बेहद हंगामेदार और सत्ता पक्ष के लिए धर्मसंकट वाला रहेगा विधानसभा का मानसूत्र सत्र, 27 जुलाई से पहले हो सकता है सत्र का अवसान

Chhatisgarh Vidhansabha Budget session 2025
रायपुर। विधानसभा का मानसून सत्र कल 20 जुलाई से प्रारंभ हो रहा है। छह कार्यदिवस का यह सत्र 27 जुलाई तक चलेगा। पंचायत और स्वस्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव के पंचायत विभाग से इस्तीफा दिए जाने की वजह से इस सत्र को लेकर लोगों की उत्सुकता बढ़ गई है। सियासी पंडितों भी मानते हैं कि यह सत्र बेहद हंगामेदार और सरकार के लिए धर्मसंकट वाला रहेगा। जाहिर है, कुछ मुद्दों पर सरकार को डिफेंसिव होना पड़ेगा।
वैसे भी जैसे-जैसे विधानसभा चुनाव नजदीक आता जाएग, विपक्ष की आक्रकमता बढ़ती जाएगी। इस बार तो मंत्री टीएस सिंहदेव ने विपक्ष को बड़ा और मारक हथियार दे दिए हैं। इस्तीफे के बाद भाजपा नेताओं ने कहा भी कि जो आरोप सरकार पर लग रहे थे, उन्हीं के मंत्री ने इसकी पुष्टि कर दी है। पता चला है, विपक्ष पहले दिन प्रश्नकाल भी नहीं चलने देने पर विचार कर रहा है। जानकारों का कहना है, विपक्ष इस बात को लेकर विधानसभा में हंगामा करेगा कि मंत्रिमंडल सामूहिक जिम्मेदारी से चलती है। और जब सरकार का एक मंत्री ही अपनी सरकार पर गंभीर आरोप लगा रहा तो वैधसानिक संकट की स्थिति पैदा हो गई है।
हालांकि, प्रश्नकाल चलने देना है या नहीं, इस पर बीजेपी ने फायनल नहीं किया है। मगर ये सही है कि सत्र पहले दिन से ही बेहद हंगामेदार रहेगा। सत्ता पक्ष के लिए धर्मसकंट की स्थिति रहेगी। क्योंकि, विपक्ष टीएस सिंहदेव के चार पन्नों के आरोपों को दुहराकर सत्ताधारी पार्टी पर हमला करने की कोशिश करेगी। चूकि सिंहदेव अभी मंत्रिमंडल के सदस्य हैं, लिहाजा सरकार आरोपों से पल्ला भी नहीं ंझाड़ सकती और न ही सिंहदेव पर ठीकरा फोड़ सकती।
वैसे यह भी सही है कि राज्य बनने के बाद कोई भी मानसून सत्र पूरे समय नहीं चला है। एकाध दिन पहले समाप्त हो गया। इस बार तो सरकार पर धावा बोलने के लिए विपक्ष के पास प्रचुर हथियार हैं। ऐसे में, समय से दो-तीन दिन पहले ही विधानसभा का अवसान हो जाए, तो आश्चर्य नहीं। दो साल पहले मध्यप्रदेश में डेढ़ दिन में विधानसभा का सत्र समाप्त हो गया था। वहां कांग्रेस ने हंगामा किया था और भाजपा सत्ता में थी। यहां कांग्रेस सत्ता में है और बीजेपी विपक्ष में।