Chhattisgarh Assembly Elections 2023 : बड़े चुनावी गणित के साथ भाजपा ने शाह को उतारा ‘दुर्ग’ के ‘मैदान’ में
Chhattisgarh Assembly Elections 2023
रायपुर। केंद्रीय मंत्री अमित शाह की आम सभा के जरिये भाजपा ने आज से अपने विधानसभा के चुनावी (Assembly Elections 2023) अभियान शुरुआत कर दी है। हालांकि इस सभा का आयोजन केंद्र सरकार के नौ वर्ष पूरे होने पर जनता का आभार व्यक्त करने के लिए किया गया था, लेकिन सभा में शाह ने राज्य सरकार पर तीखे हमले करके चुनावी माहौल बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ा। ऐसे में चर्चा इस बात की हो रही है कि रायपुर और भिलाई छोड़कर भाजपा ने शाह की सभा के लिए दुर्ग जिला को ही क्यों चुना।
इस प्रश्न का जवाब भी सियासी गलियरों से ही निकल कर आ रहा है। दरअसल दुर्ग के जरिये भाजपा मैदानी क्षेत्र में अपनी पकड़ फिर बनाना चाह रही है। 2018 के चुनाव में आदिवासी और मैदानी दोनों ही क्षेत्रों के वोटरों ने भाजपा का साथ नहीं दिया था। उससे पहले तीन चुनाव में ऐसा नहीं हुआ था। पहले तीन चुनाव में मैदानी क्षेत्रों में सीट कम हुई तो आदिवासी क्षेत्र में जनता का साथ मिल गया था। 2013 में जब आदिवासी क्षेत्र बस्तर और सरगुजा ने साथ छोड़ा तो भाजपा को मैदानी क्षेत्र में बढ़त मिल गई। इससे तीनों बार सरकार बच गई थी।
2018 में भाजपा को मैदानी क्षेत्रों में सबसे ज्यादा झटका दुर्ग और रायपुर संभाग में लगा। रायपुर संभाग में फिर भी पार्टी 20 में से पांच सीट जीतने में सफल रही, लेकिन दुर्ग संभाग में तो पार्टी को 20 में से केवल दो सीटों पर संतोष करना पड़ा। माना जा रहा है कि दुर्ग की सभा के जरिये भाजपा ने न केवल दुर्ग बल्कि रायपुर संभाग के वोटरों को भी साधने का प्रयास किया है।
दुर्ग में ही शाह की सभा क्यों
दुर्ग जिला में भी शाह की सभा भिलाई में भी हो सकती थी तो फिर दुर्ग में ही क्यों कराई गई। राजनीतिक जानकारों के अनुसार इसकी वजह है दुर्ग की भौगोलिक स्थिति। दुर्ग से अविभाजित दुर्ग जिला जिसमें बालोद, बेमेतरा और साजा शामिल है के साथ ही रायपुर, गरियाबंद, राजनांदगांव, कबीरधाम और धमतरी जिला तक के लोग सभा में आसानी से पहुंच सकते थे। यानी भीड़ जुटाने में ज्यादा समस्या नहीं हुई। यही वजह है कि भाजपा दावा कर रही है कि शाह की सभा में 50 हजार से ज्यादा लोग पहुंचे थे।
2018 में जो हुआ वैसा भाजपा के साथ दुर्ग में पहले कभी नहीं हुआ
2018 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के साथ जो हुआ उसकी उम्मीद पार्टी को कतई नहीं थी। संभाग की 20 से केवल दो सीट ही भाजपा बचा पाई। संभाग के पांच में से तीन जिलों बालोद, बेमेतरा और कबीरधाम में पार्टी का खाता ही नहीं खुला। पार्टी जो दो सीट जीती उसमें एक पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की राजनांदगांव और दूसरी विद्यारतन भसीन की वैशाली नगर सीट शामिल है। इससे पहले के तीन चुनावों में पार्टी ने संभाग में क्रमश: 11, 13 और 12 सीटों पर जीत हासिल किया था।
दुर्ग संभाग में सीटों की स्थिति