Chhattisgarh Teacher Posting Scam: 2723 शिक्षकों की पोस्टिंग हुई शून्य, सरकार ने किया एकतरफा कार्यमुक्त, निलंबित 4 ज्वाइंट डायरेक्टरों समेत 10 को थमाया चार्जशीट
Chhattisgarh Teacher Posting Scam: छत्तीसगढ़ की शिक्षा में ‘धनबल’ का दबदबा: स्कूल शिक्षा विभाग की ही जांच में हुआ साबित छत्तीसगढ़ स्कूल शिक्षा विभाग ने आज 2723 शिक्षकों के तबादला आदेश में किए गए संशोधन को निरस्त कर दिया है। विभाग ने माना है कि इन आदेशा में संंशोधन के लिए जमकर धनबल का उपयोग किया गया है।
- सभी 2723 तबादला आदेश निरस्त, 10 दिन में मूल स्थान पर लौटने के आदेश
- सबसे ज्यादा बिलासपुर संभाग में हुआ खेल, 799 के आदेश निरस्त
- पूर्व शिक्षा मंत्री डॉ.टेकाम के संभाग में सबसे ज्यादा शिक्षक हुए पदोन्नति
विभाग की स्वीकारोक्ति
- तबादला आदेश संशोधन में जमकर हुई धन उगाही
- पैसे वालों ने धन बल के दम पर करा ली मन चाहे स्थान पर पदस्थाना
- जो धन नहीं दे पाए और सिफारिश ला पाए उन्हें दुर्गम स्थानों पर जाना पड़ा
Chhattisgarh Teacher Posting Scam: रायपुर। छत्तीसगढ़ के शिक्षा विभाग में धनबल का दबदबा है। धन के बल पर कोई भी खेल किया जा सकता है। यह बात हम नहीं कह रहे हैं बल्कि विभाग की एक जांच रिपोर्ट में यह कहा गया है। विभाग की जांच में यह बात सबित हुई है कि सहायक शिक्षक से शिक्षक संवर्ग में पदोन्नति और उसके बाद पदस्थापना में खुलकर धन का खेल चला है। इस देखते हुए विभाग ने 2723 तबादला संशोधन आदेश को तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दिया है। इसके साथ ही धनबल और सिफारिश के दम पर तबादला आदेश में संशोधन कराने वाले सभी 2723 लोगों को तत्काल अपने पुराने पदस्थाना स्थान पर ज्वाइन करने का निर्देश जारी कर दिया गया है। इस मामले में निलंबित किए गए चारों ज्वाइंट डायरेक्टरों समेत 10 को चार्जशीट दिया गया है।
विभाग के अवर सचिव पुलक भट्टाचार्य के हस्ताक्षर से जारी इस आदेश में स्पष्ट शब्दों में कहा गया है कि 10 दिन के भीतर यदि कोई अपने पुराने स्थान पर नहीं लौटता है तो उसकी पदोन्नति निरस्त मानी जाएगी। इसके लिए अलग से कोई सूचना नहीं दी जाएगी। यानी इसी आदेश में पदोन्नति निरस्त करने का आदेश भी शामिल है।
राजनीतिक हस्तक्षेप भी बात
पदोन्नति के बाद हुए तबादलों में विभाग ने राजनीतिक हस्तक्षेप की भी बात स्वीकार की है। तबादला संशोधन आदेश को निरस्त करते हुए विभाग ने कहा कि यदि इस गैर कानूनी संशोधनों को निरस्त नहीं किया गया तो शिक्षा विभाग में अनैतिक राजनीतिक हस्तक्षेप लगातार होता रहेगा और भ्रष्टाचार की प्रवृति को बढ़ावा मिलेगा।
शिक्षक विहीन हो गए 450 स्कूल
विभागीय अफसरों के अनुसार पदोन्नति के बाद तबादलों में इस बात का प्रयास किया जाना था कि जिन स्कूलों में केवल एक शिक्षक हैं, वहां शिक्षकों की संख्या बढ़े, लेकिन यहां उल्टा हो गया। 450 स्कूल शिक्षक विहीन हो गए। वहीं, 6151 स्कूल ऐसे हो गए जहां केवल एक ही शिक्षक रह गए थे।
सरगुजा संभाग में सबसे ज्यादा पदोन्नति
प्रदेश के पांचों संभागों में सबसे ज्यादा 2997 शिक्षकों की पदोन्नति सरगुजा संभाग में हुई है, लेकिन सबसे कम गड़बड़ी वहीं उजागर हुई है। वहां 385 आदेश ही निरस्त किए गए हैं। राज्य कैबिनेट से हाए गए पूर्व स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम इसी संभाग से आते हैं। इसके विपरीत बिलासपुर संभाग में सबसे ज्यादा 799 तबादला आदेश निरस्त किए गए हैं। वहां 2785 शिक्षक पदोन्नत हुए हैं। रायपुर संभाग में 543 आदेश निरस्तर किए गए हैं। रायपुर में 1283 शिक्षक पदोन्नत हुए हैं। इसी तरह दुर्ग संभाग में 1505 पदोन्नत किए गए, जबकि 438 ट्रांसफर आदेश निरस्त किए गए हैं। बस्तर संभाग में 2206 शिक्षक पदोन्नत हुए और वहां 558 आदेश निरस्त किए गए हैं।
देखें स्कूल शिक्षा विभाग के अवर सचिव का आदेश