Begin typing your search above and press return to search.

Chhattisgarh Assembly Election 2023: छत्‍तीसगढ़ भाजपा के ये 8 चेहरे: इन्‍हीं नेताओं को आगे रखकर पार्टी लड़ेगी 2023 का चुनावी रण

Chhattisgarh Assembly Election 2023: 2023 के विधानसभा चुनाव में भाजपा का चेहरा कौन होगा, यह सवाल बार-बार किया जा रहा है, लेकिन पार्टी इस बार किसी एक चेहरे की बजाय सामूहिक नेतृत्‍व के दम पर चुनाव मैदान में उतरी है।

Chhattisgarh Assembly Election 2023: छत्‍तीसगढ़ भाजपा के ये 8 चेहरे: इन्‍हीं नेताओं को आगे रखकर पार्टी लड़ेगी  2023 का चुनावी रण
X
By Sanjeet Kumar

Chhattisgarh Assembly Election 2023: रायपुर। छत्‍तीसगढ़ में चुनावी रणभेरी बज चुकी है। 5 साल पहले हाथ से निकली प्रदेश की सत्‍ता को फिर से हासिल करने के लिए भाजपा पूरी ताकत झोंक रही है। 15 साल की सत्‍ता के बाद 2018 में केवल 15 सीटों पर सिमटी भाजपा इस बार प्रदेश के विधानसभा चुनाव को कितनी गंभीरता से ले रही है इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि चुनाव की पूरी जिम्‍मेदारी केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अपने हाथ में ले रखी है। देशभर से पार्टी के नेता यहां का दौरा कर रहे हैं। देशभर के नेताओं को अलग-अलग विधानसभाओं की जिम्‍मेदारी दी गई है। न केवल जिम्‍मेदारी दी गई बल्कि उन्‍हें चुनाव तक लगातार विधानसभा क्षेत्रों में सक्रिय रहने का निर्देश भी दिया गया है।

प्रदेश में पिछले तीन चुनाव (2008, 2013 और 2018) डॉ. रमन सिंह भाजपा का प्रमुख चेहरा थे, लेकिन इस बार ऐसा नहीं है। पार्टी इस बार किसी एक चेहरे की बजाय समूहिक नेतृत्‍व में चुनाव लड़ने का फैसला किया है। पार्टी का लगभग हर बड़ा नेता इस वक्‍त सक्रिय है। परिवर्तन यात्रा से लेकर दूसरे राज्‍यों और राष्‍ट्रीय नेताओं के कार्यक्रमों में पार्टी के कई चेहरे नजर आ रहे हैं, लेकिन इनमें से ज्‍यादातर नेता टिकट की घोषणा होने के साथ ही अपने क्षेत्र में सक्रिय हो जाएंगे। ऐसे में पार्टी ने 8 ऐसे चेहरे तय किए हैं, जो पूरे चुनाव के दौरान सभी 90 विधानसभा सीटों में नजर आएंगे। दूसरे शब्‍दों में कहें तो पार्टी इन्‍हीं 8 चेहरों को आगे करके चुनाव लड़ेगी।

जानिए...भाजपा के इन 8 चेहरों के बारे में


डॉ. रमन सिंह: प्रदेश के 15 वर्ष तक मुख्‍यमंत्री रहे डॉ. रमन सिंह छत्‍तीसगढ़ में भाजपा के सबसे बड़ा चेहरा माने जाते हैं। मुख्‍यमंत्री की कुर्सी गंवाने के बाद भी पार्टी में उनका महत्‍व बना हुआ है। पार्टी संगठन में उन्‍हें राष्‍ट्रीय उपाध्‍यक्ष का पद दिया गया है। प्रदेश में होने वाले हर बड़े कार्यक्रम के मंच और बैठक में डॉ. रमन अब भी नजर आते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित अन्‍य राष्‍ट्रीय नेताओं के भाषण में डॉ. रमन का जिक्र जरुर आता है।



अरुण साव: प्रदेश के मौजूदा प्रदेश अध्‍यक्ष अरुण साव इस वक्‍त परिवर्तन यात्रा का नेतृत्‍व कर रहे हैं। साव साहू समाज से आते हैं। माना जाता है कि प्रदेश में सबसे ज्‍यादा वोटर इसी वर्ग के हैं। संघ की पृष्‍ठभूमि से आने वाले साव बिलासपुर से सांसद हैं। 2018 में सत्‍ता हाथ से निकलने के बाद प्रदेश संगठन में चल रही अंदरुनी तनातनी साव के अध्‍यक्ष बनने के बाद से लगभग खत्‍म हो गई है। प्रदेश अध्‍यक्ष नाते प्रदेश में होने वाले हर बड़े कार्यक्रम और बैठकों में मौजूद रहते हैं। पेशे से अधिवक्‍ता साव की गिनती अच्‍छे वक्‍ता के साथ ही सब को साथ लेकर चलने वाले नेता में होती है।



रामविचार नेताम: रमन कैबिनेट में दो बार मंत्री रहे नेताम भाजपा ही नहीं प्रदेश के बड़े आदिवासी नेता माने जाते हैं। राज्‍य की आबादी में 32 प्रतिशत हिस्‍सा एसटी वर्ग का है। नेताम राज्‍य में मंत्री रहते हुए कई बार आदिवासी मुख्‍यमंत्री की मांग कर चुके हैं। पिछले कुछ समय से पार्टी में इनका महत्‍व बढ़ा है। पार्टी ने नेताम को उनकी पुरानी सीट रामानुजगंज से फिर से टिकट दिया है। परिवर्तन यात्रा के मंच पर भी बराबर दिख रहे हैं। चुनावी माहौल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का छत्‍तीसगढ़ में पहला कार्यक्रम रायपुर में 7 जुलाई को हुआ। इस कार्यक्रम की एक क्रॉप की हुई फोटो पीएम ने ट्वीट किया था, उस फोटो में एक तरफ नेताम और दूसरी तरफ विष्‍णुदेव साय थे।



