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Chhattisgarh Assembly Election 2023: बघेलों के बीच जोगी: कितनी टफ होगी पाटन की जंग...पढ़ि‍ए NPG की इस रिपोर्ट में

Chhattisgarh Assembly Election 2023: जनता कांग्रेस छत्‍तीसगढ़ (जोगी) के प्रदेश अध्‍यक्ष अमित जोगी ने दुर्ग जिला की पाटन सीट से नामांकन दाखिल कर दिया है। इससे पहले से हाई वोल्‍टेज पाटन की सीट का वोल्‍टेज और हाई होने की संभावना बढ़ गई है।

Chhattisgarh Assembly Election 2023: बघेलों के बीच जोगी: कितनी टफ होगी पाटन की जंग...पढ़ि‍ए NPG की इस रिपोर्ट में
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By Sanjeet Kumar

Chhattisgarh Assembly Election 2023: रायपुर। ना..ना... करते अंतत: अमित जोगी आज विधानसभा चुनाव के मैदान में उतर गए। अमित ने चुनाव लड़ने के लिए जिस सीट को चुना है वह सभी के लिए चौकाने वाला है। जोगी परिवार अब तक बिलासपुर संभाग में ही चुनाव लड़ता रहा है। खुद अमित जोगी मरवाही सीट से विधायक रहे हैं। अजीत जोगी भी मरवाही सीट से लगातार चुनाव लड़े। अमित की मां डॉ. रेणु जोगी बिलासपुर जिला की कोटा सीट से लगातार विधायक हैं। इस बार भी डॉ. जोगी ने वहीं से नामांकन दाखिल किया है। वहीं, अमित की पत्‍नी ऋचा जोगी ने पिछली बार की तरह इस बार भी अकलतरा सीट से पर्चा भरा है।

जाति को लेकर विवाद को देखते हुए अमित जोगी के मरवाही छोड़कर बिलासपुर संभाग की ही किसी सामान्‍य सीट से चुनाव लड़ने की उम्‍मीद की जा रही थी। लेकिन अमित जोगी पहले चुनाव लड़ने से लगातार इन्‍कार करते रहे। आज वे अचानक वे दुर्ग कलेक्‍टोरेट पहुंच गए और पाटन सीट से नामांकन दाखिल कर दिया।

नामांकन के बाद अमित ने कहा कि मैंने पाटन से आज अपना नामांकन भरा है। ये चुनाव 'भूपेश' नही 'भ्रष्टाचार' के विरुद्ध है। यह एक ताकतवर दाऊ 'परिवार' बनाम पाटन के गरीब, अनुसूचित जाति-जनजाति, अतिपिछड़ा वर्गों के 'अधिकार' का चुनाव है। मैं तो केवल चेहरा हूं, प्रत्याशी तो पाटनवासी हैं, प्रत्याशी तो पीएससी घोटाला पीड़ित हैं, आवास पीड़ित हैं, वादाखिलाफी पीड़ित हैं, नियमितीकरण पीड़ित हैं, शराबबंदी पीड़ित हैं। मैं तो भ्रष्टाचार के विरुद्ध, इन सभी पीड़ितों का प्रतिनिधित्व कर रहा हूं। मेरे पास 'सेफ' सीट से जीतने के तीन विधानसभाओं के विकल्प थे, मैं दो सीटों से भी लड़ सकता था लेकिन मैंने अकेले पाटन से ही लड़ने का निर्णय पाटनवासियों के कहने पर लिया है। मैंने पिछले एक महीने में पाटन विधानसभा क्षेत्र में तीन बडी सभायें की हैं। मेरे आने के बाद, पाटन में पहली बार चुनाव होगा, अभी तक तो एक ही परिवार के चाचा-भतीजा की सेटिंग होती आयी है, चुनाव तो अब होगा। 'पाटन में परिवर्तन' तय है। पाटनवासियों की जीत होगी।

अमित के इस फैसले से पाटन का चुनावी वोल्‍टेज बढ़ने की संभावना बढ़ गई है। वजह यह है कि इसी सीट से चुनाव जीतकर भूपेश बघेल मुख्‍यमंत्री बने हैं, फिर वे इसी सीट से चुनाव मैदान में हैं। उधर, भाजपा ने अपने दुर्ग सांसद विजय बघेल को मैदान में उतार दिया है। विजय बघेल रिश्‍ते में भूपेश बघेल के भतीजा हैं। भूपेश और विजय इससे पहले तीन बार पाटन के रण में आमने- सामने आ चुके हैं। इसमें अब तक पलड़ा भूपेश बघेल का भारी रहा है, लेकिन इस बार अमित जोगी के मैदान में आने से मुकाबला त्रिकोणी होने की संभावना बढ़ गई है।

