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Chhattisgarh Assembly Elections: CG जनता की कटेगी जेब, तब पूरे होंगे चुनावी वादे: जानिए...कांग्रेस-भाजपा की घोषणाओं की वजह से कितने हजार करोड़ की पड़ेगी चोट

Chhattisgarh Assembly Elections: छत्‍तीसगढ़ के विधानसभा चुनाव में इस बार सत्‍तारुढ़ कांग्रेस और प्रमुख विपक्षी पार्टी भाजपा दोनों ही पार्टियों ने जनता से जमकर वादे किए हैं। प्रदेश में जिसकी भी सरकार बने घोषणा पत्र पर अमल करने में बजट का बड़ा हिस्‍सा खर्च होगा। दोनों पर्टियों की घोषणा पत्र के आधार पर एनपीजी ने अर्थशास्त्रियों और बजट के जानकार अफसरों से बात की। पढ़‍िए.. यह विशेष रिपोर्ट

Chhattisgarh Assembly Elections: CG जनता की कटेगी जेब, तब पूरे होंगे चुनावी वादे: जानिए...कांग्रेस-भाजपा की घोषणाओं की वजह से कितने हजार करोड़ की पड़ेगी चोट
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By Sanjeet Kumar

Chhattisgarh Assembly Elections: रायपुर। छत्‍तीसगढ़ में कांग्रेस और भाजपा ने जनता से बड़े- बड़े वादे किए हैं। इनमें धान की अधिक कीमत, तेंदूपत्‍ता पर बोनस, महिलाओं को एक निश्चित राशि और रसोई गैस पर सब्सिडी के साथ अन्‍य घोषणाएं शामिल हैं। कांग्रेस ने किसानों और महिला स्‍व-सहायता समूहों का कर्ज माफ करने का भी वादा किया है। अर्थशास्‍त्री और प्रदेश की अर्थव्‍यवस्‍था को करीब से समझने वाले नौकरशाह भी मान रहे हैं कि इन घोषणाओं पर अमल का सीधा असर प्रदेश सरकार के वित्‍तीय अनुशासन पर पड़ेगा। प्रदेश का राजस्‍व व्‍यय बढ़ेगा। इसकी पूर्ति के लिए सरकार को राजस्‍व (आय) बढ़ाना पड़ेगा। इसका असर जनता की जेब पर पड़ेगा।

Chhattisgarh Assembly Elections: जानिए... क्‍या हैं कांग्रेस और भाजपा के चुनावी वादें

कांग्रेस की प्रमुख घोषणा: क‍िसानों का कर्ज माफ। 3200 रुपए प्रत‍ि क्‍व‍िंटल की दर से धान खरीदी। केजी से पीजी तक श‍िक्षा मुफ्त। भूम‍िहीन मजदूरों को 10000 रुपए सालाना। महिलाओं को सालाना 15 हजार रुपये। महिला समूहों का कर्जा माफ। सभी वर्ग की मह‍िलाओं को रसोई गैस पर 500 रुपए की सब्‍सि‍डी। 200 यून‍िट तक ब‍िजली मुफ्त देते रहेंगे। तेंदुपत्‍ता संग्रहकों को प्रत‍ि मानक बोरा 6000 रुपये। तेंदुपत्‍ता संग्रहकों 6000 रुपये का सालाना बोनस भी। 17.5 लाख गरीब पर‍िवारों को घर। युवाओं को कर्ज पर सब्‍स‍िडी 50 फीसदी। गरीबों को 10 लाख रुपए तक का मुफ्त इलाज। 66000 से अध‍िक वाहन माल‍िकों का 726 करोड़ रुपये माफ।

भाजपा की प्रमुख घोषणाएं: शादीशुदा हर म‍ह‍िला को सालाना 12 हजार रुपये। बीपीएल परिवार की महिलाओं को 500 रुपये में रसोई गैस। पीएम आवास योजना के तहत 18 लाख घर। तेंदू पत्ता की खरीदी 5500 रुपए प्रति मानक बोरा में करेंगे। अतिरिक्त संग्रह करने वालों को 4500 रुपए अलग से बतौर बोनस देंगे। गरीबों को 10 लाख रुपए तक की ईलाज की सुविधा। कॉलेज जाने वाले बच्‍चों को बस की सुविधा। अयोध्या में बन रहे राम मंदिर का नि: शुल्‍क दर्शन।

Chhattisgarh Assembly Elections: जानिए... छत्‍तीसगढ़ सरकार पर अभी कितना है कर्ज

छत्‍तीसगढ़ देश के उन चुनिंदा राज्‍यों में शामिल है जहां की सरकार वित्‍तीय अनुशासन का पूरा पालन करती है। इसके बावजूद प्रदेश सरकार पर कर्ज का भार लगातार बढ़ रहा है। इसी वर्ष जुलाई में संपन्‍न हुए विधानसभा के सत्र के दौरान सरकार की तरफ से दी गई जानकारी के अनुसार 30 जून 2023 की स्थिति में सरकार पर 86264 करोड़ का कर्ज है। 5 महीने में 3 से 4 हजार करोड़ रुपये का कर्ज और बढ़ा है। अनुमान यह है कि कर्ज की राशि बढ़कर अब 90 हजार करोड़ रुपये तक पहुंच चुकी है। इस कर्ज के एवज में सरकार हर साल एक बड़ी राशि ब्‍याज के रुप में भरना पड़ रहा है। पिछले वित्‍तीय वर्ष (2022-23) में सरकार ने 5819.81 करोड़ रुपये ब्‍याज भरा है। इसके पहले वाले वित्‍तीय वर्ष में यह आंकड़ा 6144.24 करोड़ था।

