Chhattisgarh Assembly Election 2023: करो या मरो: इस चुनाव में दांव पर है भाजपा के इन नेताओं का राजनीतिक भविष्य, हार गए तो बस खेल खत्म...
Chhattisgarh Assembly Election 2023: छत्तीसगढ़ की सत्ता में वापसी के लिए भाजपा ने पूरी ताकत लगा दी है। पार्टी ने पूर्ववर्ती रमन सरकार में मंत्री रहे ज्यादातर नेताओं को इस बार टिकट दिया। इनमें हारे हुए नेता भी शामिल हैं।
Chhattisgarh Assembly Election 2023: रायपुर। 5 साल पहले हाथ से निकली 15 साल की सत्ता को भाजपा हर कीमत पर वापस पाना चाहती है। यही कारण है कि छत्तीसगढ़ में पार्टी ने टिकट वितरण के अपने किसी भी फार्मूले का लागू नहीं किया है। 90 सीटों पर केवल जीताऊ प्रत्याशी देखकर ही टिकट दी गई। इस चक्कर में पार्टी ने रमन सरकार में मंत्री रहे लगभग सभी नेताओं को फिर से प्रत्याशी बना दिया है। भाजपा ने एक ही परिवार के लोगों और दलबदलुओं को भी टिकट देने में परहेज नहीं किया है।
राजनीतिक विश्लेषकों की राय में भाजपा की यह पूरी कवायद केवल और केवल सत्ता में वापसी की है। ऐसे में रमन सरकार में मंत्री और ऐसे बड़े नेता जिन्हें इस बार टिकट मिला है सभी की प्रतिष्ठा के साथ राजनीतिक भविष्य भी दांव पर लगा हुआ है। भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़ रहे कई नेताओं के लिए यह अंतिम चुनाव भी साबित हो सकता है। खास करके उन बड़े नामों के लिए जो 15 वर्षों तक सत्ता में रहे हैं।
भाजपा पार्टी के एक वरिष्ठ नेता के अनुसार अगर पार्टी सत्ता में आ जाती है तो संभव है कि इस बार हारने वाले नेताओं को पार्टी बख्श दे, लेकिन भाजपा की सरकार नहीं बनी तो इस विधानसभा चुनाव में आदिवासी सीटों को छोड़ दें तो बाकी सीटों पर हारने वाले ज्यादातर नेता फिर भाजपा की टिकट हासिल नहीं करेंगे। ऐसे में कई नेताओं के लिए यह चुनाव अंतिम हो सकता है। वैसे रामपुर सीट से चुनाव लड़ रहे ननकीराम कंवर के लिए भी यह अंतिम चुनाव है। हालांकि 2013 के चुनाव को छोड़ दें तो कंवर लगातार जीत रहे हैं। पार्टी नेताओं के अनुसार कंवर की काफी उम्र हो चुकी है। इसी चुनाव में उनकी टिकट कटनी थी, लेकिन पार्टी ने अंतिम चुनाव कह कर उन्हें टिकट दे दिया है।
इन दिग्गजों का राजनीतिक भविष्य दांव पर
पार्टी नेताओं के अनुसार जिन भाजपा नेताओं का भविष्य दांव पर लगा है उनकी संख्या लगभग दो दर्जन है। इनमें 8 मौजूदा विधायक भी शामिल हैं। रमन सरकार में मंत्री रही लता उसेंडी को लगातार हार के बावजूद पार्टी ने कोंडागांव से फिर टिकट दिया है। उसेंडी पिछला चुनाव 1796 वोट के अंतर से हारी थीं। भिलाई नगर सीट से पिछला चुनाव 2849 वोट से हारे प्रेम प्रकाश पांडेय और 5330 वोट रे हारे भैयालाल राजवाड़े भी इस सूची में शामिल हैं। विष्णु देव साय के साथ रामदयाल उईके का भी नाम इस सूची में शामिल है। दलबदल करने वाले उइके पिछला चुनाव 9656 वोट से हार गए थे। इस सूची में लगातार जीत के बाद 2018 में पहली बार हार का सामना करने वाले अमर अग्रवाल और राजेश मूणत का नाम भी इस लिस्ट में है। अग्रवाल 11221 और मूणत 12212 वोट के अंतर से हारे थे।
भाजपा ने इस बार दो ऐसे नेताओं को चुनाव में उतारा है जो 2018 में चुनाव नहीं लड़े थे। इनमें केंद्रीय राज्य मंत्री रेणुका सिंह और राम विचार नेताम का नाम शामिल है। रेणुका 2013 में 18327 और नेताम रामानुजगंज सीट से 11592 वोट के अंतर से हारे थे। नेताम को इस बार भी रामानुजगंज सीट से ही टिकट दिया गया है। 2018 में पार्टी ने इस सीट से रामकिशुन सिंह को प्रत्याशी बनाया था, जो 32 हजार से अधिक वोट के अंतर से हारे थे। इसी तरह जिस भरपुर सोनहत सीट से रेणुका सिंह को प्रत्याशी बनाया गया है उस सीट से 2018 में भाजपा की चंपादेवी पावले 16533 वोट के अंतर से हरी थीं।
रमन सरकार के इन मंत्रियों को मिला टिकट
इस बार प्रत्याशी | 2018 में प्रत्याशी | 2018 में हार-जीत का अंतर |
रेणुका सिंह | चंपा देवी पावले | 16533 |
भैयालाल रजवाड़े | भैयालाल रजवाड़े | 5339 |
शकुंतला सिंह | रामसेवक पैकरा | 44105 |
रामविचार नेताम | रामकिशुन सिंह | 32916 |
विष्णुदेव साय | भरत साय | 4293 |
ननकीराम कंवर (वर्तमान विधायक) | ननकीराम कंवर | 18175 |
रामदयाल उईके | रामदयाल उईके | 9656 |
पुन्नूलाल मोहले (वर्तमान विधायक) | पुन्नूलाल मोहले | 8487 |
धरमलाल कौशिक (वर्तमान विधायक) | धरमलाल कौशिक | 26524 |
अमर अग्रवाल | अमर अग्रवाल | 11221 |
कृष्णमूर्ति बांधी (वर्तमान विधायक) | कृष्णमूर्ति बांधी | 14107 |
नारायण चंदेल (वर्तमान विधायक) | नारायण चंदेल | 4188 |
राजेश मूणत | राजेश मूणत | 12212 |
बृजमोहन अग्रवाल (वर्तमान विधायक) | बृजमोहन अग्रवाल | 17496 |
अजय चंद्राकर (वर्तमान विधायक) | अजय चंद्राकर | 12317 |
प्रेम प्रकाश पांडेय | प्रेम प्रकाश पांडेय | 2849 |
दयाल बघेल | दयाल बघेल | 33200 |
डॉ. रमन सिंह (वर्तमान विधायक) | डॉ. रमन सिंह | 16933 |
विक्रम उसेंडी | विक्रम उसेंडी | 13414 |
लता उसेंडी | लता उसेंडी | 1796 |
केदारनाथ कश्यप | केदारनाथ कश्यप | 2647 |
महेश गागड़ा | महेश गागड़ा | 21584 |