Begin typing your search above and press return to search.

Chhattisgarh Assembly Election: फिर आमने-सामने: इन सीटों पर कांग्रेस-भाजपा से फिर वहीं चहेरे दिखेगी पुरानी राइवरी

Chhattisgarh Assembly Election: छत्‍तीसगढ़ में कुछ सीटें ऐसी हैं जहां पिछले कई चुनावों से दोनों राष्‍ट्रीय राजनीतिक दलों से एक ही चेहरे आमने-सामने रहते हैं। इन सीटों पर हर बार टक्‍कर भी तगड़ी रहती है। इस बार भी विधानसभा चुनाव में पुरानी राइवरी देखने को मिलेगी। पहले चरण में जिन 20 सीटों पर चुनाव हो रहे हैं उनमें भी कुछ सीटें ऐसी ही हैं।

Chhattisgarh Assembly Election: फिर आमने-सामने: इन सीटों पर कांग्रेस-भाजपा से फिर वहीं चहेरे दिखेगी पुरानी राइवरी
X
By Sanjeet Kumar

Chhattisgarh Assembly Election: रायपुर। कांग्रेस ने आज अपने 30 प्रत्‍याशियों के नामों की घोषणा कर दी है। इनमें पहले चरण की 20 में से 19 सीटें भी शामिल हैं। भाजपा भी पहले चरण की 19 सहित कुल 85 सीटों पर अपने प्रत्‍यशियों का पिक्‍चर क्लियर कर चुकी है। राज्‍य की कई सीटें ऐसी हैं जहां पिछले कुछ चुनाव से कांग्रेस और भाजपा दोनों ही एक ही चेहरे को मैदान में उतारती रही हैं। इन सीटों के कई किस्‍से भी हैं। इस बार दोनों ही पार्टियों ने अपनी रणनीति बदली है और केवल जिताऊ प्रत्‍याशी को टिकट दे रही हैं। इसके बावजूद इस बार भी कुछ सीटों पर पंरपरागत राइवरी देखने को मिलेगी। पढ़‍िए इस बार किन-किन सीटों पर पुरानी राइवरी दिखेगी।

छत्‍तीसगढ़ की 90 में से भाजपा 85 और कांग्रेस 30 सीटों के लिए प्रत्‍याशियों की घोषणा कर चुकी है। इसके साथ ही 28 सीटों पर साफ हो गया है कि कांग्रेस और भाजपा से किनके बीच मुकाबला होगा। चूंकि भाजपा ने पंडरिया और कांग्रेस ने जगदलपुर से प्रत्‍याशी की घोषणा नहीं की है। कांग्रेस ने पंडरिया और भाजपा ने जगदलपुर से नए चेहरो को टिकट दिया है। इस वजह से वहां पुरानी राइवरी नहीं दिखेगी।

इन सीटों पर दिखेगी पुरानी राइवरी


पाटन: इस हाई प्रोफाइल सीट पर चाचा-भतीजा यानी भूपेश बघेल और विजय बघेल के बीच राइवरी पुरानी है। इस सीट पर दोनों चौथी बार आमने-सामने हैं। 2018 के चुनाव को छोड़ दें तो राज्‍य बनने के बाद से अब तक जितने चुनाव हुए हैं, सभी में ये दोनों इस सीट एक-दूसरे को टक्‍कर देते नजर आए हैं। अब तक पड़ला भूपेश बघेल का भारी रहा है। 2003 में विजय एनसीपी की टिकट पर चुनाव लड़े थे। इस चुनाव में भूपेश की जीत हुई। इसके बाद 2008 में विजय भाजपा प्रत्‍याशी के रुप में मैदान में उतरे और जीत दर्ज किया। 2013 का चुनाव फिर भूपेश बघेल जीते।


कोंडागांव: इस सीट को अब अगर बस्‍तर संभाग की वीआईपी सीट कहा जाए तो कुछ गलत नहीं होगा। इस सीट से भाजपा प्रत्‍याशी तला उसेंडी कैबिनेट मंत्री रह चुकी हैं। अभी भाजपा की राष्‍ट्रीय उपाध्‍यक्ष हैं। वहीं, कांग्रेस प्रत्‍याशी मोहन मरकाम मौजूदा सरकार में मंत्री हैं। मंत्री बनने से पहले वे कांग्रेस के प्रदेश अध्‍यक्ष थे। तला और मोहन तीसरी बार आमने-सामने हैं। दोनों पहली बार 2008 के चुनाव में एक-दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़े थे। 2003 में इस सीट से चुनाव जीती तला राज्‍य में कैबिनेट मंत्री थी। 2008 में कांग्रेस ने लता के खिलाफ मोहन को मैदान में उतारा। पहला चुनाव मोहन हार गए। इसके बाद फिर 2013 और 2018 में दोनों आमने-समाने हुए। दोनों पर मोहन ने जीत दर्ज की।


नारायणपुर: इस सीट से भाजपा ने पूर्व मंत्री केदार कश्‍यप को टिकट दिया है। वहीं, कांग्रेस ने आज जारी सूची में इस सीट से मौजूदा विधायक चंदन कश्‍यप पर भी भरोसा दिखाया है। दोनों तीसरी बार आमने-सामने हैं। दोनों के बीच मुकाबले की शुरुआत 2013 में हुई थी। तब केदार राज्‍य सरकार में मंत्री थे। 2013 का चुनाव चंदन कश्‍यप 12 हजार से अधिक वोट के अंतर से हार गए। इसके बावजूद 2018 में कांग्रेस ने फिर उन पर भरोसा दिखाया। चंदन भी इस भरोसे पर खरे उतरे और करीब 26 सौ मतों के अंतर से केदार को हरा दिया।


