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कमिश्नर की छुट्टी और सवाल

कमिश्नर की छुट्टी और सवाल
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By NPG News

संजय के. दीक्षित

तरकश, 7 अगस्त 2022

राज्य सरकार ने सरगुजा कमिश्नर जीआर चुरेंद्र को हटा दिया। उन्हें मंत्रालय में बिना विभाग का ज्वाइंट सिकरेट्री बनाया गया है। सवाल यह नहीं है कि उन्हें कोई विभाग क्यों नहीं दिया गया। रमन सरकार से लेकर भूपेश बघेल सरकार तक कई बार ऐसा हुआ है...किसी अफसर से गर नाराजगी है, तो छुट्टी करने के बाद कुछ दिनों तक उन्हें बे-विभाग रखा गया। इसमें बड़ा प्रश्न यह है कि चुरेंद्र अभी तक ज्वाइंट सिकरेट्री क्यों हैं? जबकि, वे 2003 बैच के आईएएस हैं...छत्तीसगढ़ में 2006 बैच के आईएएस सिकरेट्री बन चुके हैं। वैसे भी, 16 साल की सर्विस के बाद आईएएस अधिकारियों का सचिव पद पर प्रमोशन हो जाता है। चुरेंद्र का 19 साल हो गया। छत्तीसगढ़ में भी चुरेद्र से जूनियर 23 अधिकारी सिकरेट्री बन चुके हैं। बताते हैं, चुरेंद्र का कोई पुराना मामला है...गरियाबंद में पोस्टिंग के दौरान जमीन की व्यापक गड़बड़ियां हुई थीं। उसमें डीई का आदेश हुआ था। इस वजह से प्रमोशन की उनकी फाइल आगे नहीं बढ़ पाई। अब ये अलग बात है कि वक्त जब बलवान होता है तो...। चुरेंद्र सूरजपुर के कलेक्टर के बाद रायपुर, दुर्ग, बस्तर और सरगुजा के कमिश्नर रह लिए। देश में ये भी एक रिकार्ड होगा...ज्वाइंट सिकरेट्री लेवल का प्रमोटी आईएएस चार डिवीजन का कमिश्नर रह लिया।

डबल प्रभार

दुर्ग रेंज के आईजी बद्री नारायण मीणा को पिछले हफ्ते सरकार ने रायपुर रेंज की अतिरिक्त जिम्मेदारी सौंपी। और इस हफ्ते बिलासपुर डिविजनल कमिश्नर डॉ0 संजय अलंग को सरगुजा संभाग की। यह दूसरा मौका है, जब अलंग को सरगुजा का प्रभार दिया गया है। इससे पहले भी उन्हें एक बार सरगुजा का चार्ज दिया गया था। बता दें, 2020 में जब शिकायतों की वजह से सरकार ने ईमिल लकड़ा को सरगुजा से हटाया था, तब अलंग को वहां की कमान सौंपी गई थी।

झंडा उंचा रहे..., लेकिन

आजादी के अमृत महोत्सव पर अबकी 15 अगस्त को हर घर में झंडा फहराया जाएगा। इसके लिए हर घर तिरंगा अभियान चलाया जा रहा...व्यापक स्तर पर झंडों का वितरण किया जा रहा है। अमृत महोत्सव पर इससे अच्छी बात नहीं हो सकती। मगर शासन, प्रशासन को यह ध्यान रखना होगा कि झंडे का अपमान न हो। कई बार देखा गया है कि 15 अगस्त और 26 जनवरी के अगले दिन सड़कों पर झंडे गिरे होते हैं। इस बार तो हर घर में, हर हाथ में तिरंगा होगा। लिहाजा, प्रशासन को लोगों को अभी से जागरुक करने का प्रयास शुरू कर देना चाहिए कि झंडों का अपमान न हो।

