Chhattisgarh Assembly Election 2023: धान के कटोरे में निर्णायक जंग: धान उत्पादक 50 सीटें तय करेंगी...किसका होगा राजतिलक
Chhattisgarh Assembly Election 2023: छत्तीसगढ़ की 90 में से 20 सीटों पर मतदान हो चुका है। यानी वोटरों का फैसला ईवीएम में बंद हो गया है। बाकी बची 70 सीटों के लिए 17 नवंबर को मतदान होगा। इन 70 में से 50 सीटों की जंग बेहद निर्णायक साबित होगी।
Chhattisgarh Assembly Election 2023: रायपुर। छत्तीसगढ़ में पहले चरण का मतदान खत्म होने के साथ ही राजनीतिक दल अपनी-अपनी जीत का दाव करने लगे हैं। इसके साथ ही दूसरे चरण की 70 सीटों पर घमासान तेज हो गई है। दोनों प्रमुख राष्ट्रीय राजनीतिक दलों के साथ ही दूसरी पार्टियां पूरी ताकत मैदानी क्षेत्रों की सीटों पर झोंक रही हैं। सियासी दलों को भी मालूम है कि पहले चरण में मुकाबला लगभग बराबरी का रहा है। सरगुजा संभाग की भी स्थिति लगभग ऐसी ही रहेगी। ऐसे में सरकार किसकी बनेगी यह अब यह राज्य के मैदानी क्षेत्र यानी रायपुर, दुर्ग और बिलासपुर संभाग के वोटर तय करेंगे।
2018 में कर्ज माफी और धान बोनस के दम पर सत्ता में आई कांग्रेस ने इस बार भी कर्ज काफी और धान की ज्यादा कीमत का वादा किया है। भाजपा ने भी अपनी नीतियों से समझौता करते हुए धान की कीमत बढ़ाने के साथ ही कई लोक लुभावने वादे किए हैं। राजनीतिक विश्लेषकों की राय में प्रदेश में धान की सबसे ज्यादा खेती रायपुर, दुर्ग और बिलासपुर संभाग में होती है। ऐसे में कांग्रेस और भाजपा की घोषणाओं का सबसे ज्यादा असर भी इन्हीं क्षेत्रों में होगा। यही वजह है कि नेता भी मान रहे हैं कि इस बार सरकार का फैसला इन्हीं मैदानी क्षेत्रों के वोट से होगा।
बता तें चले कि बिलासपुर संभाग में विधानसभा की कुल 24 सीटें हैं। इनमें जांजगीर-जांपा, बिलासपुर (अविभाजित), बेमेतरा और कोरबा बड़े धान उत्पादन वाले क्षेत्र हैं। दुर्ग संभाग में कुल 20 सीटें हैं। पहले चरण में 8 पर मतदान हो चुका है। बाकी बची सभी 12 सीटें में अविभाजित दुर्ग जिला की है। वहीं, रायपुर संभाग में 20 सीट है। इसमें महासमुंद, धमतरी, बलौदाबाजार और रायपुर भी बड़े धान उत्पादक क्षेत्र हैं। इस बार धान बेचने के लिए 25 लाख 59 हजार 943 किसानों ने पंजीयन कराया है। इसमें से 80 प्रतिशत किसान इन्हीं तीनों संभाग के हैं।