बीजापुर: इस सीट पर विक्रम मंडावी और महेश गागड़ा तीसरी बार आमने-सामने होंगे। दोनों के बीच मुकाबले की शुरुआत 2013 में हुई। राज्‍य सरकार में मंत्री महेश के सामने कांग्रेस ने विक्रम मंडावी को पहली बार चुनाव मैदान में उतारा। पहली बार चुनाव लड़ रहे विक्रम लगभग 9 हजार वोटों के अंतर से हार गए। 2018 के चुनाव में फिर दोनों का आमना-सामना हुआ। इस बार विक्रम ने पिछला हिसाब बराबर करते हुए सीधे 21 हजार मतों से महेश को पटखनी दे दी।

एक-एक सीट पर पेंच: पहले चरण में कांग्रेस और भाजपा 19 सीटों पर ही तय कर पाए प्रत्‍याशी

छत्‍तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में पहले चरण में 20 सीटों पर मतदान होना है। कांग्रेस और भाजपा दोनों ही पार्टियां अब तक 19-19 सीटों पर ही प्रत्‍याशियों की घोषणा कर पाई हैं। दोनों प्रमुख राष्‍ट्रीय राजनीतिक दलों में एक-एक सीट पर पेंच फंस हुआ है। पार्टी के नेता कह रहे हैं कि आज से कल के बीच में उस एक सीट भी प्रत्‍याशी की घोषणा कर दी जाएगी।

कांग्रेस ने आज अपने प्रत्‍याशियों की पहली सूची जारी की। इसमें पार्टी ने 30 सीटों के लिए प्रत्‍याशियों के नाम हैं। इनमें पहले चरण की 20 में से 19 सीटों पर पार्टी ने प्रत्‍याशी का नाम जारी किया गया है। केवल एक सीट जगदलपुर से पार्टी प्रत्‍याशी का नाम जारी नहीं किया गया है। जगदलपुर से अभी कांग्रेस के ही रेखचंद जैन विधायक हैं। बस्‍तर संभाग की कुल 12 सीटों में से यह एक मात्र सामान्‍य सीट है। भाजपा ने वहां से किरण देव को टिकट दिया है। किरण देव जगदलपुर के पूर्व महापौर हैं। इधर, कांग्रेस सूत्रों के अनुसार पार्टी के अंतरिक सर्वे में मौजूदा विधायक जैन की स्थिति ठीक नहीं बताई गई है। ऐसे में कांग्रेस भी वहां किसी नए चेहरे पर दांव लगाने पर विचार कर रही है। पार्टी नेताओं के अनुसार जगदलपुर को लेकर एक दौर की अभी और चर्चा होनी है। जैन को भी फिर से टिकट मिल सकता है।

उधर, भाजपा भी प्रथम चरण के 20 में से अब तक केवल 19 सीटों पर ही नाम जारी कर पाई है। पहले चरण में शामिल पंडरिया सीट के लिए भाजपा ने अभी तक प्रत्‍याशी के नाम की घोषणा नहीं की है। इधर, कांग्रेस ने पंडरिया सीट से अपानी मौजूदा विधायक ममता चंद्राकर का टिकट काट दिया है। चंद्राकर के स्‍थान पर पार्टी ने नीलकांत चंद्रवंशी के रुप में नए चेहरो को मैदान में उतारा है। बताते चले कि भाजपा कबीरधाम और बेमेतरा जिला की सीटों के जरिये भाजपा प्रदेश में इस बार हिंदुत्‍व कार्ड चलाने की कोशिश में है। कवर्धा से विजय शर्मा और साजा से ईश्‍वर साहू को टिकट भाजपा की इसी रणनीति का हिस्‍सा माना जा रहा है। साजा से मंत्री रविंद्र चौबे के खिलाफ भाजपा ने जिस ईश्‍वर साहू को टिकट दिया है उनके पुत्र भुवनेश्‍वर साहू की इस साल की शुरुआत में हत्‍या हो गई थी। हत्‍या की वजह लव लिहाद बताया गया। वहीं, मंत्री मोहम्‍मद अकबर के खिलाफ कवर्धा के रण में उतारे गए विजय शर्मा कवर्धा में हुए झंडा विवाद जिसने बाद मे संप्रादयिक रंग ले लिया था, उस मामले में न केवल आरोपी हैं बल्कि जेल भी जा चुके हैं।

Sanjeet Kumar

संजीत कुमार: छत्‍तीसगढ़ में 23 वर्षों से पत्रकारिता में सक्रिय। उत्‍कृष्‍ट संसदीय रिपोर्टिंग के लिए 2018 में छत्‍तीसगढ़ विधानसभा से पुरस्‍कृत। सांध्‍य दैनिक अग्रदूत से पत्रकारिता की शुरुआत करने के बाद हरिभूमि, पत्रिका और नईदुनिया में सिटी चीफ और स्‍टेट ब्‍यूरो चीफ के पद पर काम किया। वर्तमान में NPG.News में कार्यरत। पंड़‍ित रविशंकर विवि से लोक प्रशासन में एमए और पत्रकारिता (बीजेएमसी) की डिग्री।

Read MoreRead Less

Next Story