विजय बघेल: पहले कांग्रेस फिर एनसीपी होते हुए भाजपा में पहुंचे विजय बघेल पार्टी का बड़ा ओबीसी चेहरा बन गए हैं। विजय बघेल कुर्मी समाज से आते हैं जिनका प्रदेश की आबादी और राजनीति में अच्‍छा दबदबा है। पार्टी ने इन्‍हें अपनी घोषणा पत्र समिति का समन्‍वयक बनाकर बड़ी जिम्‍मेदारी दी है। पार्टी ने इन्‍हें पाटन सीट से प्रत्‍याशी घोषित किया है। मुख्‍यमंत्री भूपेश बघेल भी पाटन सीट से ही चुनाव लड़ते हैं। विजय बघेल 2008 में इस सीट से विधायक चुने गए थे।



सरोज पांडेय: भाजपा की एक मात्र राज्‍यसभा सांसद सरोज पांडेय लंबे समय से भाजपा के राष्‍ट्रीय संगठन में सक्रिय रही हैं। राष्‍ट्रीय महामंत्री रहीं हैं और अभी वे राष्‍ट्रीय उपाध्‍यक्ष हैं। सरोज पांडेय अच्‍छी वक्‍ता होने के साथ ही इनकी गिनती तेजतर्रार नेताओं में होती है। सरोज पांडेय महापौर, विधायक और लोकसभा सांसद रह चुकी हैं। पार्टी के लगभग हर बड़े कार्यक्रम और बैठक में इनकी उपस्थिति रहती है। महाराष्‍ट्र जैसे बड़े राज्‍य की प्रभारी रह चुकी हैं यानी राष्‍ट्रीय नेतृत्‍व इन पर पूरा भरोसा करता है।



ओपी चौधरी: आईएएस की नौकरी छोड़कर राजनीति में आए ओपी चौधरी इस चुनाव में भाजपा के बड़े ब्रांड हैं। अमित शाह से लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंच पर कार्यक्रम संचालन करते नजर आते हैं। ओबीसी वर्ग से आने वाले चौधरी 2018 में ख‍रसिया से विधानसभा चुनाव हार गए थे, इसके बावजूद यूथ और ओबीसी के महत्व को देखते बीजेपी ओपी चौधरी को फ्रंट के नेताओ में रख रही। संगठन की जिम्‍मेदारी के साथ ही ओपी चौधरी प्रदेश की सरकार पर अटैक और काउंटर अटैक का सबसे बड़ा हथियार हैं। अधिकांश प्रेस कांफ्रेंस उनसे कराए जा रहे हैं। संघ में भी उनका बढ़िया संपर्क है।



धरमलाल कौशिक: बिल्‍हा सीट से विधायक धरमलाल कौशिक राजनीति में किस्‍मत के धनी हैं। ओबीसी वर्ग से आने वाले कौशिक प्रदेश अध्‍यक्ष रह चुके हैं। विधानसभा के अध्‍यक्ष और नेता प्रतिपक्ष की भी जिम्‍मेदारी संभाल चुके हैं। करीब डेढ़ साल पहले उन्‍हें नेता प्रतिपक्ष के पद से हटाया गया, इसके बावजूद पार्टी संगठन में उनका महत्‍व कम नहीं हुआ है। परिवर्तन यात्रा के साथ ही पार्टी के हर बड़े कार्यक्रम में नजर आते हैं। कौशिक की गिनती सौम्‍य और सहज नेताओं में होती है।



लता उसेंडी: रमन कैबिनेट में मंत्री रह चुके लता उसेंडी को हाल ही में भाजपा का राष्‍ट्रीय उपाध्‍यक्ष बनाया गया है। परिवर्तन यात्रा के दौरान पूरे बस्‍तर संभाग में हर कार्यक्रम में लता उसेंडी प्रमुख वक्‍ता के रुप में नजर आईं। लता प्रदेश की उन चंद आदिवासी महिलाओं में शामिल हैं जो एक बार से ज्‍यादा विधानसभा का चुनाव जीती हैं। हालांकि पिछले दो चुनावों से वे लगातार हार रहीं हैं, लेकिन पार्टी का बड़ा आदिवासी चेहरा बनी हुई हैं। चुनावी गतिविधि बढ़ने के साथ ही उनका महत्‍व भी बढ़ता हुआ दिख रहा है।

Sanjeet Kumar

संजीत कुमार: छत्‍तीसगढ़ में 23 वर्षों से पत्रकारिता में सक्रिय। उत्‍कृष्‍ट संसदीय रिपोर्टिंग के लिए 2018 में छत्‍तीसगढ़ विधानसभा से पुरस्‍कृत। सांध्‍य दैनिक अग्रदूत से पत्रकारिता की शुरुआत करने के बाद हरिभूमि, पत्रिका और नईदुनिया में सिटी चीफ और स्‍टेट ब्‍यूरो चीफ के पद पर काम किया। वर्तमान में NPG.News में कार्यरत। पंड़‍ित रविशंकर विवि से लोक प्रशासन में एमए और पत्रकारिता (बीजेएमसी) की डिग्री।

Read MoreRead Less

Next Story