नई दिल्ली। छत्तीसगढ़ में कोयला ब्लाॅक आवंटन में अनियमितता मामले में दिल्ली की विशेष अदालत ने पूर्व राज्यसभा सांसद विजय दर्डा, बेटे देवेंदर दर्डा, मेसर्स यवतमाल एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक मनोज कुमार जायसवाल को 4 साल की कैद की सजा सुनाई गई।
कोर्ट ने इसी मामले में पूर्व कोयला सचिव एचसी गुप्ता, वरिष्ठ लोक सेवा के केएस क्रोका और केसी समारिया को भी तीन साल की सजा सुनाई है। हालांकि इन तीनों दोषियों को अदालत ने निजी मुचलके पर जमानत भी दे दी। साथ ही कोर्ट ने जेएलडी यवतमाल एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड पर 50 लाख का जुर्माना भी लगाया।
जानिए क्या था मामला
दरअसल, 2012 में छत्तीसगढ़ से जुड़े कोल मामले में इन सभी पर भ्रष्टाचार का आरोप लगा था। इस मामले की सीबीआई ने जांच की थी। सभी को दोषी ठहराते हुए आईपीसी की धारा 120 बी, 420 और भ्रष्टाचार की धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया था। इस दौरान सीबीआई ने दोषियों को कड़ी सजा देने की मांग की थी।
वहीं, दोषियों के वकील की तरफ से सेहत का हवाला देकर कम सजा की मांग की गई थी। वकील ने वकील ने कहा था कि ट्रायल पूरा होने में 9 साल लग गए। इन सालों में आरोपियों ने प्रताड़ना सही है। अधिकारी तो दिल्ली के हैं, लेकिन अन्य लोग अलग अलग राज्यों से आते है।