Chhattisgarh Assembly Election 2023: CG सबसे बड़े शिकारी: इस पूर्व विधायक के नाम दर्ज है विश्व में सबसे ज्यादा आदमखोर बाघ मारने का रिकॉर्ड, जानें किससे है सीधा कनेक्शन...
Chhattisgarh Assembly Election 2023: अविभाजित मध्यप्रदेश में अंबिकापुर के पहले विधायक थे राजा रामानुज शरण सिंहदेव. उन्होंने 1100 बाघ मारे थे. वैसे, यह भी कहा जाता है कि उन्होंने 1700 से ज्यादा बाघ मारे थे, लेकिन इसका स्पष्ट रिकॉर्ड नहीं है...
Chhattisgarh Assembly Election 2023: रायपुर. शिकार करना राजाओं का शौक होता था. वे राजपाट के बाद मन बहलाने के लिए शिकार पर जाते थे. ऐसे किस्से हमने किताबों में पढ़े. फिल्मों में देखे हैं. पर क्या आप यह जानते हैं कि छत्तीसगढ़ के ऐसे भी राजा रहे हैं, जिनके नाम पर विश्व में सबसे ज्यादा आदमखोर बाघों को मारने का रिकॉर्ड है. दो-चार, दस-बीस या पचास-सौ नहीं, बल्कि 1100 बाघ मारने का रिकॉर्ड. वैसे कुछ स्थानों पर इस बात का भी उल्लेख है कि उन्होंने 1700 से ज्यादा बाघ मारे थे. हालांकि इस संबंध में स्पष्ट रिकॉर्ड नहीं है. ज्यादा भूमिका बांधने के बजाय हम परिचय कराते हैं. नाम है, महाराजा रामानुज शरण सिंहदेव. सरगुजा रियासत के 115वें राजा थे. उनकी इतनी प्रसिद्धी थी कि एक बार एक खंूखार गैंडे को मारने के लिए अफ्रीका बुलाया गया था. 1951 में जब पहली बार विधानसभा के चुनाव हुए थे, तब महाराजा रामानुज शरण सिंहदेव विधायक बने थे. एक और रोचक किस्सा यह भी है कि महाराजा रामानुज शरण सिंहदेव छत्तीसगढ़ के डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव के परदादा थे.
सरगुजा रियासत के जानकार गोविंद शर्मा ने टीवी इंटरव्यू में बताया था कि सरगुजा के महाराजा रामानुज शरण सिंहदेव का जन्म 1893 में हुआ था. वे 1917 से 1965 तक सरगुजा रियासत के महाराजा रहे. 1965 में उनका निधन हो गया. वे विश्व के टॉप टेन शिकारियों में हमेशा पहले नंबर पर रहे.
जब खूंखार गैंडे को मारने के लिए आया बुलावा
महाराजा रामानुज शरण सिंहदेव विश्व में इतने ज्यादा चर्चित थे कि एक बार अफ्रीका में एक घायल गैंडे ने आतंक मचा दिया. बताते हैं कि खास तरह का गैंडा था. उसे कोई भी शिकारी मार नहीं पाया था. इस बीच किसी शिकारी ने उसे घायल कर दिया. इसके बाद वह और खंूखार और वहशी हो गया. तब बरतानिया हुकूमत ने महाराजा से मदद मांगी. विशेष विमान भेजा गया. इससे वे अफ्रीका गए और हाई कैलिबर बंदूक से गैंडे को मार गिराया. अफ्रीका में महाराजा रामानुज शरण सिंहदेव को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया था. इस मौके पर विश्वभर के शिकारी जमा हुए थे और मूक सिनेमा भी बनी थी.
एक ही दिन में 13 लेपर्ड का शिकार
महाराजा रामानुज शरण सिंहदेव के शिकार के कई और रोचक किस्से हैं. उन्होंने विश्व के अंतिम तीन एशियाटिक चीतों का शिकार किया था. उन्होंने दो हजार तेंदुए मार गिराए थे. इसके अलावा एक ही दिन में 13 तेंदुए का शिकार करने का भी रिकॉर्ड बनाया था.
सरगुजा रियासत के सोशल मीडिया पर एक पोस्ट के मुताबिक, हिज हाइनेस महाराजा रामानुज शरण सिंहदेव ब्रिटिश सरकार के आतिथ्य में विशेष विमान से अफ्रीका गए थे. इस ट्रिप में वे विभिन्न जगहों में पड़ाव डालते हुए 03.08.1935 को मोम्बासा (मोमबासा) पहुंचे थे और उसी दिन लाल साहेब रामानुज प्रताप सिंह और डॉक्टर साहेब के साथ शहर घूमने निकले थे, तथा अगले दिन 04.08.1935 को जंजीबार प्रस्थान किये थे. महाराजा के साथ उनके निजी हज्जाम हुसैनी ठाकुर भी अफ्रीका यात्रा में साथ थे. हुसैनी ने ही कई किस्सों को दर्ज किया था.