राजनीतिक विश्‍लेषक भी मान रहे हैं कि इस बार पाटन सीट पर मुकाबला रोचक होगा। इसमें यह भी देखना दिलचस्‍प होगा कि अमित जोगी कितना और किसका वोट खींचते हैं। 2018 के चुनाव में उनकी पार्टी के प्रत्‍याशी ने करीब 13 हजार वोट हासिल किया था। यहां गौर करने वाली बात यह भी है कि पिछली बार भाजपा ने इस सीट से विजय बघेल को टिकट नहीं दिया था।


भाजपा और जेसीसी दोनों के प्रत्‍याशी साहू

2018 के चुनाव में जेसीसी पहली बार रण में थी। पार्टी ने इस सीट से शकुंतला साहू को टिकट दिया था। वहीं भाजपा की तरफ से मोतीलाल साहू मैदान में थे। पाटन सीट पर 83 प्रतिशत मतदाना हुआ। भूपेश बघेल ने एक तरफा लगभग 52 प्रतिशत वोट हासिल किया। भाजपा के खात में करीब 35 और जेसीसी के हिस्‍से में लगभग 8 प्रतिशत वोट गया। इन दोनों का वोट मिला ले तो भी यह भूपेश बघेल की वोट के बराबर नहीं पहुंच पाएगा।

राजनीतिक विश्‍लेषकों की राय में पाटन के वोटरों का एक वर्ग ऐसा है जो हर बार पाला बदलता है। इस बात की पुष्टि पाटन विधानसभा के चुनावी आंकड़े करते हैं। 2013 में पाटन सीट से प्रत्‍याशी रहे विजय बघेल को करीब 41 प्रतिशत वोट मिला था। भूपेश बघेल ने 47 प्रतिशत वोट हासिल किया था। 2008 में जब विजय बघेल जीते थे तब उन्‍हें 48 और भूपेश बघेल को 41 प्रतिशत वोट से संतोष करना पड़ा। 2018 में भूपेश बघेल का वोट शेयर बढ़कर 52 प्रतिशत हो गया।

पाटन में विजय बघेल का भी बड़ा जनाधारा

2008 के विधानसभा चुनाव को छोड़ दें तो भूपेश बघेल 1993 से पाटन सीट का प्रतिनिधित्‍व कर रहे हैं। 2018 में वे पांचवीं बार इस सीट से जीते है। भूपेश का पाटन क्षेत्र में अच्‍छा प्रभाव है, लेकिन क्षेत्र में विजय बघेल के जनाधार से भी इन्‍कार नहीं किया जा सकता। 2003 में जब पहली बार विजय बघेल पाटन सीट से भूपेश बघेल के खिलाफ मैदान में उतरे तब भूपेश बघेल दो बार चुनाव जीत चुके थे। विजय बघेन नई नवेली पार्टी एनसीसी की टिकट पर उतरे थे। इसके बावजूद उन्‍होंने लगभग 29 प्रतिशत वोट हासिल किया। 23 प्रतिशत वोट शेयर के साथ भाजपा तीसरे नंबर पर रही, वहीं भूपेश बघेल 34 प्रतिशत वोट शेयर के साथ विधायक चुने गए।

अमित जोगी का पहला विधानसभा चुनाव

अमित जोगी ने 2013 में पिता अजीत जोगी की मरवाही सीट से पहली बार विधानसभा का चुनाव लड़ा था। अमित के साथ पिता के नाम के साथ कांग्रेस का चुनाव चिन्‍ह भी था। अमित वह चुनाव कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ा। अमित जोगी ने 82909 वोट हासिल किया जो कुल मतदान का लगभग 59 प्रतिशत था। दूसरे नंबर पर रही भाजपा की प्रत्‍याशी को 26 प्रतिशत वोट शेयर के साथ संतोष करना पड़ा।

Sanjeet Kumar

संजीत कुमार: छत्‍तीसगढ़ में 23 वर्षों से पत्रकारिता में सक्रिय। उत्‍कृष्‍ट संसदीय रिपोर्टिंग के लिए 2018 में छत्‍तीसगढ़ विधानसभा से पुरस्‍कृत। सांध्‍य दैनिक अग्रदूत से पत्रकारिता की शुरुआत करने के बाद हरिभूमि, पत्रिका और नईदुनिया में सिटी चीफ और स्‍टेट ब्‍यूरो चीफ के पद पर काम किया। वर्तमान में NPG.News में कार्यरत। पंड़‍ित रविशंकर विवि से लोक प्रशासन में एमए और पत्रकारिता (बीजेएमसी) की डिग्री।

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