Chhattisgarh Assembly Election 2023: मोदी की सोशल इंजीनियरिंग: राहुल गांधी ने OBC पर जोर दिया था, मोदी दलित, आदिवासी और पिछड़े सभी को साध गए
Chhattisgarh Assembly Election 2023 भाषण के दौरान 7 बार दलित, आदिवासी और पिछड़े वर्ग का उल्लेख किया। धर्म गुरु बालदास का नाम लिया। राहुल गांधी का नाम लिए बगैर ओबीसी को गाली देने का उल्लेख किया।
Chhattisgarh Assembly Election 2023 रायपुर। छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव के ऐलान से पहले पीएम नरेंद्र मोदी ने चुनाव अभियान की शुरुआत कर दी. पीएम मोदी ने पौन घंटे के अपने भाषण में लगभग हर मुद्दे को छुआ. साथ ही, सोशल इंजीनियरिंग का भी दांव खेल गए.
दरअसल, हाल ही में बिलासपुर पहुंचे कांग्रेस सांसद व पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने ओबीसी वर्ग पर फोकस किया था. पीएम मोदी ने अपने पूरे भाषण में सिर्फ ओबीसी का नाम लेने के बजाय दलित आदिवासी और पिछड़े का उल्लेख किया. ऐसा एक बार नहीं, बल्कि सात बार उन्होंने उल्लेख किया. साथ ही, दलित आदिवासी और पिछड़े वर्ग के भाई-बहनों और माताओं-बहनों को संबोिधत किया. इसके अलावा धर्मगुरु बालदास का उल्लेख करते हुए छत्तीसगढ़ में सतनामी समाज के अपमान का मुद्दा उठाया तो राहुल गांधी का नाम लिए बगैर ओबीसी वर्ग को गाली देने का मामला भी सामने रखा. बता दें कि धर्म गुरु बालदास हाल ही में भाजपा में शामिल हुए हैं.
राजनीति के जानकारों का कहना है कि इस तरह पीएम मोदी ने ओबीसी कार्ड के जवाब में सभी वर्गों को समाहित किया, जिनकी चुनाव में बड़ी भूमिका होती है. यहां बता दें कि छत्तीसगढ़ में 90 सीटों में 39 सीटें अनुसूचित जाित व जनजाति के लिए आरक्षित हैं. इनमें 29 सीटें अनुसूचित जनजाति और 10 सीटें अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं. इसके अलावा 51 सीटों पर ओबीसी वर्ग बहुतायत में है. फिलहाल छत्तीसगढ़ में 22 ओबीसी विधायक हैं. राहुल गांधी ने अपनी सभा में ओबीसी वर्ग पर ज्यादा जोर दिया और कहा था कि केंद्र में कांग्रेस की सरकार बनेगी तो जातिगत जनगणना कराएंगे.
पीएम विश्वकर्मा योजना का पड़ेगा इम्पैक्ट
पीएम मोदी ने प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के बारे में बताकर ऐसे वर्ग को साधने की कोशिश की, जो लगभग हर गांव में होते हैं, लेकिन किसी एक विधानसभा में बड़ी संख्या में नहीं होने के कारण साहू और कुर्मी समाज की तरह राजनीतिक दखल नहीं रखते. कुम्हार, लोहार, सुतार, सुनार, मालाकार, निर्मलकर, सेन, दर्जी, राजमिस्त्री आदि शामिल हैं. पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत इस वर्ग को सरकार ट्रेनिंग देगी. आधुनिक उपकरण खरीदने के लिए 15 हजार रुपए देगी और बिना किसी बैंक गारंटी के सस्ता कर्ज देगी.
पीएससी के जरिए युवा वर्ग पर किया फोकस
पीएम मोदी ने पीएससी में घोटाले का आरोप लगाकर युवा वर्ग को साधने की कोशिश की है. हाल ही में पीएससी में जिस तरह की गड़बड़ियां सामने आई हैं, उससे युवा वर्ग में काफी नाराजगी है. पीएससी के पूर्व चेयरमैन टामन सिंह सोनवानी की भूमिका को संदिग्ध माना जा रहा है. सब इंस्पेक्टर परीक्षा को लेकर भी युवा नाराज हैं. यह परीक्षा अब तक नहीं हो पाई है. इसके अलावा पीएससी की कई और परीक्षाओं में भी गड़बड़ियों को लेकर युवाओं में नाराजगी है. पीएम ने भाजपा की सरकार बनने पर जांच और दोषियों पर कार्रवाई का ऐलान किया है.
पहली कैबिनेट में आवास दिलाने का निर्णय
राहुल गांधी ने अपने भाषण में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद छत्तीसगढ़, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और कर्नाटक में कैबिनेट की पहली बैठक में वादों को पूरा करने के संबंध में फैसले लेने पर काफी जोर दिया था. पीएम मोदी ने अपने भाषण में पीएम आवास योजना को लेकर जोर दिया और पहली कैबिनेट में पीएम आवास के संबंध में निर्णय लेने का ऐलान किया. बता दें कि पीएम आवास योजना के लिए राशि नहीं मिलने को लेकर उप मुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव ने पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग छोड़ दिया था.
धान के समर्थन मूल्य पर कुछ भी नहीं बोला
पीएम मोदी ने राज्य सरकार पर ताबड़तोड़ हमले किए. इससे भाजपा कार्यकर्ताओं में उत्साह है, लेकिन एक बात को लेकर संशय भी है कि पीएम ने एक प्रमुख मुद्दे पर कुछ नहीं बोला. यह मुद्दा धान का समर्थन मूल्य है. पीएम ने कहा कि छत्तीसगढ़ में जो किसानों के धान की खरीदी होती है, उसका पूरा पैसा केंद्र सरकार देती है. अब तक एक लाख करोड़ रुपए दिए हैं. हालांकि उन्होंने आगे यह नहीं बोला कि धान का समर्थन मूल्य बढ़ाएंगे या नहीं. माना जा रहा है कि भाजपा के घोषणा पत्र में इसका उल्लेख हो सकता है.