Chhattisgarh Assembly Elections: जनिए... घोषणाओं की वजह से कितना बढ़ेगा छत्‍तीसगढ़ बजट

कांग्रेस और भाजपा दोनों पार्टियों की घोषणाओं पर अमल की स्थिति राज्‍य के बजट पर सालाना 20 से 30 हजार करोड़ रुपये का भार बढ़ जाएगा। किसानों की कर्ज माफी के लिए लगभग 10 हजार करोड़ रुपये से ज्‍यादा की जरुरत पड़ेगी। महिला समूहों का कर्ज 250 करोड़ के आसपास होगा। 3.55 लाख भूमिहीन कृषि मजदूरों को हर साल 10 हजार रुपये देने के लिए हर साल 355 करोड़ रुपये की जरुरत पड़ेगी। धान के लिए लगभग 10 हजार करोड़ की जरुरत होगी। महिलाओं को हर साल 15 हजार रुपये बांटने के लिए हर साल 8 से 9 करोड़ रुपये खर्च का अनुमान है। प्रदेश में 12.94 लाख परिवार तेंदू पत्ता एकत्र करते हैं। तेंदूपत्‍ता संग्रहण के एवज में इन्‍हें 517 करोड़ रुपये बोनस के रुप में 776 करोड़ रुपये और देना पड़ेगा। रसोई गैस पर सब्सिडी पर अन्‍य योजनाओं पर खर्च इसके अतिरिक्‍त है।

जानिए... राजस्‍व बढ़ाने कहां- कहां टैक्‍स लगा सकती है राज्‍य सरकार

छत्‍तीसगढ़ में ईंधन (पेट्रोल- डीजल व अन्‍य), बिजली, शराब और जमीन के पंजीयन (रजिस्‍ट्री) पर उपकर या सेस वसूल रही है। सेंट्रल गुड्स एंड सर्विस टैक्‍स (जीएसटी) लागू होने के बाद प्रदेश सरकार के पास टैक्‍स लगाने की गुंजाईश लगभग समाप्‍त हो चुकी है। ऐसे में प्रदेश सरकार अपना राजस्‍व बढ़ाने के लिए कुछ जगहों पर उपकर लगा सकती है। बजट के जानकारों के अनुसार सरकार गौंण खनिज (रेत, बजरी, साधारण मिट्टी, ग्रेनाईट, कंकड़, इमारती पत्थर, जिप्सम और ईंट आदि शामिल है) पर टैक्‍स बढ़ा सकती है। बिजली और शराब से भी राजस्‍व बढ़ाने पर सरकार विचार कर सकती है। सरकारी जमीनों को बेचकर भी राजस्‍व जुटाने का प्रयास कर सकती है सरकार।

Chhattisgarh Assembly Elections: चुनावी घोषणाओं पर जानिए...क्‍या कहते हैं अर्थशास्‍त्री

पंडित रविशंकर विश्‍वविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर और अर्थशास्‍त्री डॉ. जेएल भारद्वाज के अनुसार निश्विचत रुप से घोषणाओं को अमली जमा पहनाने के लिए सरकार को अतिरिक्‍त बजट की जरुत पड़ेगी, लेकिन यह भी बात है कि सरकार सभी घोषणाओं को एक साथ लागू नहीं करेगी, क्‍योंकि उसे जनादेश 5 वर्ष के लिए मिला है। इसके बावजूद लोकसभा चुनाव के लिहाज से महत्‍वपूर्ण घोषणाओं को अगले 3-4 महीनों में लागू करना ही पड़ेगा। सरकार जिस भी पार्टी की बने अगर वह अपनी घोषणाओं पर अमल करेगी तो उसका वित्‍तीय भार बढ़ेगा। ऐसे में सरकार राजस्‍व की पूर्ति के लिए टैक्‍स के नए रास्‍ते खोजेगी। इसका असर कहीं न कहीं आम जनता की जेब पर पड़ेगा।

Sanjeet Kumar

संजीत कुमार: छत्‍तीसगढ़ में 23 वर्षों से पत्रकारिता में सक्रिय। उत्‍कृष्‍ट संसदीय रिपोर्टिंग के लिए 2018 में छत्‍तीसगढ़ विधानसभा से पुरस्‍कृत। सांध्‍य दैनिक अग्रदूत से पत्रकारिता की शुरुआत करने के बाद हरिभूमि, पत्रिका और नईदुनिया में सिटी चीफ और स्‍टेट ब्‍यूरो चीफ के पद पर काम किया। वर्तमान में NPG.News में कार्यरत। पंड़‍ित रविशंकर विवि से लोक प्रशासन में एमए और पत्रकारिता (बीजेएमसी) की डिग्री।

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