छत्तीसगढ़ कांग्रेस में ये खींचतान क्यों? मोहन मरकाम क्यों हो रहे आक्रामक...तंज़ कस रहे विपक्ष के नेता
Tussle in Chhattisgarh Congres
रायपुर। कांग्रेस में अंतर्कल्ह और आपसी खींचतान कोई नई बात नहीं है, लेकिन यह सब जब शीर्ष स्तर पर हो रहा हो तो मामला गंभीर हो जाता है। कांग्रेस के उच्च स्तर पर यह रस्साकशी ऐसे समय में खुलकर सामने आ रही है जब राज्य में विधानसभा चुनाव के लिए उल्टी गिनती शुरू हो गई है। इससे न केवल कांग्रेस कार्यकर्ताओं बल्कि पार्टी के शुभचिंतकों की चिंता बढ़ गई है। पूछ रहे हैं, यही स्थिति रही तो फिर से सत्ता कैसे मिलेगी! उधर, प्रमुख विपक्षी पार्टी भाजपा और प्रदेश की सियासत में पैर जमाने की कोशिश में जुटी आप के नेता कांग्रेस की इस स्थिति तंज कस रहे हैं। सवाल कर रहे हैं सत्तारुढ़ पार्टी ने अपने संगठन का ये क्या हाल बना रखा है?
महामंत्रियों की जिम्मेदारी तय करने की बात पर आखिर क्यों बरपा है हंगामा
कांग्रेस में विवाद की ताजा वजह पार्टी के महामंत्रियों के बीच कार्य विभाजन या जिम्मेदारी तय करने को लेकर चल रहा है। प्रदेश कांग्रेस के प्रमुख मोहन मरकाम ने तीन दिन पहले पांच महामंत्रियों और एक उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी में बदलाव किया। पार्टी सूत्रों के अनुसार मरकाम ने यह बड़ा निर्णय एकतरफा ले लिया। यानी महामंत्रियों की जिम्मेदारी में बदलाव का आदेश जारी करने से पहले उन्होंने न तो प्रदेश के मुखिया को विश्वास में मिला और न ही प्रदेश प्रभारी से चर्चा ही की, बस आदेश जारी कर दिया। यह बात सरकार और संगठन में बैठे वरिष्ठ नेताओं को पसंद नहीं आई। मरकाम का आदेश जारी होते ही इसकी शिकायत दिल्ली तक पहुंच गई। फिर क्या था थोड़ी ही देर में प्रदेश प्रभारी कुमारी सैलजा ने पत्र जारी कर मरकाम का आदेश निरस्त कर दिया।
अड़ गए मरकाम, बोले- जो आदेश जारी किया हूं उसी के हिसाब से होगा काम
सैलजा ने महामंत्रियों की नियुक्ति निरस्त करने को लेकर मरकाम को जो पत्र लिखा वह में सार्वजनिक हो गया है। वह भी ऐसे समय में सार्वजनिक किया गया जब सीएम हाउस में मरकाम की मौजूदगी में सरकार और संगठन के बीच तालमेल को लेकर सैलजा बैठक ले रही थीं। यह बात मरकाम को पसंद नहीं आई। पार्टी सूत्रों के अनुसार मरकाम इससे नाराज हो गए और दूसरे ही दिन राजनांदगांव होते हुए अपने क्षेत्र कोंडागांव चले गए। लेकिन जाते-जाते रास्ते में राजनांदगांव में पत्रकारों से चर्चा के दौरान उन्होंने साफ शब्दों में कह दिया कि मैं जो आदेश जारी किया हूं, महामंत्री उसी के हिसाब से काम करेंगे। मरकाम ने कहा कि कोई भी आदेश जारी होता है तो उसकी एक प्रक्रिया होती है। उन्होंने कहा कि समय-समय पर पदाधिकारियों के बीच कामों का बंटवारा होते रहता है, ऐसे में पदाधिकारियों के प्रभार जो बदलाव किया गया है वह अगले आदेश तक बना रहेगा।
नया नहीं है यह विवाद
कांग्रेस के प्रदेश की सत्ता में आने के बाद से यह कोई पहला मौका नहीं है जब सत्ता और संगठन के बीच का विवाद सार्वजनिक हुआ है। इससे पहले भी कई मौकों पर दोनों के बीच विवाद की बात सामने आती रही है। इससे पहले भी मरकाम ने मुख्यमंत्री के एक बेहद करीबी महामंत्री का प्रभार बिना किसी से चर्चा किए बदल दिया था। कई बैठकों में संगठन और निष्ठावान कार्यकर्ताओं को सरकार की तरफ से महत्व नहीं देने और दूसरी पार्टी से आए नेताओं को ज्यादा तवज्जो दिए जाने की शिकायत होती रही है। वहीं, सरकार की तरफ से संगठन के कामकाज पर सवाल उठाए जाते रहे हैं।
कांग्रेस के पोस्टर से पीसीसी चीफ गायब
मरकाम खेमा पीपीसी चीफ की लगातार उपेक्षा किए जाने का आरोप लगता रहा है। मरकाम के एक करीबी ने कहा कि कांग्रेस की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के दौरान यहां से लेकर नवा रायपुर तक सैकड़ों पोस्टर लगाए गए थे, उनमें मरकाम की तस्वीर नहीं लगाई गई थी। इससे आहम मरकाम खेमा ने हाईकमान तक इस बात की शिकायत कर दी। इसके बाद मरकाम की तस्वीर अलग से लगाई गई।
कांग्रेस में चल रही गैंगवार से जनता के हित प्रभावित- साव
कांग्रेस में चल रही इस खींचतान को लेकर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव का कहना है कि कांग्रेस में गैंगवार चल रहा है। लड़ाई का आलम यह है कि प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष को संगठन चलाने की इजाजत नहीं है। प्रदेश अध्यक्ष अपने संगठन में कोई जिम्मेदारी तय करते हैं तो उसे प्रभारी निरस्त कर देते हैं। कांग्रेस में यह सब चल क्या रहा है। साव ने कहा जब से मरकाम ने कांग्रेस अध्यक्ष का कार्यभार संभाला है, तब से आए दिन उनका अपमान होता रहा है। मरकाम के साथ अपमानजनक व्यवहार आदिवासी समाज का अपमान है। कांग्रेस में आदिवासी समाज से होना मरकाम के लिए गुनाह बन गया है।
आप बोली- यह प्रदेश अध्यक्ष और प्रदेश प्रभारी के बीच गुटबाजी
पंजाब के विधायक और आप के छत्तीसगढ़ सह प्रभारी हरदीप सिंह का कहना है कि यह कांग्रेस के मंत्रियों नहीं बल्कि प्रदेश प्रभारी और प्रदेश अध्यक्ष गुटबाजी दिख रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। पार्टी में गुटबाजी अपने चरम पर है।