तक अनावेदक को अस्थाई रूप से सेवा में क्यों ना निलंबित किया जाए। अनावेदक आयोग में अपना स्पष्टीकरण प्रस्तुत करें और अपना लिखित उत्तर 1 सप्ताह के अंदर प्रस्तुत करें ताकि प्रकरण की सुनवाई नियत किया जा सके।


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