Chhattisgarh Dhan Kharidi: धान खरीदी को लेकर मंत्री रविंद्र चौबे का बड़ा बयान, बताया कब से शुरू होगी खरीदी
Chhattisgarh Dhan Kharidi: इस साल मानसून लगभग समय पर पहुंचा है और राज्य में अभी तक अच्छी बारिश हो चुकी है। ऐसे में इस बार धान की पैदावार अच्छी होने की उम्मीद की जा रही है। चुनावी साल भी है ऐसे में सरकार ने इस बार समय से पहले धान खरीदी शुरू करने के संकेत दिए हैं।
Dhan Kharidi: रायपुर। छत्तीसगढ़ में धान खरीदी को लेकर मंत्री रविंद्र चौबे का बड़ा बयान सामने आया है। मंत्री चौबे ने कहा कि इस बार 1 नवंबर से पहले धान की खरीदी शुरू की जा सकती है। राजधानी में आज पत्रकारों से चर्चा करते हुए चौबे ने कहा कि धान खरीदी मौसम पर आधारित प्रक्रिया है, इसलिए धान खरीदी पर कैबिनेट निर्णय लेगी।
बता दें कि इस वर्ष सरकार ने खरीफ वर्ष 2023-2024 में सरकार ने 125 लाख टन धान खरीदने का अनुमानित लक्ष्य रखा है। साथ ही सरकार ने किसानों से खरीदी के लिए प्रति एकड़ 15 क्विंटल की सीमा को बढ़कार प्रति एकड़ 20 क्विंटल कर दिया है। कृषि विभाग के अफसरों ने बताया कि खरीफ सीजन 2023 में 48 लाख 20 हजार हेक्टेयर रकबे में बुआई का लक्ष्य है, जिसमें 36 लाख हेक्टेयर में धान, 4 लाख एक हजार हेक्टेयर में मक्का सहित कोदो-कुटकी, रागी की फसलें, 4 लाख 48 हजार 180 हेक्टेयर में दलहन, 3 लाख 60 हजार हेक्टेयर में तिलहन तथा 2 लाख 9 हजार हेक्टेयर में तिलहन तथा 2 लाख 50 हजार हेक्टेयर में साग-सब्जी एवं अन्य फसलों की खेती का लक्ष्य निर्धारित है।
धान उत्पादक किसान बड़ा वोट बैंक
छत्तीसगढ़ को धान का कटोरा कहा जाता है, क्योंकि धान यहां की प्रमुख फसल होने के साथ ही अर्थव्यवस्था का मजबूत आधार है। पिछले सीजन में धान बेचने के लिए करीब 24 लाख किसानों ने पंजीयन कराया था। कृषि विभाग के अफसरों के अनुसार राज्य के धान उत्पादन वाले क्षेत्रों में इस वर्ष अच्छी बारिश हुई है। ऐसे में अच्छे उत्पादन की संभावना के साथ ही समय से पहले भी फसल तैयार होने की उम्मीद की जा रही है।
राज्य के 14 लाख से अधिक किसानों को 6290 करोड़ का कृषि ऋण
राज्य में 14 लाख से अधिक किसानों को चालू खरीफ सीजन के लिए 6290 करोड़ 19 लाख 71 हजार रुपये का ऋण दिया जा चुका है, जो कि इस साल ऋण वितरण के लिए निर्धारित लक्ष्य का 103 प्रतिशत है। खरीफ सीजन-2023 में राज्य के किसानों को 6100 करोड़ रुपये का अल्पकालीन कृषि ऋण शून्य प्रतिशत ब्याज पर सहकारी बैंको के माध्यम से दिए जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। जिसकी पूर्ति खरीफ के मध्य में ही हो चुकी है। सहकारी बैंकों द्वारा जरूरतमंद किसानों को खरीफ फसलों की बुआई, निदाई सहित अन्य कार्यों के लिए शून्य प्रतिशत ब्याज पर कृषि ऋण दिए जाने का सिलसिला लक्ष्य पूर्ति के बाद भी जारी है।
खरीफ सीजन-2023 में अल्पकालीन कृषि ऋण लेने के मामले में बालोद जिले के किसान सबसे आगे रहे हैं। अभी तक बालोद जिले के सर्वाधिक एक लाख 7 हजार 357 किसानों ने 430 करोड़ 5 लाख रूपए का ऋण आदान सामग्री एवं नगद के रूप में प्राप्त किया है। ऋण लेने के मामले में बेमेतरा जिला दूसरे नंबर पर है इस जिले के 99 हजार 511 किसानों ने 438 करोड़ 70 लाख रूपए का कृषि ऋण अपने-अपने क्षेत्र के सहकारी बैंको से प्राप्त किया है। ऋण लेने के मामले में तीसरे नंबर पर बलौदाबाजार-भाटापारा जिला है, जहां के 96 हजार 589 किसानों ने 394.59 करोड़ रूपए का ऋण प्राप्त किया है।
इसी तरह खरीफ सीजन-2023 में अब तक रायपुर जिले के 67455, गरियाबंद के 43691, बलौदाबाजार-भाटापार के 96589, महासमुंद के 77772, धमतरी के 61719, दुर्ग के 71343, राजनांदगांव के 92,346, कबीरधाम के 82088, खैरागढ़ के 41789, मोहला-मानपुर- चौकी के 35830, जगदलपुर के 27677, कोण्डागांव के 28276, नारायपुर के 5153, कांकेर के 61264, दंतेवाड़ा के 2516, सुकमा के 7639, बीजापुर के 11799, बिलासपुर के 61275, पेण्ड्रा-मरवाही के 5830, मुंगेली के 34235, जांजगीर के 34555, सक्ती 32656, कोरबा 17275, सरगुजा के 36989, बलरामपुर 19077, सूरजपुर के 34320, कोरिया 14075, मनेन्द्रगढ़ के 7426, रायगढ़ के 31319, सारंगढ़ के 20050 और जशपुर जिले के 13695 किसानों को अल्पकालीन कृषि ऋण प्रदाय किया गया है।