पहली बार

यूपीएससी सलेक्ट हुए छत्तीसगढ़ के अभ्यर्थियों को सर्विस एलॉट कर दिया गया है। इसमें चार को आईएएस और चार को आईपीएस मिला है। यह पहला मौका होगा, जब एक साथ छत्तीसगढ़ के चार-चार युवाओं को आईएएस, आईपीएस बनने का अवसर मिला है। 45 रैंक वाली श्रद्धा शुक्ला, 51 रैंक वाले अक्षय पिल्ले, 102 रैंक वाले प्रखर चंद्राकर व 199 रैंक वाली पूजा साहू को आईएएस अलॉट हुआ है। वहीं 81 रैंक वाली ईशु अग्रवाल, 147 रैंक वाले मयंक दुबे, 156 रैंक वाले प्रतीक अग्रवाल व 216 वी रैंक वाली दिव्यांजली जायसवाल को आईपीएस अलॉट हुआ है। बता दें, पहले छत्तीसगढ़ से एक या दो से ज्यादा कभी आईएएस, आईपीएस में सलेक्शन नहीं होता था। बहरहाल, इन आठ में से देखना है कितनों को होम कैडर याने छत्तीसगढ़ अलॉट होता है।

आईएएस की सायकिल

वैसे तो सायकिल चलाना सेहत के लिए अच्छा माना जाता है। मगर सूबे में एक ऐसे नौकरशाह हैं, जो सायकिल के और भी कई फायदे उठा रहे थे। दरअसलं, एक युवा आईएएस को एक युवती से दिल लग गया। अब वे सरकारी गाड़ी में मिलने तो जा नहीं सकते। सो, गजब का आइडिया निकाला। सायकिल से माशुका के घर। हेलमेट, टीशर्ट, हाफ पैंट...इसमें अफसर को भला कौन पहचान पाएगा। बताते हैं, कुछ दिन उनका ठीक ठाक चलता रहा। मगर पत्नी आखिर पत्नी होती है...भांप गई कि सुबह शाम परफ्यूम लगाकर जनाब कहां जाते हैं। एक दिन पीछे-पीछे गाड़ी लेकर वे भी निकल गई। बाद में जो कुछ हुआ, वो बड़ा भयानक था। प्रेमिका के घर में ही अफसर की लानत-मलानत हो गई।

केदार की ताजपोशी?

छत्तीसगढ़ में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष बदलने की अटकलें एक बार फिर तेज हो गई है। कल प्रदेश प्रभारी पुरंदेश्वरी को घर में गमी होने के बाद भी दिल्ली बुलाया गया, उसके बाद सूबे में चर्चाओ को और बल मिल गया। पता चला है, पार्टी ने अब प्रदेश के संगठन में बदलाव का रोड मैप तैयार कर लिया है। पार्टी पहले ओबीसी को अध्यक्ष बनाना चाह रही थी। लेकिन, अब आदिवासी नेता को ही फिर से कमान सौंपने पर विचार किया जा रहा है। इसमें बस्तर से केदार कश्यप का नाम सबसे उपर बताया जा रहा है। केदार से फायदा यह है युवा होने के साथ ही वे स्व0 बलीराम कश्यप के बेटे हैं। और, खासतौर से बस्तर के आदिवासियों में स्व0 कश्यप के प्रति बड़ा आदर है। इसका स्वाभाविक लाभ केदार और बीजेपी को मिलेगा, ऐसा बीजेपी के लीडरों का मानना है। हालांकि, अभी कुछ फायनल नहीं हुआ है मगर ये भी सही है कि बहुत जल्द फायनल होने वाला है।

डीजीपी रिटायर

छत्तीसगढ़ कैडर के 91 बैच के आईपीएस अधिकारी लांग कुमेर इस महीने 30 अगस्त को रिटायर हो जाएंगे। बस्तर और सरगुजा के आईजी रह चुके कुमेर इस वक्त डेपुटेशन पर नागालैंड में डीजीपी हैं। नागालैंड कुमेर का गृह राज्य है। पॉलिटिकल बैकग्राउंड होने की वजह से नागालैंड जाने पर वहां की सरकार ने उन्हें नागालैंड जाते ही डीजीपी बना दिया था। कुमार यहां से 2017 में नागालैंड गए थे। करीब-करीब वे चार साल डीजीपी रह लिए। लांग कुमेर वही अफसर हैं, जिनका नाम पिछली सरकार ने निगरानी वाली सूची में रखने के लिए भारत सरकार को भेज दिया था। मगर तकदीर की बात है।

अंत में दो सवाल आपसे

1. बीजेपी कार्यकर्ता क्षेत्रीय सह संगठन मंत्री अजय जामवाल को बीजेपी का जामवंत क्यों कह रहे?

2. क्या पीसीसी अध्यक्ष मोहन मरकाम की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं?

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